16 दिसंबर 2012 को जब गोरखपुर की निर्भया के साथ दिल्ली में दरिंदगी हुई थी तो पूरे देश का खून खौल उठा था। लोग सड़कों पर उतर आए थे और इंडिया गेट-राष्ट्रपति भवन पर प्रदर्शन कर सरकार से न्याय की मांग कर रहे थे। लोगों का गुस्सा देख एकबारगी ऐसा लगा था कि शायद अब किसी निर्भया के साथ ऐसी कोई घटना नहीं घटेगी। लेकिन महिलाओं के विरुद्ध लगातार हो रही अपराध की घटनाएं बता रही हैं कि निर्भया कांड में उपजा लोगों का गुस्सा कब का यमुना में बह चुका है और राजधानी अब भी महिलाओं के लिए उतनी ही असुरक्षित है, जितनी कि कभी पहले थी। एक सभ्य समाज के लिए ये आंकड़े बेहद शर्मनाक हैं कि देश की राजधानी दिल्ली में प्रतिदिन औसतन दो से ज्यादा नाबालिग बेटियों और लगभग छह महिलाओं के साथ दुष्कर्म होता है।
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महिलाओं के लिए कितनी असुरक्षित है दिल्ली
महिला सुरक्षा पर राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया जानने से पहले यह जान लेते हैं कि राजधानी दिल्ली महिलाओं के लिए कितनी असुरक्षित है। एनसीआरबी की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली महिलाओं के लिए बहुत असुरक्षित है। अकेले 2021 में राजधानी में महिलाओं के विरुद्ध 13,892 घटनाएं घटीं। मेट्रोपॉलिटिन शहरों के मामले में सबसे ज्यादा अपराध दिल्ली में ही हो रहे थे। इस वर्ग में मुंबई दूसरे नंबर पर है, जहां उसी समयावधि में दिल्ली से लगभग आधे यानी 5543 अपराध हुए। 3127 आपराधिक घटनाओं के साथ बेंगलुरु इस मामले में तीसरे नंबर पर था।
हर दिन दो से ज्यादा बेटियों, पांच से ज्यादा महिलाओं से दुष्कर्म
दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ सबसे ज्यादा अपराध (3948) अपहरण के दर्ज कराए गए थे। इसके बाद पतियों द्वारा पत्नियों को प्रताड़ित करने के सबसे ज्यादा 4674 मामले दर्ज कराए गए थे। नाबालिग बच्चियों से यौन दुष्कर्म करने की 833 घटनाएं (2.28 दुष्कर्म प्रतिदिन का औसत) दर्ज की गई थीं, तो दहेज हत्या के 136 मामले सामने आए। पुलिस ने पॉक्सो एक्ट के अंदर 1357 मामले (केवल बच्चियों के मामले में) दर्ज किए थे। आंकड़ों के अनुसार, 2021 में दिल्ली में महिलाओं की मर्यादा भंग के 2022 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 2076 मामले दुष्कर्म के दर्ज किए गए। यानी दिल्ली में प्रतिदिन औसतन 5.68 महिलाओं से दुष्कर्म होता है।
राजनीति तेज
राजधानी के लोग इस बात पर बेहद नाराज हैं कि इस तरह की वीभत्स घटनाओं पर भी हमेशा राजनीति भारी पड़ जाती है। निर्भया कांड के समय अरविंद केजरीवाल सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी पर निष्क्रिय होने का आरोप लगा रहे थे। आज आम आदमी पार्टी की दिल्ली में सरकार है, तो वह दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था केंद्र के हाथ होने के कारण दिल्ली पुलिस और उपराज्यपाल को दोषी ठहरा रहे हैं। वहीं, भाजपा और विश्व हिंदू परिषद ने इस घटना को लव जिहाद बताया है और कहा है कि अरविंद केजरीवाल अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए इसे लव जिहाद नहीं बता रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने साक्षी हत्याकांड पर दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली में खुलेआम एक नाबालिग बच्ची की हत्या कर दी जाती है। अपराधियों में पुलिस का कोई डर नहीं है। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था उपराज्यपाल की जिम्मेदारी है। उन्हें दिल्ली की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए।
दिल्ली सरकार में शिक्षा मंत्री आतिशी मार्लेना ने कहा कि संविधान ने लोगों के सुरक्षा की जिम्मेदारी उपराज्यपाल को दी है। लेकिन वे अपना सारा समय केजरीवाल सरकार के काम रोकने में लगाते हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं और उपराज्यपाल को महिलाओं की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए।
भाजपा ने आरोप लगाया
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल जानते हैं कि शाहबाद में हिंदू युवती साक्षी की मुस्लिम युवक साहिल पुत्र सरफराज के द्वारा की गई है। यह सीधे तौर पर लव जिहाद की घटना है। लेकिन अरविंद केजरीवाल इसे लव जिहाद कहने से बच रहे हैं क्योंकि इससे उनके मतदाता दूर हो जाएंगे। बेटियों के मामले में इस तरह की राजनीति नहीं की जानी चाहिए। सचदेवा ने अभियुक्त साहिल सरफराज़ को गिरफ्तार करने पर संतोष व्यक्त करते हुये कहा कि इस हत्याकांड का मुकदमा फास्टट्रैक कोर्ट में चलना चाहिये और आरोपी को कठोर सजा दी जानी चाहिए।
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कांग्रेस ने कहा
कांग्रेस प्रवक्ता रितु चौधरी ने अमर उजाला से कहा कि दिल्ली में केंद्र सरकार महिलाओं की सुरक्षा करने में बुरी तरह असफल साबित हुई है। जब उसके अपने सांसद महिलाओं का अपमान करते हैं और ऐसे मामलों पर कार्रवाई नहीं होती है, तो अपराधियों के हौंसले बुलंद होते हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में भाजपा और अरविंद केजरीवाल के बीच चल रही राजनीति में दिल्ली की बेटियों की जिंदगी बर्बाद हो रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस को हर हाल में बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।
विहिप ने कहा
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि जब द केरल स्टोरी फिल्म का मामला सामने आया था तब एक वर्ग इसे झूठ करार दे रहा था, लेकिन साक्षी हत्याकांड के बाद यह समझ आता है कि यह बात एक सच्चाई है और इसके बारे में हिंदू युवतियों को जागरूक किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस तरह एक मुस्लिम युवक साहिल सरफराज ने हाथ में कलावा बांधकर युवती को अपने धर्म के बारे में धोखे में रखा, यह दर्शाता है कि साक्षी के साथ प्रेम के नाम पर छल किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि इन मामलों की त्वरित जांच कर आरोपी को फांसी की सजा दी जानी चाहिए तभी इस तरह की घटनाओं पर रोक लगेगी।