उत्तराखंड में द्वाराहाट के विधायक महेश नेगी डीएनए सैंपलिंग के लिए सोमवार को सीजेएम कोर्ट में पेश नहीं हुए। उनके अधिवक्ता ने उनके न आने का कारण बताते हुए अगली तिथि तय करने की मांग की थी। इस पर अदालत ने अब इस मामले में 27 फरवरी की तिथि दी है।
दरअसल, बीती 11 जनवरी को विधायक महेश नेगी को डीएनए सैंपलिंग के लिए सीजेएम कोर्ट में प्रस्तुत होना था। लेकिन, इसी दिन उन्होंने फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी। इस पर हाईकोर्ट ने 14 जनवरी तक सैंपलिंग पर रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट के फैसले के बाद स्थानीय अदालत ने सोमवार का दिन सैंपलिंग के लिए तय किया था। इससे पहले हाईकोर्ट ने विधायक के प्रार्थनापत्र को सुनने से इनकार कर दिया था और नई बेंच बनाने की बात कही थी।
वहीं, सोमवार को विधायक सैंपलिंग के लिए नहीं पहुंचे, मगर उनके वकील राजेंद्र भट्ट ने कोर्ट में प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में हाईकोर्ट में छुट्टियां चल रही हैं। 21 फरवरी को हाईकोर्ट खुलेगा। इसके बाद ही नई बेंच पर निर्णय होना है।
लिहाजा, इस मामले में अब अगली तारीख तय की जाए। इस पर कोर्ट ने अब 27 फरवरी की तिथि नियत की है। सोमवार को विधायक की ओर से तीन अधिवक्ता प्रस्तुत हुए थे। इनमें राजेंद्र भट्ट स्थानीय थे। जबकि, राजेंद्र कोठियाल और रवि जोशी हाईकोर्ट नैनीताल से देहरादून पहुंचे थे।
विधायक महेश नेगी के खिलाफ एक महिला ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था। इस मामले में पुलिस ने पीड़िता की ओर से मुकदमा दर्ज नहीं किया था। ऐसे में पीड़िता ने कोर्ट में शिकायत की। इसके बाद नेहरू कॉलोनी में विधायक महेश नेगी व उनकी पत्नी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।
पीड़िता का आरोप है कि विधायक ने देश के कई शहरों में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया है। इससे उनकी एक बेटी भी पैदा हुई है। पीड़िता का दावा है कि उसने बेटी का डीएनए टेस्ट कराया था, जिसमें महेश नेगी ही उसके जैविक पिता होने की पुष्टि हुई थी। हालांकि, यह डीएनए रिपोर्ट पुलिस को नहीं मिली थी।
उत्तराखंड में द्वाराहाट के विधायक महेश नेगी डीएनए सैंपलिंग के लिए सोमवार को सीजेएम कोर्ट में पेश नहीं हुए। उनके अधिवक्ता ने उनके न आने का कारण बताते हुए अगली तिथि तय करने की मांग की थी। इस पर अदालत ने अब इस मामले में 27 फरवरी की तिथि दी है।
दरअसल, बीती 11 जनवरी को विधायक महेश नेगी को डीएनए सैंपलिंग के लिए सीजेएम कोर्ट में प्रस्तुत होना था। लेकिन, इसी दिन उन्होंने फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी। इस पर हाईकोर्ट ने 14 जनवरी तक सैंपलिंग पर रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट के फैसले के बाद स्थानीय अदालत ने सोमवार का दिन सैंपलिंग के लिए तय किया था। इससे पहले हाईकोर्ट ने विधायक के प्रार्थनापत्र को सुनने से इनकार कर दिया था और नई बेंच बनाने की बात कही थी।
वहीं, सोमवार को विधायक सैंपलिंग के लिए नहीं पहुंचे, मगर उनके वकील राजेंद्र भट्ट ने कोर्ट में प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में हाईकोर्ट में छुट्टियां चल रही हैं। 21 फरवरी को हाईकोर्ट खुलेगा। इसके बाद ही नई बेंच पर निर्णय होना है।
लिहाजा, इस मामले में अब अगली तारीख तय की जाए। इस पर कोर्ट ने अब 27 फरवरी की तिथि नियत की है। सोमवार को विधायक की ओर से तीन अधिवक्ता प्रस्तुत हुए थे। इनमें राजेंद्र भट्ट स्थानीय थे। जबकि, राजेंद्र कोठियाल और रवि जोशी हाईकोर्ट नैनीताल से देहरादून पहुंचे थे।
महेश नेगी पर ये हैं आरोप
विधायक महेश नेगी के खिलाफ एक महिला ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था। इस मामले में पुलिस ने पीड़िता की ओर से मुकदमा दर्ज नहीं किया था। ऐसे में पीड़िता ने कोर्ट में शिकायत की। इसके बाद नेहरू कॉलोनी में विधायक महेश नेगी व उनकी पत्नी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।
पीड़िता का आरोप है कि विधायक ने देश के कई शहरों में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया है। इससे उनकी एक बेटी भी पैदा हुई है। पीड़िता का दावा है कि उसने बेटी का डीएनए टेस्ट कराया था, जिसमें महेश नेगी ही उसके जैविक पिता होने की पुष्टि हुई थी। हालांकि, यह डीएनए रिपोर्ट पुलिस को नहीं मिली थी।