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जल दिवसः देहरादून शहर में प्रति व्यक्ति 100 तो गांव में 50 लीटर पानी हो रहा उपलब्ध

हरीश कंडारी, अमर उजाला, देहरादून Published by: Nirmala Suyal Nirmala Suyal Updated Mon, 22 Mar 2021 10:42 AM IST
World Water Day : 100 liters water per person in Dehradun city and 50 liters water available in village
पेयजल संकट - फोटो : अमर उजाला फाइल फोटो

गर्मी शुरू होते ही दूनवासियों को पेयजल संकट से जूझना पड़ता है। यह कोई नई समस्या नहीं है, लेकिन आज तक इसके समाधान के लिए गंभीरता से प्रयास नहीं किए गए। मानकों के हिसाब से शहरी क्षेत्र में प्रति व्यक्ति 135 लीटर और ग्रामीण क्षेत्र में 70 लीटर पानी की आवश्यकता होती है, लेकिन हकीकत यह है कि शहरी क्षेत्र में बमुश्किल लोगों को 100 लीटर तो ग्रामीण क्षेत्रों में 50 लीटर पानी ही उपलब्ध हो पाता है।



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दून में पानी की मांग और उपलब्धता की बात करें तो इसमें ज्यादा अंतर नहीं है। दून में पेयजल की मांग 162.17 एमएलडी है, जबकि उपलब्धता 162 एमएलडी। इस हिसाब से दून के लोगों को पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराया जा सकता है, लेकिन लीकेज और वितरण व्यवस्था ठीक नहीं होने के कारण वर्षों से यह समस्या बनी हुई है।

इसका आज तक स्थायी समाधान नहीं निकाला जा सकता है और गर्मियों में पेयजल व्यवस्था टैंकरों के भरोसे चलती है। दून में वर्तमान में 292 ट्यूबवेल के साथ ही तीन नदी-झरने के स्रोत हैं, लेकिन अधिकांश पेयजल आपूर्ति ट्यूबवेल के माध्यम से ही की जाती है। 

गर्मी बढ़ते ही जैसे ही भूजल स्तर नीचे जाता है, ट्यबवेल की क्षमता भी घटने लगती है। अन्य स्रोतों से भी पानी का प्रवाह घटना शुरू हो जाता है। इसके कारण दून में पेयजल का संकट गहराने लगता है। जल संस्थान के अनुसार शहरी क्षेत्र के दक्षिण एवं उत्तर जोन में जैसे-तैसे काम चल जाता है, लेकिन शहर के बाहरी ग्रामीण क्षेत्रों पित्थूवाला और रायपुर जोन में गर्मी शुरू होते ही पेयजल संकट खड़ा हो जाता है।

पुरानी और जर्जर हैं अधिकतर पेयजल लाइनें

ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर लाइन काफी पुरानी और जर्जर स्थिति में हैं। इससे बार-बार लीकेज की समस्या आती है। लीकेज के कारण प्रतिदिन हजारों लीटर पानी बर्बाद हो जाता है।

मानकों की बात करें तो पेयजल लाइनों में लीकेज अधिकतम पांच फीसदी ही होना चाहिए, लेकिन दून में इसका आंकड़ा 20 से 30 फीसदी से अधिक है। यह समस्या सालों से है, लेकिन जल संस्थान इसको लेकर गंभीरता से प्रयास नहीं कर रहा है। जल संस्थान के अनुसार रोजाना 60 एमएलडी (मिलियन लीटर डेली) से अधिक पानी लीकेज से ही बर्बाद हो जाता है।

दून में पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था

- नगरीय व ग्रामीण पंपिंग और गुरुत्व योजनाएं- 190
- ट्यूबवेल- 292
- स्वचालित और मिनी ट्यूबवेल- 374
- ओवरहैंड टैंक, अंडरग्राउंड टैंक- 517

दून में पानी की मांग और उपलब्धता
दक्षिण जोन
मांग- 88 एमएलडी
उपलब्धता- 103 एमएलडी

उत्तर जोन
मांग- 55 एमएलडी
उपलब्धता- 60 एमएलडी

पित्थूवाल जोन
मांग- 32 एमएलडी
उपलब्धता- 26 एमएलडी

रायपुर जोन
मांग- 33 एमएलडी
उपलब्धता-36 एमएलडी

जनसंख्या का दबाब लगातार बढ़ता जा रहा है। हालांकि, जलसंस्थान की ओर से इस बीच कई नए ट्यूबवेल आदि का निर्माण किया गया, लेकिन इसके बाद भी मानकों के हिसाब से पानी नहीं मिल पाता है। कोशिश की जाती है कि लोगों को पर्याप्त पानी उपलब्ध हो पाए। 
- निलिमा गर्ग, महाप्रबंधक, जलसंस्थान
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