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Scam in Ayurveda University building was built by withdrawing money from university corpus fund Uttarakhand
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Ayurveda University Scam: विवि के कॉर्पस फंड से रकम निकालकर बना दी बिल्डिंग, 50 करोड़ का घोटाला आया सामने
रुद्रेश कुमार, माई सिटी रिपोर्टर, देहरादून
Published by: रेनू सकलानी
Updated Sun, 26 Mar 2023 07:30 PM IST
सार
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हर विश्वविद्यालय और कॉलेज में एक कॉर्पस फंड बनाया जाता है। इस फंड में छात्रों से ली गई फीस और एग्जाम फीस को जमा किया जाता है। इसके बाद इसकी एफडी कर दी जाती है। नियमानुसार इस एफडी से मिलने वाले ब्याज का एक प्रतिशत हिस्सा ही विश्वविद्यालय बिना किसी अनुमति के विभिन्न कामों में ले सकता है। लेकिन घोटालेबाजों ने इसमें भी खेल कर दिया।
आयुर्वेद विश्विद्यालय के घोटालेबाज अधिकारियों ने करोड़ों रुपये की हेराफेरी करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। विवि के विभिन्न कामों के लिए बनाए गए कॉर्पस फंड को भी नहीं छोड़ा। इसमें से भी शासन की बिना अनुमति के करोड़ों रुपये निकालकर परिसर में भवन बना दिए गए।
यही नहीं विजिलेंस जांच में सामने आया है कि छात्रों को प्रवेश देने में भी करोड़ों की हेराफेरी की गई। इस सब घोटाले से आई रकम की आपस में बंदरबांट कर अपनी जेबें गरम कर ली गईं। दरअसल, हर विश्वविद्यालय और कॉलेज में एक कॉर्पस फंड बनाया जाता है। इस फंड में छात्रों से ली गई फीस और एग्जाम फीस को जमा किया जाता है। इसके बाद इसकी एफडी कर दी जाती है।
नियमानुसार इस एफडी से मिलने वाले ब्याज का एक प्रतिशत हिस्सा ही विश्वविद्यालय बिना किसी अनुमति के विभिन्न कामों में ले सकता है। इससे ज्यादा इस्तेमाल करने के लिए शासन से मंजूरी जरूरी होती है, लेकिन घोटालेबाजों ने इसमें भी खेल कर दिया।
इस फंड से पैसे निकालकर बिल्डिंग पर बिल्डिंग खड़ी कर दी। विजिलेंस सूत्रों के अनुसार इस फंड को आधे से ज्यादा खाली कर दिया गया। इस फंड से भी करीब 50 करोड़ रुपये के घोटाले की बात सामने आई है।
मेडिकल कॉलेजों में नीट परीक्षा में सफल हुए छात्रों को प्रवेश दिया जाता है। इसके लिए नीट की काउंसिलिंग की जाती है, लेकिन विश्वविद्यालय में कई ऐसे छात्रों को प्रवेश दिया, जिनकी काउंसिलिंग ही नहीं हुई। बताया जा रहा है कि इसके लिए प्रति छात्र लाखों रुपये लिए गए। इससे भी करोड़ों रुपये घोटालेबाजों ने जमा कर लिए। हालांकि, इन छात्रों से कितनी रकम ली गई इसका आकलन नहीं हो सका है।
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