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चालबाज चीन की चाल: लोन की उगाही के लिए भारतीयों को ठेका दे रहे हैं चाइनीज जालसाज, 30 हजार करोड़ जा चुके चाइना

पुरुषोत्तम वर्मा, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: आकाश दुबे Updated Mon, 20 Mar 2023 06:18 AM IST
सार

चाइनीज एप से जबरदस्ती लोन देकर ठगी करने का चीनी जालसाजों का नेटवर्क पूरे देश में फैल रहा है। देश का हर पांचवां-छठा व्यक्ति चीनी एप लोन जालसाजों का शिकार हो रहा है। ये लोग एक तो बैंक में जबरदस्ती पैसे भेज देते हैं और उसकी उगाही करते हैं। कई बार भारतीय लोग शॉर्ट टर्म लोन लेकर इनके चंगुल में फंस जाते हैं।

Chinese apps are cheating by forcibly giving loans
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

चाइनीज एप से जबरदस्ती लोन देकर ठगी करने का चीनी जालसाजों का नेटवर्क पूरे देश में फैल रहा है। देश का हर पांचवां-छठा व्यक्ति चीनी एप लोन जालसाजों का शिकार हो रहा है। ये लोग एक तो बैंक में जबरदस्ती पैसे भेज देते हैं और उसकी उगाही करते हैं। कई बार भारतीय लोग शॉर्ट टर्म लोन लेकर इनके चंगुल में फंस जाते हैं। चीनी जालसाज अब नया पैंतरा अजमाते हुए लोन एप की रकम की उगाही का ठेका भारतीयों को देने लगे हैं। हर एप के अलग-अलग रिकवरी एजेंट हैं। पूरी रकम की उगाही पर भारतीय ठेकेदारों को कुल रकम का 30 फीसदी कमीशन दिया जाता है। बताया जा रहा है कि पिछले एक वर्ष में लोन एप के जरिए भारतीयों से ठगे गए 30 हजार करोड़ रुपये चीन जा चुके हैं।

शाहदरा जिला पुलिस उपायुक्त रोहित मीणा ने बताया कि जिले की साइबर थाना पुलिस ने गांव सलीमपुर, पोस्ट अघर जिला मैनपुरी, यूपी निवासी चीनी जालसाजों के रिकवरी एजेंट धर्मेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया है। उसने चीनी जालसाजों की करतूतों से पर्दा उठाया तो पुलिस अधिकारी भौचक्के रह गए। पुलिस उपायुक्त ने बताया कि रिजवान आलम की शिकायत पर नौ मार्च को जिले के साइबर थाने में मामला दर्ज किया गया।

अपनी शिकायत में उसने कहा कि उसके पास किसी तरह का ओटीपी नहीं आया और उसके उज्जीवन स्माल फाइनेंस बैंक में स्थित बैंक खाते से पांच लाख रुपये कई यूपीआई ट्रांजेक्शन से निकल गए। रिजवान ने लोन को चुकाने के लिए अपनी दुकान बेची थी। पुलिस उपायुक्त ने साइबर थाने का काम देख रहे एसीपी संजय कुमार की देखरेख में पुलिस टीम गठित कर जांच शुरू की। पता लगा कि रकम फेडरल, कोटक महिंद्रा बैंक व एचडीएफसी बैंक में स्थित बैंक खातों में ट्रांसफर हुई है। ये बैंक खाते गांव पदमपुर, जिला बिजनौर यूपी निवासी यतीश कुमार के हैं। एसआई नंदन सिंह की टीम ने गांव पदमपुर, बिजनौर, यूपी में दबिश दी और उसे गिरफ्तार कर लिया।

रिकवरी एजेंट प्रताड़ित करने लगा तो बन गया जालसाज 
यतीश ने पूछताछ में बताया कि उसने सन्नी लोन नाम के चीनी एप से लोन लिया था। वह लोन की समय से ईएमआई नहीं दे पाया। उसके बाद उसे रिकवरी एजेंट रमन यादव (असली नाम धर्मेंद्र कुमार ) ने प्रताडि़त करना शुरू कर दिया। ऐसे में यतीश ने धर्मेंद्र से ही नौकरी मांग ली, ताकि वह ईएमआई चुका सके। रमन ने उससे कहा कि उसके बैंक खातों में पांच लाख रुपये डालेगा। वह उसे निकाल कर दे दे। इसके बदले उसने यतीश को 50 हजार रुपये देने की बात कही।  

रिजवान के खाते से ऐसे पैसे निकाले
एसआई नंदन सिंह की टीम ने आरोपी गांव सलीमपुर, पोस्ट अघर जिला मैनपुरी यूपी निवासी रमन यादव उर्फ धर्मेंद्र कुमार को महिपालपुर से गिरफ्तार कर लिया। रमन यादव ने फर्जी कागजातों से सिम जारी करवाया था। ये सिम रिजवान के खाते से लिंक था। उसने रिजवान से बहाने से आधार नंबर आदि लेकर उसके बैंक खाते से पांच लाख रुपये निकाल लिए थे। धर्मेंद्र के पास से सात मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, दस डेबिट कार्ड और पांच सिम कार्ड बरामद किए गए हैं। 

भारत से एक वर्ष में जा चुके हैं 30 हजार करोड़  
धर्मेंद्र ने बताया कि चीनी जालसाज चीन, बैंकाक, थाइलैंड व दुबई आदि देशों में बैठकर भारतीयों को लालच देकर ठगी कर रहे हैं। इन्होंने चीन व इंडोनेशिया में कॉल सेंटर खोल रखे हैं और इन्हींं के जरिए ठगी कर रहे हैं। ये भारत से पैसे उगाही का जिम्मा भारतीयों को देने लगे हैं। भारत में चीनी जालसाजों के करोड़ रिकवरी एजेंट हैं। 

एजेंटों के जरिए ऐसे करते हैं उगाही
चीनी जालसाजों ने भारत में करोड़ों भारतीयों को रिकवरी एजेंट बना रखा है। धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि वह चार चीनी एप सन्नी एप, लिप कैश, फ्री कैश और रमी कैश का रिकवरी एजेंट था। रिकवरी के लिए चीनी जालसाज एक लिंक भेजता है। रिकवरी एजेंट उसे पीड़ित के पास भेज देते हैं। पीडि़त उस लिंक से पैसे जमा करा देता है। जब पैसे चीनी जालसाजों के खाते में चले जाते हैं तो ये 30 फीसदी रकम रिकवरी एजेंट के खाते में डाल देते हैं। 

ऐसे फंसाते हैं जालसाज
शाहदरा जिला डीसीपी रोहित मीणा ने बताया कि जांच में ये बात सामने आई है कि चीनी लोन एप वाले कई तरीकों से पीडि़त को फंसाते हैं। एक तो ये पीड़ित के बैंक खाते में अपनेआप कुछ हजार रुपये भेज देते हैं। इसके बाद ये पीड़ित से कहते थे कि उसने लोन लिया है और अब वह लोन व उसका ब्याज चुका दे। ये पीडि़त से कई गुना पैसे मांगते हैं। 

इन बातों का रखें ध्यान-उपायुक्त 
- लोन एप को गूगल प्लेस स्टोर या फिर गूगल से अपलोड न करें और एप से दूर रहे। 
-यदि एप डाउनलोड कर लिया है। ऐसे में ठगी के शिकार होने पर अपना नंबर बदल दें। 
- इसकी तुरंत पुलिस से शिकायत करें। ताकि समय पर कार्रवाई हो सके।  

पीड़ित खुदकुशी जैसा कदम उठा लेते हैं
साइबर एक्सपर्ट का कहना है कि आरोपी पीडि़त को इस कदम मानसिक रूप से प्रताडि़त करते हैं कि पीड़ित कई बार खुदकुशी कर लेता है। ज्यादातर लोग अवसाद का शिकार हो जाते हैं। हालांकि खुदकुशी के मामले अभी ज्यादा रिपोर्ट नहीं हुए हैं।
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