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Uniform Civil Code: विशेषज्ञ समीति से भाजपा की दो टूक, समलैंगिक विवाह व लिव इन रिलेशनशिप को न दी जाए मान्यता

अमर उजाला ब्यूरो, देहरादून Published by: अलका त्यागी Updated Thu, 25 May 2023 10:55 PM IST
सार

पार्टी ने विशेषज्ञ समिति के समक्ष अपना मत प्रस्तुत किया। पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. देवेंद्र भसीन के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने विशेषज्ञ समिति से कहा कि भाजपा यूसीसी के पक्ष में है और इसे संविधान सम्मत मानती है।

Uniform Civil Code: BJP Not Support gay marriage and live in relationship
यूसीसी को लेकर जनसंवाद - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

प्रदेश भाजपा ने राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने का समर्थन किया। पार्टी ने विशेषज्ञ समिति को दो टूक कहा कि वह समलैंगिक विवाह व लिव इन रिलेशनशिप के खिलाफ है। इन्हें कानूनी मान्यता नहीं दी जानी चाहिए।



पार्टी ने विशेषज्ञ समिति के समक्ष अपना मत प्रस्तुत किया। पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. देवेंद्र भसीन के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने विशेषज्ञ समिति से कहा कि भाजपा यूसीसी के पक्ष में है और इसे संविधान सम्मत मानती है। पार्टी का मानना है कि किसी भी धर्म, समाज एवं वर्ग में महिलाओं का विवाह, तलाक, संपत्ति आदि सभी विषयों में समान अधिकार होना चाहिए और देवभूमि स्वरूप बना रहना चाहिए। चूंकि नागरिक देश व समाज का प्रथम आधार है, इसलिए उनके अधिकारों का निर्धारण महत्वपूर्ण विषय है। ये अधिकार देश की एकता व अखंडता की रक्षा के मूलभूत सिद्धांत पर आधारित होने चाहिए।


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पार्टी का मानना है कि नागरिकों के अधिकार तय करते समय देश व प्रदेश की संस्कृति और विरासत को भी ध्यान में रखना चाहिए। भारत व उत्तराखंड की मूल पहचान पर इनका नकारात्मक प्रभाव न पड़े। समान नागरिक संहिता का महत्वपूर्ण विषय समानता का होना अपेक्षित है, जो समाज के हर वर्ग में समानता का भाव पैदा करे। इस आशय का संदेश न जाए कि कि कोई वर्ग विशेष या समुदाय विशेष, अलग से विशेष अधिकार रखता है। प्रतिनिधिमंडल में भाजपा के महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल व सत्यवीर चौहान शामिल थे।

महिलाओं को संपत्ति में पुरुषों के समान अधिकार हों
भाजपा ने कहा कि महिलाओं के अधिकार पुरुषों के समान होने चाहिए और किसी भी वर्ग में महिलाएं उपेक्षित या दोयम दर्जे की दिखाई नहीं देनी चाहिए। उन्हें संपत्ति में पुरुषों के समान अधिकार हों, उन्हें मायके में बचपन और फिर विवाह के बाद ससुराल में समान अधिकार मिलने चाहिए। इसी तरह तलाक़ की स्थिति में भी जो अधिकार पुरुषों के हैं, वही अधिकार महिलाओं के भी होने चाहिए।

भाजपा ने ये सुझाव भी दिए

- सभी धर्मों के अनुयायियों के अधिकार समान हों, जिससे समाज में परस्पर सम्मान व सौहार्द का वातावरण बना रहे
- किसी धर्म के अनुयायियों को ऐसा कोई कार्य करने का अधिकार नहीं होना चाहिए जो अन्य धर्म के लोगों के लिए परेशानी बने
- अवैध धर्मांतरण पर पूरी तरह से रोक ज़रूरी, स्वेच्छा से धर्म बदलने की प्रक्रिया हो
- अनुमति के बाद ही धार्मिक स्थलों के निर्माण हो
- विवाह, तलाक़ या अन्य सामाजिक मामलों में धर्म या परंपरा के नाम पर चल रही कुरीतियां दूर की जानी चाहिए।
- पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल बनाते हुए प्रत्येक विवाह का पंजीकरण अनिवार्य किया जाए।
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