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Report summoned from Superintendent and DPO of Nari Niketan Dehardun Uttarakhand news in hindi
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Dehradun: नारी निकेतन की अधीक्षक और डीपीओ से रिपोर्ट तलब, मानसिक रूप से बीमार महिलाओं से जुड़ा है मामला
माई सिटी रिपोर्टर, देहरादून
Published by: रेनू सकलानी
Updated Wed, 07 Jun 2023 04:11 PM IST
केदारपुरम में मानसिक रूप से बीमार 130 महिलाएं रहती हैं। इनके लिए कोई डॉक्टर नहीं हैं। इलाज के लिए महीने में एक बार ही डॉक्टर आती हैं। यह मुद्दा अमर उजाला ने पांच जून के अंक में ‘मानसिक पुनर्वास केंद्र में 130 महिलाएं भगवान भरोसे’ शीर्षक के साथ प्रमुखता से प्रकाशित किया था। महिला आयोग ने खबर का संज्ञान लेते हुए रिपोर्ट तलब की है।
उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने नारी निकेतन में मनोचिकित्सक नहीं होने के मामले में अधीक्षक और जिला प्रोबेशन अधिकारी (डीपीओ) से रिपोर्ट तलब की है। उन्होंने मानसिक बीमार महिलाओं को देखने के लिए महीने में कितनी बार डॉक्टर आते हैं, इसकी जानकारी भी उपलब्ध कराने को कहा है।
दरअसल, राजकीय महिला कल्याण एवं पुनर्वास केंद्र (नारी निकेतन) केदारपुरम में मानसिक रूप से बीमार 130 महिलाएं रहती हैं। इनके लिए कोई डॉक्टर नहीं हैं। इलाज के लिए महीने में एक बार ही डॉक्टर आती हैं। यह मुद्दा अमर उजाला ने पांच जून के अंक में ‘मानसिक पुनर्वास केंद्र में 130 महिलाएं भगवान भरोसे’ शीर्षक के साथ प्रमुखता से प्रकाशित किया था। महिला आयोग ने खबर का संज्ञान लेते हुए रिपोर्ट तलब की है।
आयोग की अध्यक्ष ने यह भी पूछा है कि महिलाओं के लिए कितने बेड हैं और कितनी महिलाएं रह रही हैं। साथ ही उन्होंने संबंधित डॉक्टर को जरूरत पड़ने पर तुरंत इलाज के लिए पहुंचने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा नारी निकेतन के स्टाफ को भी निर्देशित किया है। उन्होंने बताया कि यहां पर डॉक्टर का अंशकालिक पद है। सरकारी अस्पताल के डॉक्टर महिलाओं के इलाज के लिए आते रहते हैं।
कुसुम कंडवाल ने बताया कि अगर कोई महिला अधिक बीमार होती है तो उसे सेलाकुई स्थित मानसिक स्वास्थ्य केंद्र या दून अस्पताल में भर्ती करवाया जाता है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले उन्होंने नारी निकेतन का निरीक्षण किया था, तब वहां की स्थिति बेहतर थी।
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