सुप्रीम कोर्ट की समिति के फर्जी दस्तावेज बनाकर कर दिए थे लोगों को बैनामे
पिछले साल एसटीएफ ने दर्ज कराया गया था केस, रायपुर पुलिस ने की कार्रवाई
माई सिटी रिपोर्टर
देहरादून। डिफाल्टर पीजीएफ लिमिटेड और पर्ल्स ग्रुप की जमीन बेचकर डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक की ठगी के आरोपी को रायपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में एक आरोपी पहले ही गिरफ्तार हो चुका है। आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट की समिति के फर्जी दस्तावेज बना जमीनों को खुर्दबुर्द किया था। पुलिस के अनुसार, अभी और गिरफ्तारियां भी होंगी।
बता दें कि पीजीएफ लिमिटेड और पर्ल्स एग्रो कारपोरेशन लिमिडेट (पर्ल्स ग्रुप) ने लोगों से निवेश कराकर देशभर में जमीनें खरीदी थीं। वादे किए गए थे कि जमा पैसों की या तो वे जमीन ले सकते हैं या फिर अच्छा रिटर्न। लेकिन, कुछ साल पहले ही सेबी ने उसे रिटर्न न देने पर डिफाल्टर घोषित कर दिया। इसके बाद लोगों के पैसे लौटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशन में एक समिति का गठन किया गया।
यह समिति किसी भी निवेशक के पैसे पर्ल्स और पीजीएफ की संपत्ति बेचकर लौटाती है। पिछले साल एसटीएफ के इंस्पेक्टर अबुल कलाम ने रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था कि पीजीएफ का एक कर्मचारी सिकंदर सिंह निवासी गुजराड़ा भूमाफिया अमित चौधरी, अंकित वर्मा, विजय कुमार, राजेश अग्रवाल और नदीम से मिला हुआ है। इन लोगों ने मिलकर सिकंदर के नाम से सुप्रीम कोर्ट की समिति का मुख्तारनामा बनाया हुआ है। इसके माध्यम से ये लोग आमवाला तरला में पीजीएफ और पर्ल्स ग्रुप की जमीनों को खुर्दबुर्द कर रहे हैं।
इसकी विवेचना रायपुर पुलिस कर रही है। एसओ रायपुर कुंदन राम ने बताया कि जांच में यह मुख्तारनामा फर्जी पाया गया। पता चला कि समिति ने किसी सिकंदर नाम के व्यक्ति को जमीनें बेचने के लिए अधिकृत नहीं किया है। जबकि, आरोपियों ने इन जमीनों को बेचकर करीब डेढ़ करोड़ की ठगी कर ली थी।
जांच में सिकंदर का आधार कार्ड भी फर्जी पाया गया। पिछले दिनों इसमें एक आरोपी विक्रांत चौरसिया निवासी चुक्खूवाला का नाम भी सामने आया। दो मार्च को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। इसी क्रम में अब अमित कुमार निवासी दून विहार, जाखन को गिरफ्तार किया गया है।