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सारी बस्ती का खुदा होता है, जिसका दरवाजा सदा खुला होता है, मैंने कब देखा उसके चेहरे को, मेरा सिर तो उसके सजदे में झुका होता है...यह पंक्ति समर्पित है, उन कोरोना कर्मवीरों को, जिनके सामूहिक प्रयासों से हम वैश्विक महामारी से निपटने में कामयाब रहे। कोरोना काल की मुश्किल परिस्थितियों में अपनी की जान की परवाह किए बिना दूसरों की मदद करने वालो को अमर उजाला ने भी सम्मान के जरिये सलाम किया। मां तुझे प्रणाम कार्यक्रम के तहत ऐसे कर्मवीरों के उत्साहवर्द्धन के लिए अमर उजाला कोरोना कर्मवीर सम्मान कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जहां मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बतौर मुख्य अतिथि 36 कोरोना योद्धाओं को सम्मानित किया।
शनिवार को ग्राफिक एरा हिल विश्वविद्यालय सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि कोरोना काल के दौरान देश व राज्य के सामने विकट संकट खड़ा था। लेकिन, प्रशासन, पुलिस, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य कर्मियों, नगर निगम व अन्य सरकारी विभागों, संस्थाओं व संगठनों ने हमें कमजोर नहीं पड़ने दिया। सामाजिक संगठनों ने भोजन, मास्क व सैनिटाइजर वितरण और सामाजिक जागरूकता लाने में अहम योगदान दिया।
जरूरतमंदों को किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए लोगों के दिन-रात आगे बढ़कर मदद की। कई लोग महीनों तक अपने बच्चों व परिवार से दूर रहे। इस त्याग एवं समर्पण भाव के बल पर ही प्रदेश में कोरोना संकट का मजबूती से सामना किया जा सका है। अन्य राज्यों में रह रहे प्रवासियों को घर लाना भी सरकार की प्राथमिकता में रहा।
इस दौरान प्रदेश सरकार को कई कड़े निर्णय भी लेने पड़े। कई निर्णय ऐसे भी रहे जिनकी सोशल मीडिया में आलोचना हुई, लेकिन प्रदेशवासियों के हित में जो भी उचित था, वह कठिन निर्णय लेने से हम पीछे नहीं हटे। वर्क फ्रॉम होम लागू करने वाले राज्यों में भी उत्तराखंड शीर्ष पर रहा। कोरोना की वैक्सीन आने से अब खतरा काफी हद तक कम हो गया है, लेकिन खतरा पूरी तरह टला नहीं है।
कई असामाजिक तत्व वैक्सीन को लेकर अफवाहें फैलाकर भ्रम की स्थिति भी उत्पन्न कर रहे हैं, लेकिन लोगों को इस पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। वैक्सीन तैयार करना केंद्र सरकार और वैज्ञानिकों के लिए बड़ी उपलब्धि है। कई देशों ने भी भारत से वैक्सीन की मांग की है। आज हम 20 से ज्यादा देशों को वैक्सीन उपलब्ध करा रहे हैं।
अमर उजाला के एक्जीक्यूटिव एडिटर व उत्तराखंड राज्य संपादक संजय अभिज्ञान ने कहा कि अमर उजाला हमेशा से गांधी जी की अंत्योदय विचारधारा का अनुसरण करता रहा है। पंक्ति के आखिरी में खड़े हर नागरिक की आवाज बनने का प्रयास किया जाता है, जिसकी आवाज किसी तक पहुंच नहीं पाती है। कोरोना कर्मवीरों का सम्मान भी इसी सोच का हिस्सा है।
इसमें समाज के उन लोगों को सम्मान दिया गया, जहां अक्सर लोगों की नजरें नहीं पहुंच पाती। यह सम्मान भले ही चुनिंदा कर्मवीरों को मिल रहा हो, लेकिन यह हर उस कर्मवीर को समर्पित है जो इस जंग में पूरी निष्ठा से जुटा रहा। कोरोना काल में भी अमर उजाला ने भय के माहौल में निर्भीकता से जिम्मेदारी निभाते हुए पाठकों तक हर खबरें पहुंचाईं। तथ्यों और वैज्ञानिक तर्कों पर आधारित सत्य खबरें पहुंचाना ही हमारा उद्देश्य होता है। अमर उजाला कभी भ्रामक एवं बिना तथ्यों की खबरों को महत्व नहीं देता है।
ग्राफिक एरा विवि के कुलाधिपति डा. कमल घनशाला ने कहा कि कर्मवीरों का सम्मान सराहनीय पहल है। कोरोना काल में ग्राफिक एरा विवि ने भी प्रशासन को दो हॉस्टल उपलब्ध कराने के अलावा हर संभव सहयोग किया। यह सभी का नैतिक दायित्व भी है। इससे पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, ग्राफिक एरा विवि के कुलाधिपति डा. कमल घनशाला और अमर उजाला के एक्जीक्यूटिव एडिटर और राज्य संपादक संजय अभिज्ञान ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
समापन अवसर पर सीएम को स्मृति चिह्न भेंट किया गया। मंच का संचालन ओहो एफएम के लोकप्रिय आरजे (रेडियो जॉकी) काव्य ने किया। इस अवसर पर अमर उजाला के जोनल हेड (वेस्टर्न यूपी व उत्तराखंड) सचिन नारंग, देहरादून यूनिट के महाप्रबंधक राहुल चौहान समेत अन्य मौजूद रहे। कार्यक्रम का टाइटल स्पांसर ग्राफिक एरा विवि, पावर्ड बाय एमडीडीए और को पावर्ड बाय पर्यटन विभाग रहा।
अमर उजाला के ‘कोरोना कर्मवीर सम्मान’ समारोह में शनिवार को कोरोना काल में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित किया गया। इस दौरान मंच से सभी सम्मानित कोरोना योद्धाओं ने भविष्य में भी जरूरतमंद लोगों की सेवा करने का संकल्प लिया।
ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के सभागार में शनिवार को आयोजित सम्मान समारोह में कोरोना योद्धाओं ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम उन्हें समाज और जरूरतमंदों के लिए कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। दूसरों के प्रति निस्वार्थ सेवा का भाव रखना ही जीवन में कामयाबी का मूलमंत्र है। निस्वार्थ भाव से की गई सेवा से किसी का भी हृदय परिवर्तन किया जा सकता है। हमें अपने आचरण में सदैव सेवा का भाव निहित रखना चाहिए, जिससे अन्य लोग भी प्रेरित होते हुए कामयाबी के मार्ग पर बढ़ें।
सेवा भाव ही मनुष्य को एक अलग पहचान देने के साथ उसकी मेहनत को चमकाने का काम करती है। इस मौके पर कोरोना योद्धाओं ने लॉकडाउन के दौरान की चुनौतियों के बारे में भी बताया। कहा कि जनता के सहयोग से हम कोरोना पर जीत को ओर आगे बढ़ रहे हैं। साथ लोगों से अपील करते हुए कहा कि कोरोना से जल्द मुक्ति के लिए हमें शासन और प्रशासन का सहयोग करना होगा। जागरूकता से ही कोरोना से निपटा जा सकता है।
सारी बस्ती का खुदा होता है, जिसका दरवाजा सदा खुला होता है, मैंने कब देखा उसके चेहरे को, मेरा सिर तो उसके सजदे में झुका होता है...यह पंक्ति समर्पित है, उन कोरोना कर्मवीरों को, जिनके सामूहिक प्रयासों से हम वैश्विक महामारी से निपटने में कामयाब रहे। कोरोना काल की मुश्किल परिस्थितियों में अपनी की जान की परवाह किए बिना दूसरों की मदद करने वालो को अमर उजाला ने भी सम्मान के जरिये सलाम किया। मां तुझे प्रणाम कार्यक्रम के तहत ऐसे कर्मवीरों के उत्साहवर्द्धन के लिए अमर उजाला कोरोना कर्मवीर सम्मान कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जहां मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बतौर मुख्य अतिथि 36 कोरोना योद्धाओं को सम्मानित किया।
शनिवार को ग्राफिक एरा हिल विश्वविद्यालय सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि कोरोना काल के दौरान देश व राज्य के सामने विकट संकट खड़ा था। लेकिन, प्रशासन, पुलिस, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य कर्मियों, नगर निगम व अन्य सरकारी विभागों, संस्थाओं व संगठनों ने हमें कमजोर नहीं पड़ने दिया। सामाजिक संगठनों ने भोजन, मास्क व सैनिटाइजर वितरण और सामाजिक जागरूकता लाने में अहम योगदान दिया।
जरूरतमंदों को किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए लोगों के दिन-रात आगे बढ़कर मदद की। कई लोग महीनों तक अपने बच्चों व परिवार से दूर रहे। इस त्याग एवं समर्पण भाव के बल पर ही प्रदेश में कोरोना संकट का मजबूती से सामना किया जा सका है। अन्य राज्यों में रह रहे प्रवासियों को घर लाना भी सरकार की प्राथमिकता में रहा।
इस दौरान प्रदेश सरकार को कई कड़े निर्णय भी लेने पड़े। कई निर्णय ऐसे भी रहे जिनकी सोशल मीडिया में आलोचना हुई, लेकिन प्रदेशवासियों के हित में जो भी उचित था, वह कठिन निर्णय लेने से हम पीछे नहीं हटे। वर्क फ्रॉम होम लागू करने वाले राज्यों में भी उत्तराखंड शीर्ष पर रहा। कोरोना की वैक्सीन आने से अब खतरा काफी हद तक कम हो गया है, लेकिन खतरा पूरी तरह टला नहीं है।
कई असामाजिक तत्व वैक्सीन को लेकर अफवाहें फैलाकर भ्रम की स्थिति भी उत्पन्न कर रहे हैं, लेकिन लोगों को इस पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। वैक्सीन तैयार करना केंद्र सरकार और वैज्ञानिकों के लिए बड़ी उपलब्धि है। कई देशों ने भी भारत से वैक्सीन की मांग की है। आज हम 20 से ज्यादा देशों को वैक्सीन उपलब्ध करा रहे हैं।
हर नागरिक को मदद देने का किया प्रयास
अमर उजाला के एक्जीक्यूटिव एडिटर व उत्तराखंड राज्य संपादक संजय अभिज्ञान ने कहा कि अमर उजाला हमेशा से गांधी जी की अंत्योदय विचारधारा का अनुसरण करता रहा है। पंक्ति के आखिरी में खड़े हर नागरिक की आवाज बनने का प्रयास किया जाता है, जिसकी आवाज किसी तक पहुंच नहीं पाती है। कोरोना कर्मवीरों का सम्मान भी इसी सोच का हिस्सा है।
इसमें समाज के उन लोगों को सम्मान दिया गया, जहां अक्सर लोगों की नजरें नहीं पहुंच पाती। यह सम्मान भले ही चुनिंदा कर्मवीरों को मिल रहा हो, लेकिन यह हर उस कर्मवीर को समर्पित है जो इस जंग में पूरी निष्ठा से जुटा रहा। कोरोना काल में भी अमर उजाला ने भय के माहौल में निर्भीकता से जिम्मेदारी निभाते हुए पाठकों तक हर खबरें पहुंचाईं। तथ्यों और वैज्ञानिक तर्कों पर आधारित सत्य खबरें पहुंचाना ही हमारा उद्देश्य होता है। अमर उजाला कभी भ्रामक एवं बिना तथ्यों की खबरों को महत्व नहीं देता है।
ग्राफिक एरा विवि के कुलाधिपति डा. कमल घनशाला ने कहा कि कर्मवीरों का सम्मान सराहनीय पहल है। कोरोना काल में ग्राफिक एरा विवि ने भी प्रशासन को दो हॉस्टल उपलब्ध कराने के अलावा हर संभव सहयोग किया। यह सभी का नैतिक दायित्व भी है। इससे पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, ग्राफिक एरा विवि के कुलाधिपति डा. कमल घनशाला और अमर उजाला के एक्जीक्यूटिव एडिटर और राज्य संपादक संजय अभिज्ञान ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
समापन अवसर पर सीएम को स्मृति चिह्न भेंट किया गया। मंच का संचालन ओहो एफएम के लोकप्रिय आरजे (रेडियो जॉकी) काव्य ने किया। इस अवसर पर अमर उजाला के जोनल हेड (वेस्टर्न यूपी व उत्तराखंड) सचिन नारंग, देहरादून यूनिट के महाप्रबंधक राहुल चौहान समेत अन्य मौजूद रहे। कार्यक्रम का टाइटल स्पांसर ग्राफिक एरा विवि, पावर्ड बाय एमडीडीए और को पावर्ड बाय पर्यटन विभाग रहा।
अमर उजाला के मंच से लिया सेवा का संकल्प
अमर उजाला के ‘कोरोना कर्मवीर सम्मान’ समारोह में शनिवार को कोरोना काल में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित किया गया। इस दौरान मंच से सभी सम्मानित कोरोना योद्धाओं ने भविष्य में भी जरूरतमंद लोगों की सेवा करने का संकल्प लिया।
ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के सभागार में शनिवार को आयोजित सम्मान समारोह में कोरोना योद्धाओं ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम उन्हें समाज और जरूरतमंदों के लिए कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। दूसरों के प्रति निस्वार्थ सेवा का भाव रखना ही जीवन में कामयाबी का मूलमंत्र है। निस्वार्थ भाव से की गई सेवा से किसी का भी हृदय परिवर्तन किया जा सकता है। हमें अपने आचरण में सदैव सेवा का भाव निहित रखना चाहिए, जिससे अन्य लोग भी प्रेरित होते हुए कामयाबी के मार्ग पर बढ़ें।
सेवा भाव ही मनुष्य को एक अलग पहचान देने के साथ उसकी मेहनत को चमकाने का काम करती है। इस मौके पर कोरोना योद्धाओं ने लॉकडाउन के दौरान की चुनौतियों के बारे में भी बताया। कहा कि जनता के सहयोग से हम कोरोना पर जीत को ओर आगे बढ़ रहे हैं। साथ लोगों से अपील करते हुए कहा कि कोरोना से जल्द मुक्ति के लिए हमें शासन और प्रशासन का सहयोग करना होगा। जागरूकता से ही कोरोना से निपटा जा सकता है।