Hindi News
›
Delhi
›
Delhi NCR News
›
Bapu s death anniversary today Gandhiji spent 214 days in Delhi s Valmiki temple
{"_id":"63d70141622fee21640cf7d9","slug":"bapu-s-death-anniversary-today-gandhiji-spent-214-days-in-delhi-s-valmiki-temple-2023-01-30","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"बापू की पुण्यतिथि आज: दिल्ली के वाल्मीकि मंदिर में गांधीजी ने बिताए थे 214 दिन, यहां आज भी जीवंत हैं यादें","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
बापू की पुण्यतिथि आज: दिल्ली के वाल्मीकि मंदिर में गांधीजी ने बिताए थे 214 दिन, यहां आज भी जीवंत हैं यादें
अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली
Published by: आकाश दुबे
Updated Mon, 30 Jan 2023 04:59 AM IST
सार
लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें
मंदिर के स्वामी कृष्ण शाह विद्यार्थी ने बापू के इस मंदिर के एक कमरे में बिताए 214 दिनों के बारे में कहा कि यहां अक्सर उनसे मिलने के लिए लेडी माउंटबेटन, जवाहर लाल नेहरू सहित देश विदेश के कई गणमान्य लोग पहुंचते थे।
दिल्ली के मंदिर मार्ग स्थित महर्षि वाल्मीकि मंदिर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की यादें अभी भी जीवंत हैं। इस मंदिर में बापू की तख्त, टेबल और कलमदान के अलावा कई यादें जुड़ी हैं। बापू की पुण्यतिथि के लिए उनके कमरे को फूलों से सजाया गया है। यहां सोमवार सुबह एक घंटे के लिए प्रार्थना सभा होगी। इसमें उन्हें श्रद्धांजलि भी अर्पित की जाएगी।
मंदिर के स्वामी कृष्ण शाह विद्यार्थी ने बापू के इस मंदिर के एक कमरे में बिताए 214 दिनों के बारे में कहा कि यहां अक्सर उनसे मिलने के लिए लेडी माउंटबेटन, जवाहर लाल नेहरू सहित देश विदेश के कई गणमान्य लोग पहुंचते थे। बापू मंदिर में आयोजित भजन संध्या में भी शामिल होते थे। अभी भी रोजाना बापू के कमरे में अगरबत्ती जलाई जाती है और पुष्प अर्पित किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि मंदिर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने एक अप्रैल, 1946 से जून 1947 के बीच 214 दिन बिताए थे।
इस दौरान उनसे मुलाकात के लिए लोग पहुंचते थे। बापू की विचारधारा से प्रेरित स्वामी कृष्ण शाह विद्यार्थी ने बताया कि यहां पुण्यतिथि और बापू की जन्मतिथि पर अधिक लोग पहुंचते हैं। साल भर में गांधीजी के जीवन पर अध्ययन करने वाले देश विदेश के शोधार्थी भी यहां पहुंचते हैं। बापू जिस जगह पर बैठकर स्याही से देश के भविष्य के लिए सपनों को कलम से जीवंत रूप में उतारते थे, उनकी यादें अभी ही जिंदा हैं। बापू निवास की दीवारों पर लगी तस्वीरें भले ही धुंधली हो गई और कताई की गई सूत की माला उनके सादा जीवन और उच्च विचार की यादें दिलाती हैं। कमरे में छोटा प्रतीकात्मक चरखा भी है, जो उनकी पहचान था।
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।