{"_id":"6387a45f76aa70409972788e","slug":"uttarakhand-assembly-winter-session-2022-postponed-speakers-and-congress-statement","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"उत्तराखंड: सत्र स्थगित करने पर विपक्ष ने कसा तंज, स्पीकर बोलीं- बगैर बिजनेस सत्र चलाना बेईमानी","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
उत्तराखंड: सत्र स्थगित करने पर विपक्ष ने कसा तंज, स्पीकर बोलीं- बगैर बिजनेस सत्र चलाना बेईमानी
अमर उजाला ब्यूरो, देहरादून
Published by: अलका त्यागी
Updated Thu, 01 Dec 2022 12:16 AM IST
सार
लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें
माहरा ने कहा कि उत्तराखंड की कार्य संचालन समिति ने सत्र चलाने के लिए एक वर्ष में कम से कम 60 दिन निर्धारित की थी, लेकिन इसे राज्य का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि किसी भी वित्तीय वर्ष में 15 से 18 दिन सत्र बमुश्किल चल पाता है।
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण
- फोटो : अमर उजाला फाइल फोटो
सात दिन के विधानसभा सत्र को दो दिन में निपटाने पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने सरकार पर समय से पहले मैदान छोड़ने का आरोप लगाया है। वहीं, इस पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने कहा कि बगैर बिजनेस सत्र चलाना बेईमानी है। सत्र और सदन करदाताओं के पैसे से चलता है।
माहरा ने कहा कि उत्तराखंड की कार्य संचालन समिति ने सत्र चलाने के लिए एक वर्ष में कम से कम 60 दिन निर्धारित की थी, लेकिन इसे राज्य का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि किसी भी वित्तीय वर्ष में 15 से 18 दिन सत्र बमुश्किल चल पाता है। उन्होंने कहा कि 70 विधानसभाओं की अपनी-अपनी दिक्कतें और परेशानियां हैं। इतनी अल्प अवधि का यदि सत्र चलेगा तो आम जनता की समस्याओं का निवारण किस तरह से हो पाएगा।
महारा ने कहा कि प्रचंड बहुमत और डबल इंजन की सरकार के बावजूद विपक्ष के सवालों से धामी सरकार इतना घबराई हुई है कि पिछले पांच साल के कार्यकाल में सोमवार को कभी सत्र आहूत नहीं किया गया। इस दिन मुख्यमंत्री के अधीन जितने विभाग हैं, उन पर प्रश्न लगे होते हैं, जबकि सबसे अधिक विभाग मुख्यमंत्री के पास ही हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रचंड बहुमत की सरकार के मुखिया होने के बावजूद भी इतना आत्मविश्वास खुद के अंदर नहीं पाते हैं कि वह सवालों का सामना कर पाएं।
धर्मांतरण मामलों में क्या कार्रवाई की सरकार
माहरा ने कहा कि बीजेपी ने धर्म के नाम पर लोगों को बांटने का काम किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी के विभाजनकारी एजेंडे ने प्रदेश को नुकसान पहुंचाया है। सरकार को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि राज्य सरकार के सात साल के कार्यकाल में कितने मामले धर्मांतरण के दर्ज हुए हैं और उनमें क्या कार्यवाही हुई है।
जो बिजनेस आया उसे दो दिन में पूरा किया
सत्र समाप्ति के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने मीडिया से बातचीत में कहा कि शीतकालीन सत्र के लिए सरकार से जो बिजनेस आया उसे दो दिन में पूरा किया गया। इसके चलते सत्र आगे नहीं चल पाया है। उन्होंने कहा कि सत्र के लिए ज्यादा समय होना चाहिए ये बात सही है, लेकिन सत्र और सदन करदाताओं के पैसे से चलता है। जब कोई बिजनेस नहीं होगा तो मेरे लिए सत्र चलाना बेईमानी होगा। किसी का राजनीतिक एजेंडा हो सकता है। उसके लिए सत्र सात या 10 दिन चलाया जाए। यह करदाताओं के साथ खिलवाड़ होगा। उन्होंने कहा कि बिजनेस होगा तो सत्र जितने भी दिन का होगा, उसे चलाएंगे। स्पीकर ने कहा कि दो दिन के सत्र में कई अच्छे मुद्दों पर चर्चा और विचार विमर्श किया गया, जिसमें महिला आरक्षण बिल भी पारित किया गया। 22 सालों से प्रदेश की महिलाएं व बहनें इसकी लड़ाई लड़ रही थीं। आरक्षण बिल सर्वसम्मति से पारित होना एक ऐतिहासिक कदम है।
उन्होंने कहा कि विधानसभा के बाहर इस बात की चर्चाएं चल रही थी कि 182 कर्मचारियों के साथ सत्र कैसे चलेगा। जबकि सदन बेहतर ढंग से चला है। इसके लिए उन्होंने कर्मचारियों और अधिकारियों के काम की सराहना की। उन्होंने कहा कि सदन की गरिमा के लिए विधायकों को अपने आचरण व व्यवहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए। स्पीकर ने कहा कि विधानसभा क्षेत्र में जो भी कार्यक्रम होते हैं, उसकी सूचना विधायकों को मिलनी चाहिए। इसके साथ ही विकास योजनाओं के उद्घाटन व शिलान्यास पट्टिका में विधायक का नाम होना चाहिए। इसके लिए पीठ से भी निर्देशित किया गया। इसके बाद विधानसभा सचिवालय इस विषय को पूरी तरह से पालन करने पर गंभीरता से विचार करेगा।
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।