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Uttarakhand Excise Policy: घर में ज्यादा शराब रखने के लिए मिल सकेगा व्यक्तिगत बार लाइसेंस, देनी होगी इतनी फीस

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, देहरादून Published by: देहरादून ब्यूरो Updated Thu, 23 Mar 2023 02:20 PM IST
सार

अभी तक घर में शराब रखने और लाने-ले जाने के लिए 12 बोतल यानी नौ लीटर तक शराब ही निर्धारित है। लेकिन, इस बार आबकारी नीति में व्यक्तिगत बार लाइसेंस की व्यवस्था की गई है।

Uttarakhand Excise Policy 2023: personal bar license will give to Keeping more liquor in house
बार - फोटो : प्रतीकात्मक तस्वीर

विस्तार

घर में ज्यादा शराब रखने के लिए अब लाइसेंस लेना होगा। इसके लिए आबकारी विभाग व्यक्तिगत बार लाइसेंस देने की तैयारी में है। उसके बाद लाइसेंसधारक अपने घर में 60 लीटर अंग्रेजी शराब (व्हिस्की, इंपोर्टेड व भारतीय स्कॉच, बियर) रख सकेंगे। लाइसेंस फीस के तौर पर 12 हजार रुपये वार्षिक शुल्क देना होगा। जबकि, इसके लिए आबकारी विभाग को 50 हजार रुपये की गारंटी भी देनी होगी।



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अभी तक घर में शराब रखने और लाने-ले जाने के लिए 12 बोतल यानी नौ लीटर तक शराब ही निर्धारित है। लेकिन, इस बार आबकारी नीति में व्यक्तिगत बार लाइसेंस की व्यवस्था की गई है। विभाग के अनुसार इस तरह से लोग अपनी पसंद की शराब घरों में ज्यादा मात्रा में रख सकेंगे। लाइसेंसधारक केवल सिविल में बिकने वाली शराब ही अपने घर में रख सकेगा। कैंटीन या अन्य प्रदेशों में बिकने वाली शराब मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। लाइसेंस के लिए वही व्यक्ति आवेदन कर सकता है, जो पांच साल से आईटीआर भर रहा हो। आवेदन ऑनलाइन किए जाएंगे और इसे जिलाधिकारी स्वीकृत करेंगे।

शपथपत्र में ये बिंदु होंगे शामिल
- व्यक्तिगत बार परिसर में 21 वर्ष से कम आयु का युवक या युवती प्रवेश नहीं करेगा।
- परिसर में केवल सिविल में बिकने वाली शराब ही रखी होगी।
- भारत में निर्मित शराब और इंडियन स्कॉच नौ-नौ लीटर से ज्यादा नहीं होगी।
- इंपोर्टेड मदिरा 18 लीटर यानी दो पेटी ही रख सकते हैं।
- वाइन एक पेटी रखी जा सकती है।
- बियर 15.6 लीटर रख सकते हैं।

स्वाइप मशीन की रसीद नहीं दी तो लगेगा जुर्माना
कुछ समय पहले तक शराब के ठेकों पर केवल नकद ही शराब खरीदी जाती थी। अधिकतर ठेकों पर स्वाइप मशीन नहीं होती थी। लेकिन, दो साल पहले इसे हरेक के लिए अनिवार्य कर दिया था। बावजूद इसके कुछ ठेकों पर स्वाइप मशीन की रसीद ग्राहकों को नहीं दी जाती है। बहरहाल, इस बार आबकारी नीति में ऐसा करने वालों को जुर्माने की व्यवस्था की गई है। यदि रसीद नहीं दी तो 10 हजार रुपये जुर्माना देना होगा।

पहाड़ों पर इंपोर्टेड शराब पर जोर
पर्यटन गतिविधियां बढ़ने पर पहाड़ी क्षेत्रों में भी बड़े-बड़े रिजॉर्ट बन रहे हैं। यहां देशी-विदेशी मेहमान आकर रुकते हैं। लेकिन, पहाड़ों पर अच्छी क्वॉलिटी की शराब न होने से या तो उन्हें दूर से लानी पड़ती है या फिर अपने साथ बाहर से लानी होती है। इसमें सहूलियत के लिए इंपोर्टेड शराब की दुकानों को खोलने के लिए लाइसेंस फीस को घटा दिया गया है। इसे आठ 10 लाख रुपये से आठ लाख रुपये कर दिया गया है। जबकि, मैदानी क्षेत्रों में यही फीस 10 लाख रुपये न लेकर 15 लाख रुपये लिया जाएगा। आबकारी विभाग का मानना है कि मॉल और डिपार्टमेंटल स्टोर मैदानी इलाकों में जरूरत से ज्यादा खुल गए हैं।

आपदा में बंद होंगे ठेके तो माफ हो सकेगा अधिभार
इस बार ठेका संचालकों को राहत पहुंचाने का भी प्रयास किया गया है। दरअसल, पहले किसी आपदा, प्रदर्शन या महामारी आदि के वक्त ठेके बंद रहने पर अधिभार माफ करने की व्यवस्था नहीं थी। लेकिन, अब यदि कोई दुकान इन कारणों से बंद रहती है तो जिलाधिकारी की संस्तुति पर शासन की पूर्वानुमति के बाद आबकारी आयुक्त संबंधित ठेके का अधिभार माफ कर सकेगा। कोविड के वक्त इस तरह की समस्या सबसे अधिक आई थी। मामला हाईकोर्ट तक भी पहुंचा था।
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