न्यूज़ डेस्क, अमर उजाला, अल्मोड़ा
Published by: Nirmala Suyal Nirmala Suyal
Updated Fri, 18 Sep 2020 03:47 PM IST
धौलादेवी विकासखंड के तहत ग्राम पंचायत नाकोट के युवा कोरोना काल में गांव को नशा मुक्त बनाने की मुहिम में जुटे हैं। युवाओं ने गांव में शराब की अवैध बिक्री और खरीद पर प्रतिबंध लगा दिया है। गांव में घर-घर जाकर युवाओं की टोली हस्ताक्षर करवाकर ग्रामीणों को अभियान से जोड़ रही है। युवाओं ने शराब तस्करों को हफ्ते भर की चेतावनी दी है। युवाओं की यह मुहिम रंग भी लाने लगी है।
गांव के युवा पंकज गोस्वामी लॉकडाउन के दौरान कोलकाता से मार्च में घर लौटे। वह कोलकाता में स्वयंसेवी संस्था प्रयास चलाते हैं। पंकज महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय विचार मंच के प्रदेश संयोजक भी हैं। गांव आकर उन्होंने देखा की अवैध शराब की बिक्री और खरीद हो रही है। कई ग्रामीण शराब का सेवन करके घर में मारपीट और झगड़ा भी करते हैं।
इससे गांव का माहौल अशांत है। इसका बच्चों पर भी दुष्प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने गांव के कुछ युवाओं से बात की और उन्हें गांव को नशा मुक्त करने के अभियान से जोड़ा। युवाओं की टोली अब गांव में घर-घर जाकर नशे के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाकर ग्रामीणों और महिलाओं को जोड़ रही है। युवाओं की मेहनत रंग लाने लगी है। गांव के आसपास अवैध शराब बेचने वाले अब ग्रामीणों को शराब बिक्री से भी कतराने लगे हैं।
पंकज गोस्वामी, चंदन कुमार, नीरज गोस्वामी, गुड्डू गोस्वामी, राकेश कुमार, राहुल कुमार, विनोद कुमार, कैलाश नाथ, संजय गोस्वामी, अमित कुमार, दीपक कुमार, मनोज गोस्वामी आदि।
नशे से ग्रामीण समाज परेशान हैं। आए दिन झगड़े फसाद होते रहते हैं। युवाओं के सहयोग से गांव को आदर्श ग्राम बनाने के लिए अभियान शुरू किया गया है।
- पंकज गोस्वामी
गांव का माहौल अच्छा रहे। बच्चों का भविष्य सुधरे इसके लिए गांव का नशामुक्त होना जरूरी है जो अभियान शुरू किया गया है उसे मंजिल तक पहुंचाया जाएगा।
- चंदन कुमार
लोगों के शराब पीकर गांव आने पर माहौल खराब होता है। इसका बच्चों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। गांव में शराब पर अंकुश लगना जरूरी है। इसका असर गांव में दिखने लगा है।
- कैलाश नाथ
गांव के निवासी शराब पीकर रात में शोरगुल करते हैं। गांव में शांति रहे और सभी मिल जुलकर रहें और गांव का विकास हो, इसके लिए यह अभियान बेहतर है।
- अनिल कुमार
धौलादेवी विकासखंड के तहत ग्राम पंचायत नाकोट के युवा कोरोना काल में गांव को नशा मुक्त बनाने की मुहिम में जुटे हैं। युवाओं ने गांव में शराब की अवैध बिक्री और खरीद पर प्रतिबंध लगा दिया है। गांव में घर-घर जाकर युवाओं की टोली हस्ताक्षर करवाकर ग्रामीणों को अभियान से जोड़ रही है। युवाओं ने शराब तस्करों को हफ्ते भर की चेतावनी दी है। युवाओं की यह मुहिम रंग भी लाने लगी है।
गांव के युवा पंकज गोस्वामी लॉकडाउन के दौरान कोलकाता से मार्च में घर लौटे। वह कोलकाता में स्वयंसेवी संस्था प्रयास चलाते हैं। पंकज महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय विचार मंच के प्रदेश संयोजक भी हैं। गांव आकर उन्होंने देखा की अवैध शराब की बिक्री और खरीद हो रही है। कई ग्रामीण शराब का सेवन करके घर में मारपीट और झगड़ा भी करते हैं।
इससे गांव का माहौल अशांत है। इसका बच्चों पर भी दुष्प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने गांव के कुछ युवाओं से बात की और उन्हें गांव को नशा मुक्त करने के अभियान से जोड़ा। युवाओं की टोली अब गांव में घर-घर जाकर नशे के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाकर ग्रामीणों और महिलाओं को जोड़ रही है। युवाओं की मेहनत रंग लाने लगी है। गांव के आसपास अवैध शराब बेचने वाले अब ग्रामीणों को शराब बिक्री से भी कतराने लगे हैं।
अभियान में यह युवा हैं शामिल
पंकज गोस्वामी, चंदन कुमार, नीरज गोस्वामी, गुड्डू गोस्वामी, राकेश कुमार, राहुल कुमार, विनोद कुमार, कैलाश नाथ, संजय गोस्वामी, अमित कुमार, दीपक कुमार, मनोज गोस्वामी आदि।
नशे से ग्रामीण समाज परेशान हैं। आए दिन झगड़े फसाद होते रहते हैं। युवाओं के सहयोग से गांव को आदर्श ग्राम बनाने के लिए अभियान शुरू किया गया है।
- पंकज गोस्वामी
गांव का माहौल अच्छा रहे। बच्चों का भविष्य सुधरे इसके लिए गांव का नशामुक्त होना जरूरी है जो अभियान शुरू किया गया है उसे मंजिल तक पहुंचाया जाएगा।
- चंदन कुमार
लोगों के शराब पीकर गांव आने पर माहौल खराब होता है। इसका बच्चों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। गांव में शराब पर अंकुश लगना जरूरी है। इसका असर गांव में दिखने लगा है।
- कैलाश नाथ
गांव के निवासी शराब पीकर रात में शोरगुल करते हैं। गांव में शांति रहे और सभी मिल जुलकर रहें और गांव का विकास हो, इसके लिए यह अभियान बेहतर है।
- अनिल कुमार