प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि प्राप्त कर रहे उत्तराखंड के 3.38 लाख से अधिक किसानों ने केवाईसी नहीं की है। जिससे इनकी सम्मान निधि पर बंद होने का संकट मंडराने लगा है। केंद्र सरकार ने केवाईसी कराने के लिए 15 अगस्त तक आखिरी मौका दिया है। इसके बाद किसान केवाईसी अपडेट नहीं कर पाएंगे।
आर्थिक रूप से कमजोर किसानों की मशीनरी, बीज व खाद की आवश्यकता को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने 2019 में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना शुरू की थी। योजना में सालाना छह हजार रुपये की राशि तीन किस्तों में दी जाती है। उत्तराखंड में 9.14 लाख किसानों को सम्मान निधि मिलती है।
बीते दिनों केंद्र ने योजना का लाभ ले रहे किसानों के लिए केवाईसी अनिवार्य कर दी, इसके लिए 31 जुलाई तक का समय दिया गया था। इस अवधि तक प्रदेश के 5.76 लाख किसानों ने केंद्र के पोर्टल पर केवाईसी करा ली। जबकि 3.38 लाख से अधिक किसानों ने अब तक केवाईसी नहीं कराई है। केंद्र ने 15 अगस्त तक केवाईसी कराने के लिए अंतिम मौका दिया है। इसके बाद केवाईसी नहीं कराने वाले किसानों की सम्मान निधि बंद हो जाएगी।
सचिव कृषि शैलेश बगौली की ओर से सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए थे कि सम्मान निधि पाने वाले सभी किसानों की केवाईसी को मिशन मोड में पूरा किया जाए। इसके बावजूद सम्मान निधि लेने वाले 3.38 लाख किसानों की केवाईसी नहीं हो पाई है।
जिला केवाईसी कराई केवाईसी लंबित
अल्मोड़ा 78974 32663
बागेश्वर 29422 11008
चमोली 29035 20843
चंपावत 24948 13266
देहरादून 39003 23526
हरिद्वार 72424 56517
नैनीताल 37835 19605
पौड़ी 38825 31441
पिथौरागढ़ 45532 17062
रुद्रप्रयाग 24961 17674
टिहरी 72824 44068
ऊधमसिंह नगर 43853 35842
उत्तरकाशी 38360 14973
.................................................................................
कुल- 575996 338488
विस्तार
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि प्राप्त कर रहे उत्तराखंड के 3.38 लाख से अधिक किसानों ने केवाईसी नहीं की है। जिससे इनकी सम्मान निधि पर बंद होने का संकट मंडराने लगा है। केंद्र सरकार ने केवाईसी कराने के लिए 15 अगस्त तक आखिरी मौका दिया है। इसके बाद किसान केवाईसी अपडेट नहीं कर पाएंगे।
आर्थिक रूप से कमजोर किसानों की मशीनरी, बीज व खाद की आवश्यकता को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने 2019 में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना शुरू की थी। योजना में सालाना छह हजार रुपये की राशि तीन किस्तों में दी जाती है। उत्तराखंड में 9.14 लाख किसानों को सम्मान निधि मिलती है।
बीते दिनों केंद्र ने योजना का लाभ ले रहे किसानों के लिए केवाईसी अनिवार्य कर दी, इसके लिए 31 जुलाई तक का समय दिया गया था। इस अवधि तक प्रदेश के 5.76 लाख किसानों ने केंद्र के पोर्टल पर केवाईसी करा ली। जबकि 3.38 लाख से अधिक किसानों ने अब तक केवाईसी नहीं कराई है। केंद्र ने 15 अगस्त तक केवाईसी कराने के लिए अंतिम मौका दिया है। इसके बाद केवाईसी नहीं कराने वाले किसानों की सम्मान निधि बंद हो जाएगी।
सचिव कृषि शैलेश बगौली की ओर से सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए थे कि सम्मान निधि पाने वाले सभी किसानों की केवाईसी को मिशन मोड में पूरा किया जाए। इसके बावजूद सम्मान निधि लेने वाले 3.38 लाख किसानों की केवाईसी नहीं हो पाई है।