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Mussoorie: एनजीटी ने मसूरी झील से पानी लेने पर लगाई रोक, एसडीएम ने नौ फरवरी को बुलाई बैठक
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मसूरी
Published by: अलका त्यागी
Updated Tue, 07 Feb 2023 03:03 PM IST
सार
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एसडीएम शैलेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि एनजीटी ने कार्तिक शर्मा बनाम उत्तराखंड राज्य याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया है।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने मसूरी झील के पानी के व्यावसायिक उपयोग पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। इससे मसूरी के होटल व्यवसायियों के सामने संकट खड़ा हो गया है। उधर, एनजीटी के आदेशानुसार एसडीएम मसूरी ने नौ फरवरी को शहर के सभी विभागों के अधिकारियों व होटल व्यवसाय से जुड़े लोगों की बैठक बुलाई है।
एसडीएम शैलेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि एनजीटी ने कार्तिक शर्मा बनाम उत्तराखंड राज्य याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया है। याचिका में कहा गया है कि धोबीघाट वाटर स्प्रिंग से पानी निकालने के कारण झील का प्राकृतिक बहाव बिगड़ रहा है। साथ ही जलीय जीवों को भी नुकसान पहुंच रहा है।
इसे एनजीटी ने गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी देहरादून सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं। एसडीएम ने बताया कि इस आदेश का पालन करवाने के लिए सभी अधिकारियों व होटल व्यवसायियों की बैठक बुलाई गई है। बैठक में इस संबंध में सख्त निर्देश जारी किए जाएंगे। बताया जा रहा है कि मसूरी के होटल व्यवसायी उक्त झील का पानी टैंकरों में भरकर अपने होटलों में ले जाते हैं और पानी की आपूर्ति करते हैं।
जरूरत 14 एमएलडी की और आपूर्ति होती है 7.50 एमएलडी पानी की
मसूरी में 300 के करीब होटल व रेस्टोरेंट पर्यटन विभाग में पंजीकृत हैं। इसके अलावा हजारों की आबादी भी यहां निवास करती है। ऐसे में यहां 14 एमएलडी पानी की आवश्यकता होती है। जल संस्थान के एई टीएस रावत ने बताया कि मसूरी में वर्तमान में सिर्फ 7.50 एमएलडी पानी की आपूर्ति ही हो पा रही है। मांग के सापेक्ष आधी आपूर्ति होने के चलते लोग पहले ही पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं। ऐसे में एनजीटी के इस आदेश ने होटल व्यवसायियों के सामने संकट खड़ा हो गया है।
मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे
मसूरी ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने कहा कि जब तक मसूरी पुनर्गठन पेयजल योजना का कार्य पूरा नहीं होता। तब तक मसूरी झील से टैंकरों से पानी लाने की अनुमति मिलनी चाहिए। एनजीटी के आदेश के बाद मसूरी में पानी का संकट गहरा जाएगा। साथ ही पर्यटन व्यवसाय पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में वह सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे।
एनजीटी के आदेशों का पालन कराया जाएगा। इस संबंध में एसडीएम के साथ ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को आवश्यक निर्देश दिए जाएंगे। - सोनिका, जिलाधिकारी, देहरादून
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