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दिल्ली फिर अव्वल: सरकार ने पेश की आर्थिक समीक्षा, राष्ट्रीय औसत से 2.6 गुना अधिक राजधानी की प्रति व्यक्ति आय

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: Vikas Kumar Updated Mon, 20 Mar 2023 10:43 PM IST
सार

दिल्ली सरकार की तरफ से विधानसभा में सोमवार को पेश आर्थिक समीक्षा में यह आंकड़े उजागर किए गए। इसमें कहा गया है कि दिल्ली की अर्थव्यवस्था कोविड की मार के बावजूद पटरी पर लौट आई है।

Delhi per capita income is 2.6 times comparison to national average
वित्त मंत्री कैलाश गहलौत - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

प्रति व्यक्ति आय के मामले में दिल्ली एक बार फिर अव्वल रही है। दिल्ली सरकार के अग्रिम अनुमान में सालाना प्रति व्यक्ति आय 4,44,768 रुपये है। पिछले वर्ष की तुलना में इसमें 14.18 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। राष्ट्रीय औसत की तुलना में दिल्ली की आय करीब 2.6 गुना ज्यादा है। 

कर संग्रह के मामले में भी 2021-22 के दौरान 36 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। कोविड महामारी 2020-21 के दौरान इसमें 19.53 फीसदी की नकारात्मक वृद्धि हुई थी। दिल्ली सरकार की तरफ से विधानसभा में सोमवार को पेश आर्थिक समीक्षा में यह आंकड़े उजागर किए गए। इसमें कहा गया है कि दिल्ली की अर्थव्यवस्था कोविड की मार के बावजूद पटरी पर लौट आई है।

विधानसभा में दिल्ली की आर्थिक सेहत बताने वाला आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने पेश किया। इसमें दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय प्रचलित और स्थिर मूल्यों पर राष्ट्रीय औसत की तुलना में लगभग 2.6 प्रतिशत अधिक बताई गई है। 

सर्वेक्षण में कहा गया है कि दिल्ली में आर्थिक गतिविधि राष्ट्रीय स्तर की तुलना में अधिक तेजी से बहाल हुई है। 2021-22 और 2022-23 में दिल्ली के वास्तविक घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में 9.14 और 9.18 फीसदी की वृद्धि हुई है। वहीं, वर्ष 2022-23 के दौरान प्रचलित मूल्यों पर दिल्ली के जीएसडीपी का अग्रिम अनुमान 10,43,759 करोड़ रुपये है, जो वर्ष 2021-22 के मुकाबले 15.38 प्रतिशत अधिक है। अग्रिम अनुमान की बात करें तो जीएसडीपी 2022-23 के दौरान 6,52,649 करोड़ रुपये दर्ज किया गया है।

सेवा क्षेत्र का योगदान अधिक
दिल्ली की अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र का सबसे अधिक योगदान सर्वेक्षण में दर्ज किया गया है। 2022-23 के दौरान प्रचलित मूल्यों पर सकल राज्य मूल्यवद्धि में इस क्षेत्र का योगदान 84.84 प्रतिशत है। इसके बाद द्वितीयक क्षेत्र का योगदान 12:53 और प्राथमिक क्षेत्र का योगदान दिल्ली की अर्थव्यवस्था में 2.63 प्रतिशत दर्ज किया गया है। 

इसी तरह राजस्व आधिक्य में स्थिति बरकरार है। वर्ष 2021-22 में यह बढ़कर अनंतिम 3270 करोड़ रुपये हो गया, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में 1450 करोड़ रुपये था। जीएसडीपी की बात करें तो पिछले वित्तीय वर्ष में 0.36 प्रतिशत था जो बजट अनुमान के अनुसार बढ़कर 0.73 प्रतिशत हो गया है। बकाया ऋण के मामले में भी अच्छी स्थिति सर्वेक्षण में है। 

2011-12 में सरकार पर 29608.28 करोड़ रुपये का बकाया था जो इसके जीएसडीपी के 8.61 प्रतिशत के बराबर था। सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार 31 मार्च 2022 तक बकाया ऋण राशि 41481.50 करोड़ रुपये थी, जिसमें ऋण-जीएसडीपी अनुपात 4.59 प्रतिशत पर आ गया है।
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