न्यूज़ डेस्क, अमर उजाला, देहरादून
Published by: Nirmala Suyal Nirmala Suyal
Updated Thu, 08 Apr 2021 12:19 PM IST
विगत सात फरवरी को उत्तराखंड के चमोली जिले में आई ऋषिगंगा आपदा को दो माह बीत चुके हैं। अभी भी आपदा प्रभावित तपोवन क्षेत्र में लापता लोगों के शव मिलने का सिलसिला जारी है।
चमोली जल प्रलय: आपदा के कारणों को तलाशने केंद्रीय वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की टीम पहुंची तपोवन, किया हवाई सर्वे
एनटीपीसी के बैराज और सुरंग के अंदर सर्च ऑपरेशन जारी
गुरुवार को आपदा के दो माह बाद तपोवन क्षेत्र से एक और शव बरामद हुआ है। इसके बाद कुल मृतकों की संख्या 78 हो गई है। अभी भी एनटीपीसी के बैराज और सुरंग के अंदर सर्च ऑपरेशन जारी है।
अभी भी 127 लोग लापता
ऋषि गंगा की जलप्रलय में अभी तक अलग-अलग स्थानों से 78 शव और 35 मानव अंग बरामद हो चुके हैं, जबकि अभी भी 127 लोग लापता चल रहे हैं। ऋषि गंगा की आपदा में 205 लोग लापता हो गए थे।
हिमालय बचाओ जन समिति का आरोप लगाया था कि ऋषिगंगा मेें मची तबाही के बाद तपोवन एवं रैणी क्षेत्र में खास राहत कार्य नहीं हो रहे हैं। लापता लोगों की तलाश बंद हो चुकी हैं। मौके पर एसडीआरएफ, एनडीआरएफ एवं पुलिस की टीम नहीं दिखाई दे रही है। राहत के नाम पर सिर्फ बीआरओ के दिहाड़ी मजदूर हैं, जो ऋषि गंगा नदी से पत्थर निकालकर दीवार बनाने का काम कर रहे हैं।
समिति की टीम ने क्षेत्र का दूसरी बार दौरा किया
चमोली जिले के तपोवन एवं रैणी क्षेत्र का भ्रमण कर वापस लौटे हिमालय बचाओ जन समिति के सचिव डा. मुकेश सेमवाल ने प्रेस को जारी बयान में यह जानकारी दी थी। उन्होंने बताया था कि समिति की टीम ने क्षेत्र का दूसरी बार दौरा किया है।
आने वाले दिनों में समिति जागरूकता अभियान चलाएगी
आपदा के बाद सरकारी वाहनों, एंबुलेंस व नेताओं के वाहनों के सायरन बजते रहते थे। विपक्षी दलों के नेताओं का काफिला लगा रहता था। अब सब नदारद हैं। कहा कि जागरूक नागरिकों और प्रभावित ग्रामवासियों का दबाव ऐसी विनाशकारी परियोजना को हमेशा के लिए बंद कर सकता है। इसके लिए आने वाले दिनों में समिति जागरूकता अभियान चलाएगी।
विस्तार
विगत सात फरवरी को उत्तराखंड के चमोली जिले में आई ऋषिगंगा आपदा को दो माह बीत चुके हैं। अभी भी आपदा प्रभावित तपोवन क्षेत्र में लापता लोगों के शव मिलने का सिलसिला जारी है।
चमोली जल प्रलय: आपदा के कारणों को तलाशने केंद्रीय वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की टीम पहुंची तपोवन, किया हवाई सर्वे
एनटीपीसी के बैराज और सुरंग के अंदर सर्च ऑपरेशन जारी
गुरुवार को आपदा के दो माह बाद तपोवन क्षेत्र से एक और शव बरामद हुआ है। इसके बाद कुल मृतकों की संख्या 78 हो गई है। अभी भी एनटीपीसी के बैराज और सुरंग के अंदर सर्च ऑपरेशन जारी है।
अभी भी 127 लोग लापता
ऋषि गंगा की जलप्रलय में अभी तक अलग-अलग स्थानों से 78 शव और 35 मानव अंग बरामद हो चुके हैं, जबकि अभी भी 127 लोग लापता चल रहे हैं। ऋषि गंगा की आपदा में 205 लोग लापता हो गए थे।
तपोवन-रैणी में नहीं हो रही लापता लोगों की तलाश : सेमवाल
हिमालय बचाओ जन समिति का आरोप लगाया था कि ऋषिगंगा मेें मची तबाही के बाद तपोवन एवं रैणी क्षेत्र में खास राहत कार्य नहीं हो रहे हैं। लापता लोगों की तलाश बंद हो चुकी हैं। मौके पर एसडीआरएफ, एनडीआरएफ एवं पुलिस की टीम नहीं दिखाई दे रही है। राहत के नाम पर सिर्फ बीआरओ के दिहाड़ी मजदूर हैं, जो ऋषि गंगा नदी से पत्थर निकालकर दीवार बनाने का काम कर रहे हैं।
समिति की टीम ने क्षेत्र का दूसरी बार दौरा किया
चमोली जिले के तपोवन एवं रैणी क्षेत्र का भ्रमण कर वापस लौटे हिमालय बचाओ जन समिति के सचिव डा. मुकेश सेमवाल ने प्रेस को जारी बयान में यह जानकारी दी थी। उन्होंने बताया था कि समिति की टीम ने क्षेत्र का दूसरी बार दौरा किया है।
आने वाले दिनों में समिति जागरूकता अभियान चलाएगी
आपदा के बाद सरकारी वाहनों, एंबुलेंस व नेताओं के वाहनों के सायरन बजते रहते थे। विपक्षी दलों के नेताओं का काफिला लगा रहता था। अब सब नदारद हैं। कहा कि जागरूक नागरिकों और प्रभावित ग्रामवासियों का दबाव ऐसी विनाशकारी परियोजना को हमेशा के लिए बंद कर सकता है। इसके लिए आने वाले दिनों में समिति जागरूकता अभियान चलाएगी।