न्यूज डेस्क, अमर उजाला, देहरादून
Updated Thu, 14 Jan 2021 11:34 AM IST
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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड भेड़ एवं ऊन विकास बोर्ड में वित्तीय गड़बड़ी के आरोपों की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। हाल ही में पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बोर्ड में गंभीर वित्तीय अनियमितता की शिकायत की थी। मुख्यमंत्री ने शिकायत का संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव ओम प्रकाश को जांच कमेटी गठित करने के आदेश दिए।
इसके बाद अपर मुख्य सचिव व कृषि उत्पादन आयुक्त मनीषा पंवार की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन कर दिया गया। अपर सचिव वित्त भूपेश तिवारी समिति में सदस्य हैं। जांच समिति 15 दिनों के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
आपको बता दें कि मेनका गांधी ने उत्तराखंड भेड़ एवं ऊन विकास बोर्ड में गड़बड़ी को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। इस संबंध में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र भेजकर उच्चस्तरीय जांच की मांग की थी। इसके साथ ही उत्तराखंड सरकार से भी शिकायत की थी। उन्होंने बोर्ड के सीईओ की कार्यप्रणाली पर भी अनियमितता के आरोप लगाए थे। मेनका गांधी की शिकायत के बाद पशुपालन राज्यमंत्री रेखा आर्य ने भी इस प्रकरण में जांच कराए जाने की बात कही थी।
भेड़ एवं ऊन विकास बोर्ड पर ये हैं आरोप
1. विश्व बैंक से तीन हजार करोड़ का ऋण लेकर उत्तराखंड भेड़ एवं ऊन विकास बोर्ड के अधिकारी ने सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ।
2. आस्ट्रेलिया से बूढ़ी मैरिनो भेड़ों को खरीदा गया।
3. बोर्ड में बिना पद सृजित किए डेपुटेशन पर कई अधिकारी-कर्मचारियों की तैनाती हुई।
4. लगभग ढाई लाख के वेतन पर कंसलटेंट को नियुक्त किया गया।
5. नियमों के विपरीत 13 लाख की महंगी कार खरीदी गई।
6. उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ जिले में पशु आहार खरीद में वित्तीय अनियमित्ता।
सहकारिता एवं दुग्ध विकास मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि आमदनी बढ़ाने के लिए किसानों को सरकार की ओर से संचालित योजनाओं के माध्यम से भेड़ें दी जाएंगी। वहीं, थलीसैंण और तिरपालीसैंण में स्थानीय उत्पादों के स्टोर खोले जाएंगे।
सहकारिता एवं दुग्ध विकास मंत्री धन सिंह रावत ने केंद्रीय पोषित एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना की समीक्षा की। उन्होंने आईएलएसपी, डब्ल्यूएमडी, एनआरएलएम, यूजीवीएस के अंतर्गत संचालित योजनाओं में तेजी लाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सहकारी समिति से जुड़े किसानों को आय बढ़ाने के लिए भेड़ पालन से जोड़ा जाएगा।
इसमें एक किसान को दस मादा और एक नर भेड़ दिया जाएगा। इसके लिए शर्त यह है कि किसान के पास पहले से दस मादा भेड़ें होनी आवश्यक हैं।श्रीनगर विधानसभा के तहत थलीसैंण अथवा तिरपालीसैंण क्षेत्र में उत्पादित उत्पादों का स्टोर खोला जाएगा। इससे क्षेत्र के प्रत्येक परिवार को इस योजना का लाभ मिल सके।
सार
- पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी की शिकायत का मुख्यमंत्री ने लिया संज्ञान
विस्तार
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड भेड़ एवं ऊन विकास बोर्ड में वित्तीय गड़बड़ी के आरोपों की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। हाल ही में पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बोर्ड में गंभीर वित्तीय अनियमितता की शिकायत की थी। मुख्यमंत्री ने शिकायत का संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव ओम प्रकाश को जांच कमेटी गठित करने के आदेश दिए।
इसके बाद अपर मुख्य सचिव व कृषि उत्पादन आयुक्त मनीषा पंवार की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन कर दिया गया। अपर सचिव वित्त भूपेश तिवारी समिति में सदस्य हैं। जांच समिति 15 दिनों के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
आपको बता दें कि मेनका गांधी ने उत्तराखंड भेड़ एवं ऊन विकास बोर्ड में गड़बड़ी को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। इस संबंध में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र भेजकर उच्चस्तरीय जांच की मांग की थी। इसके साथ ही उत्तराखंड सरकार से भी शिकायत की थी। उन्होंने बोर्ड के सीईओ की कार्यप्रणाली पर भी अनियमितता के आरोप लगाए थे। मेनका गांधी की शिकायत के बाद पशुपालन राज्यमंत्री रेखा आर्य ने भी इस प्रकरण में जांच कराए जाने की बात कही थी।
भेड़ एवं ऊन विकास बोर्ड पर ये हैं आरोप
1. विश्व बैंक से तीन हजार करोड़ का ऋण लेकर उत्तराखंड भेड़ एवं ऊन विकास बोर्ड के अधिकारी ने सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ।
2. आस्ट्रेलिया से बूढ़ी मैरिनो भेड़ों को खरीदा गया।
3. बोर्ड में बिना पद सृजित किए डेपुटेशन पर कई अधिकारी-कर्मचारियों की तैनाती हुई।
4. लगभग ढाई लाख के वेतन पर कंसलटेंट को नियुक्त किया गया।
5. नियमों के विपरीत 13 लाख की महंगी कार खरीदी गई।
6. उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ जिले में पशु आहार खरीद में वित्तीय अनियमित्ता।
आमदनी बढ़ाने को किसानों को मिलेंगी भेड़ें : धन सिंह
सहकारिता एवं दुग्ध विकास मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि आमदनी बढ़ाने के लिए किसानों को सरकार की ओर से संचालित योजनाओं के माध्यम से भेड़ें दी जाएंगी। वहीं, थलीसैंण और तिरपालीसैंण में स्थानीय उत्पादों के स्टोर खोले जाएंगे।
सहकारिता एवं दुग्ध विकास मंत्री धन सिंह रावत ने केंद्रीय पोषित एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना की समीक्षा की। उन्होंने आईएलएसपी, डब्ल्यूएमडी, एनआरएलएम, यूजीवीएस के अंतर्गत संचालित योजनाओं में तेजी लाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सहकारी समिति से जुड़े किसानों को आय बढ़ाने के लिए भेड़ पालन से जोड़ा जाएगा।
इसमें एक किसान को दस मादा और एक नर भेड़ दिया जाएगा। इसके लिए शर्त यह है कि किसान के पास पहले से दस मादा भेड़ें होनी आवश्यक हैं।श्रीनगर विधानसभा के तहत थलीसैंण अथवा तिरपालीसैंण क्षेत्र में उत्पादित उत्पादों का स्टोर खोला जाएगा। इससे क्षेत्र के प्रत्येक परिवार को इस योजना का लाभ मिल सके।