ऊर्जा निगम के इस भेदभाव के खिलाफ उपभोक्ताओं में आक्रोश
नियामक आयोग से की ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग से टैरिफ की मांग
शहर और यहां से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की दरें एक समान हैं। इसके बावजूद बिजली कटौती में ऊर्जा निगम शहर को तो राहत दे देता है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में जमकर कटौती की जा रही है। इस भेदभाव से उपभोक्ताओं में आक्रोश बढ़ने लगा है। कुछ उपभोक्ताओं ने नियामक आयोग को पत्र लिखकर ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग से टैरिफ की मांग की है।
दरअसल, वर्तमान में ऊर्जा निगम की ओर से शहर से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में सुबह और शाम दो से लेकर चार घंटे तक बिजली कटौती की जा रही है। जबकि शहरी क्षेत्रों को कटौती से मुक्त रखा गया है। सुबह और शाम घंटों अघोषित कटौती से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था पूरी तरह से बिजली पर निर्भर है।
कटौती के कारण लोगों को पानी भी नहीं मिल पा रहा है। बोर्ड परीक्षाएं नजदीक हैं, ऐसे में छात्र-छात्राओं की पढ़ाई पर भी असर पड़ रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता बीरू बिष्ट ने चेतावनी दी कि जल्द ही समस्या का निस्तारण नहीं हुआ तो आंदोलन किया जाएगा।