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Uttarakhand News Scholarship of 4000 students of Open University stuck due to an order from Nainital DPO
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Uttarakhand: नैनीताल डीपीओ के एक आदेश से अटक गई मुक्त विवि के 4000 छात्रों की छात्रवृत्ति
अमर उजाला ब्यूरो, देहरादून
Published by: अलका त्यागी
Updated Sat, 18 Mar 2023 05:42 PM IST
सार
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मुक्त विवि के छात्रों को छात्रवृत्ति के आवेदन के लिए राष्ट्रीय पोर्टल पर आवेदन करना होता है। इस आवेदन के तहत विवि उन्हें ऑनलाइन सत्यापित करता है।लेकिन इस बार समाज कल्याण विभाग के सख्त नियम छात्रों की छात्रवृत्ति पर भारी साबित हो रहे हैं।
हजारों छात्रों की छात्रवृत्ति अटकी
- फोटो : i stock
नैनीताल जिले के जिला प्रोबेशन अधिकारी (डीपीओ) के एक आदेश की वजह से प्रदेशभर में पढ़ रहे उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के 4000 से ज्यादा छात्र-छात्राएं छात्रवृत्ति से वंचित रह गए हैं। विवि ने डीपीओ के आदेश के तहत इन सभी छात्रों को हल्द्वानी स्थित मुख्य परिसर में सत्यापन के लिए बुलाया था लेकिन छात्र नहीं पहुंच पाए।
दरअसल, मुक्त विवि के छात्रों को छात्रवृत्ति के आवेदन के लिए राष्ट्रीय पोर्टल पर आवेदन करना होता है। इस आवेदन के तहत विवि उन्हें ऑनलाइन सत्यापित करता है। इस आधार पर उन्हें छात्रवृत्ति जारी हो जाती है। इस बार समाज कल्याण विभाग के सख्त नियम छात्रों की छात्रवृत्ति पर भारी साबित हो रहे हैं।
हालात ये हैं कि नैनीताल के जिला प्रोबेशन अधिकारी ने 27 दिसंबर 2022 को मुक्त विवि के कुलपति व कुलसचिव को एक पत्र जारी किया। इसमें कहा गया कि जितने भी छात्र विवि में अध्ययनरत हैं, उन सभी को हल्द्वानी स्थित परिसर में बुलाया जाए। समाज कल्याण विभाग के अधिकारी उनका भौतिक सत्यापन करेंगे। इस पर विवि ने जवाब भेजा कि चूंकि विवि के दूरस्थ शिक्षा के तहत 100 से अधिक केंद्र प्रदेशभर में हैं। लिहाजा, एक जगह प्रदेशभर के छात्रों को बुलाने के बजाय सभी जिलों में उनका सत्यापन किया जाए। लेकिन समाज कल्याण विभाग ने उनकी एक न सुनी।
मजबूरी में विवि ने एक आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया कि सात जनवरी तक सभी छात्र अपने दस्तावेज लेकर विवि के हल्द्वानी परिसर पहुंचे। उत्तरकाशी, चमोली, देहरादून, हरिद्वार के छात्रों के लिए यह काफी महंगी यात्रा है क्योंकि इसके लिए उन्हें करीब पांच से सात हजार खर्च करने पड़ते और छात्रवृत्ति दो से पांच हजार रुपये मिलती। लिहाजा, करीब चार हजार छात्र सत्यापन को नहीं पहुंचे। इन सभी के छात्रवृत्ति के आवेदन निरस्त हो गए हैं।
हमें नैनीताल डीपीओ का आदेश मिला था, जिसके जवाब में हमने कहा था कि प्रदेश के हर जिले में छात्रों का सत्यापन किया जाना चाहिए। जब विभाग ने नहीं सुनी तो हमने आदेश जारी किया था, जिस वजह से बड़ी संख्या में छात्र सत्यापन को नहीं आ पाए। -डॉ. मदन मोहन जोशी, इंचार्ज एडमिशन, उत्तराखंड मुक्त विवि
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