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Joshimath Sinking: होटलों का ध्वस्तीकरण जारी, पुनर्वास के लिए प्री-फैब्रिकेटेड घर बनाने का काम भी जोरों पर
संवाद न्यूज एजेंसी, जोशीमठ(चमोली)
Published by: अलका त्यागी
Updated Tue, 07 Feb 2023 09:23 PM IST
सार
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जोशीमठ में रविवार तक दरारों वाले मकानों की संख्या 863 थीं, जो सोमवार को बढ़कर 868 हो गई हैं। भू-धंसाव से सिंहधार, गांधीनगर, मनोहर बाग और रविग्राम वार्ड अधिक प्रभावित हुआ है।
जोशीमठ में आज मौसम साफ बना हुआ है। जिसके चलते मंगलवार को फिर से दोनों होटलों का ध्वस्तीकरण शुरू कर दिया गया। वहीं, सिंहधार वार्ड में जहां कल नई दरारें आई थीं उन मकानों को भी चिन्हित किया गया है।
तहसील परिसर में जारी रहा आंदोलन
पुनर्वास की मांग पर स्थानीय लोगों का धरना मंगलवार को भी जारी रहा। आपदा प्रभावित सिंहधार, मनोहरबाग, गांधीनगर क्षेत्र की महिलाओं ने तहसील परिसर में धरना दिया। महिलाओं का कहना है कि सरकार की ओर से पुनर्वास मामले में अनावश्यक देरी की जा रही है। राहत शिविरों में अधिक समय तक नहीं रहा जा सकता है। बच्चों के साथ शिविरों में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
प्री-फैब्रिकेटेड घर बनाने का काम जोरों पर
भू-धंसाव से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए ढाक और उद्यान विभाग की भूमि पर प्री-फैब्रिकेटेड घर बनाने का काम जोरों पर है। टीपीसी तिराहे पर उद्यान विभाग की भूमि पर तीन और ढाक में 15 प्री-फैब्रिकेटेड घर बनाए जा रहे हैं। उद्यान विभाग की भूमि पर एक, दो और तीन कमरों के प्री-फैब्रिकेटेड घर बनाए जा रहे हैं। यहां घरों को बनाने का काम अंतिम चरण में पहुंच गया है।
उद्यान विभाग की भूमि पर 18 जनवरी से प्री-फैब्रिकेटेड घर बनाने का काम शुरू हो गया था जबकि ढाक गांव में 26 जनवरी से केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की के तकनीकी सहयोग से 15 घर बनाए जा रहे हैं। आरडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता अल्ला दीया ने बताया कि उद्यान विभाग की जमीन पर बनाए जा रहे घरों का निर्माण अब अंतिम चरण में है। कहा कि प्री-फैब्रिकेटेड घरों के निर्माण के लिए जो पैनल बनाए जा रहे हैं उसे डिमांड के आधार पर बनाया जाता है, जिसके कारण हटों के निर्माण में देरी हो रही है। जल्द से जल्द निर्माण कार्य पूरा कर दिया जाएगा।
प्रभावित मकानों की संख्या हुई 868
सोमवार को सिंहधार वार्ड में पांच नए भवनों पर दरारें आईं। प्रशासन ने यह दरारें चिन्हित की हैं जबकि कई अन्य मकानों में दरारें बढ़ी हैं। रविवार तक दरारों वाले मकानों की संख्या 863 थीं, जो सोमवार को बढ़कर 868 हो गई हैं। भू-धंसाव से सिंहधार, गांधीनगर, मनोहर बाग और रविग्राम वार्ड अधिक प्रभावित हुआ है। सिंहधार व गांधीनगर में 156-156 तथा मनोहर बाग में 131 व रविग्राम में 161 भवनों में दरारें आई हैं। जबकि प्रशासन की ओर से अभी तक 243 परिवारों के 878 सदस्यों को किराए के भवनों व राहत शिविरों में शिफ्ट किया गया है।
दरारें बढ़ीं तो प्रभावितों को दूसरी जगह किया जाएगा शिफ्ट
सिंहधार वार्ड में नई दरार आने वाले मकानों का जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने निरीक्षण किया। डीएम ने प्रभावित परिवारों से कहा कि यदि दरार बढ़ती हैं तो उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया जाएगा। सिंहधार वार्ड में सोमवार को पांच और मकानों में दरारें आई थीं। मंगलवार को डीएम इन घरों का निरीक्षण किया। साथ ही जेपी परिसर में हो रहे पानी के रिसाव को भी देखा। जिलाधिकारी ने बताया कि कुछ घरों में पहले से आई दरारें बढ़ रही हैं, जबकि पांच नए घरों में हल्की दरारें आई हैं। जहां दरार बढ़ रही है वहां एक-दो घर में ही लोग रहते हैं। दरारों के आकलन के लिए क्रैकोमीटर लगाए गए हैं। मकानों की लगातार निगरानी की जा रही है। दरार बढ़ने पर यदि खतरे की स्थिति होती है तो परिवारों को वहां से शिफ्ट कर दिया जाएगा। प्रभावित आशीष डिमरी ने बताया कि जिलाधिकारी ने घरों में आकर दरारों की स्थिति को देखा।
उन्हें बताया गया कि यदि वे खतरा महसूस करते हैं, या दरारें बढ़ती हैं तो वे दूसरी जगह शिफ्ट हो सकते हैं। दूसरी ओर डीएम ने ढाक में बनाई जा रही प्री फैब्रिकेटेड कॉलोनी का निरीक्षण किया। उन्होंने निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। साथ ही कार्यदायी संस्था को कहा कि यदि कोई भी आवश्यकता पड़ती है तो तुरंत संज्ञान में लाएं। बता दें कि जोशीमठ आपदा प्रभावितों के लिए ढाक में केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की के सहयोग से 15 प्री फैब्रिकेटेड घर बनाए जा रहे हैं। यहां पर समीप के गांव से बिजली की लाइन बिछा दी गई है। साथ ही टीसीपी तिराहे के पास उद्यान विभाग की भूमि पर बन रहे प्री फैब्रिकेटेड मॉडल भवनों के निर्माण का कार्य अंतिम चरण में है। यहां वन बीएचके तैयार हो गया है जबकि टू बीएचके और थ्री बीएचके भवन का कार्य आखिरी स्तर पर चल रहा है। निरीक्षण के दौरान एसडीएम कुमकुम जोशी, प्रभारी तहसीलदार रवि शाह, ग्रामीण निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता अला दिया, सहायक अभियंता एलपी भट्ट, अधिशासी अधिकारी शरद भूषण पंवार, नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी सुनील पुरोहित सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
प्रशासन ने प्रभावितों को अब तक बांटी पांच करोड़ की सहायता राशि
भू-धंसाव से प्रभावित परिवारों को जिला प्रशासन की ओर से अभी तक करीब पांच करोड़ की सहायता राशि वितरित की जा चुकी है। साथ ही राहत शिविरों में स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रभावितों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जा रहा है। सीएमओ डा. राजीव शर्मा ने बताया कि शिविरों में रह रहे 1434 से अधिक लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा चुका है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंद किशोर जोशी ने बताया कि भू-धंसाव के कारण 868 भवनों में दरारें आई हैं। मंगलवार को किसी भी नए भवन में दरारें नहीं मिली हैं। 181 भवन असुरक्षित श्रेणी में हैं। नगर पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र पंवार ने बताया कि शीतलहर को देखते हुए नगर पालिका जोशीमठ के अंतर्गत 20 स्थानों पर नियमित रूप से अलाव की व्यवस्था की गई है। राहत शिविरों में प्रभावित लोगों के लिए हीटर भी उपलब्ध कराए गए हैं। जोशीमठ में सुरक्षा के दृष्टिगत एनडीआरएफ की दो टीमों के 93 जवान तथा एसडीआरएफ की 12 टीमों के 100 जवान तैनात हैं।
एक सप्ताह से 17 एलपीएम ही है पानी का रिसाव
पिछले एक सप्ताह से जेपी कॉलोनी में पानी का रिसाव घटकर 17 एलपीएम पर स्थिर है। जबकि शुरुआत में यहां पानी का रिसाव 540 एलपीएम था। मंगलवार को जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने मौके पर जाकर पानी के रिसाव की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने यहां बदरीनाथ हाईवे की स्थिति को सुधारने के निर्देश बीआरओ के अधिकारियों को दिए। जिलाधिकारी ने पानी के रिसाव की नियमित रिपोर्ट तैयार करने के लिए भी कहा।
तहसील परिसर में आपदा प्रभावितों का धरना जारी
पुनर्वास की मांग को लेकर जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति का धरना मंगलवार को 38वें दिन भी जारी रहा। तहसील परिसर में धरना दे रहे प्रभावितों ने जल्द से जल्द पुनर्वास और मुआवजा देने के साथ ही एनटीपीसी की परियोजना और हेलंग मारवाड़ी बाईपास बंद करने की मांग की। धरना देने वालों में समिति के संयोजक अतुल सती, प्रवक्ता कमल रतूड़ी, प्रकाश नेगी, संजय उनियाल, गीता परमार, शैलजा नौटियाल, अनीता बिष्ट सहित बड़ी संख्या में प्रभावित क्षेत्र की महिलाएं मौजूद रहीं।
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