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Nainital News: हाईकोर्ट ने पीसीसीएफ को लगाई फटकार, 26 अप्रैल को अगली सुनवाई, जानिए क्या है मामला

संवाद न्यूज एजेंसी, नैनीताल। Published by: रेनू सकलानी Updated Fri, 24 Mar 2023 01:25 PM IST
सार

हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया कि डिप्टी रेंजर को रेंज का चार्ज दिया जा रहा है जबकि रेंज अधिकारियों को रेंज के चार्ज से वंचित किया जा रहा है। पूर्व में हाईकोर्ट ने कहा था कि डिप्टी रेंजर को रेंज का चार्ज नहीं दिया जा सकता है और रेंज का चार्ज देने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

Nainital High court reprimanded PCCF for hearing on petition giving charge of ranger to deputy ranger
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार

हाईकोर्ट ने डिप्टी रेंजर को रेंजर का चार्ज दिए जाने के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत रूप से पेश पीसीसीएफ विनोद कुमार सिंघल को हाईकोर्ट ने फटकार लगाई। कोर्ट ने डिप्टी रेंजर को रेंज का चार्ज देने वाले डीएफओ और अन्य उच्चाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।



कोर्ट ने इस मामले में एक विस्तृत शपथपत्र पेश करने के लिए भी कहा है। अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी। इस दिन पीसीसीएफ को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा गया है। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।


वन क्षेत्राधिकारी संघ ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि डिप्टी रेंजर को रेंज का चार्ज दिया जा रहा है जबकि रेंज अधिकारियों को रेंज के चार्ज से वंचित किया जा रहा है। पूर्व में हाईकोर्ट ने कहा था कि डिप्टी रेंजर को रेंज का चार्ज नहीं दिया जा सकता है और रेंज का चार्ज देने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। इसके बाद भी वन विभाग ने कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं किया।

अपनी गलती स्वीकार कर कोर्ट में मांगी माफी

आदेश का पालन नहीं होने पर कोर्ट ने पीसीसीएफ विनोद सिंघल को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए थे। कोर्ट में पेश होकर पीसीसीएफ ने कहा कि दो डिप्टी रेंजर पर अब भी रेंज का चार्ज है। उन्होंने अपने शपथपत्र में कहा कि एक को चार्ज हाईकोर्ट के निर्देशों के क्रम में दिया गया है।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की ओर से यह आदेश कोर्ट को दिखाया गया जिसमें यह स्पष्ट था कि हाईकोर्ट ने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया था कि उस डिप्टी रेंजर को रेंज का चार्ज दिया जाए। इस पर विनोद सिंघल ने अपनी गलती स्वीकारते हुए कोर्ट में माफी मांगी। इसके बाद हाईकोर्ट ने जब विभागाध्यक्ष से पूछा कि उनके द्वारा उन अधिकारियों के विरुद्ध क्या कार्रवाई की गई है जिन्होंने डिप्टी रेंजर को रेंज ऑफिसर के पद का चार्ज दिया है, उन्होंने बताया कि 2017 से वह पीसीसीएफ नहीं थे।

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वह पीसीसीएफ 2022 में ही बने हैं। न्यायालय ने कहा कि जब अब वह विभागाध्यक्ष के पद पर हैं तब उन्हें ही कोर्ट के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए। कोर्ट ने उन्हें आदेश दिया कि वह इन सभी रेंज अधिकारियों को विकल्प दें कि वे नॉन टेरिटोरियल रेंज में रहना चाहेंगे या टेरिटोरियल रेंज में। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिन डिप्टी रेंजर को रेंज का चार्ज दिया भी जाता है तो वे उनको चार्ज उनकी वरिष्ठता के आधार पर दिया जाए।

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