न्यूज़ डेस्क, अमर उजाला, रुड़की
Updated Thu, 03 Dec 2020 12:42 AM IST
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उत्तराखंड किसान मोर्चा के नेतृत्व में हरिद्वार जिले के सैकड़ों किसान बुधवार को दिल्ली पहुंच गए। मोर्चा ने यहां चल रहे किसानों के आंदोलन को समर्थन देने का निर्णय लिया है। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) से जुड़े जिले के 30-35 किसान पहले ही यूपी गेट पर जमे हुए हैं।
बुधवार को उत्तराखंड किसान मोर्चा के नेतृत्व में करीब 100 से अधिक किसान हरिद्वार जिले से मेरठ होते हुए यूपी गेट पहुंचे। मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुलशन रोड़ ने बताया कि केंद्र सरकार लगातार किसानों का शोषण कर रही है। इसके चलते हरियाणा, पंजाब समेत पूरे देश में किसानों की स्थिति दयनीय हो चुकी है। किसान सरकार से शांतिपूर्वक वार्ता करने के लिए दिल्ली जा रही थे, लेकिन हरियाणा और पंजाब के किसानों को बॉर्डर पर ही रोका जा रहा है।
इससे साफ है कि केंद्र सरकार किसानों से वार्ता तक नहीं करना चाहती है। उन्होंने कहा कि किसानों को कोरोना का हवाला देकर रोका जा रहा है, जबकि केंद्र सरकार के बड़े से लेकर छोटे नेता तक जनसभाएं कर रहे हैं। हरियाणा और पंजाब के किसानों को समर्थन देने के लिए उत्तराखंड किसान मोर्चा के किसान भी दिल्ली पहुंचे हैं। बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार और किसानों के बीच फिर वार्ता होनी है। इससे पहले किसानों की एक महापंचायत होगी, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी।
अलग-अलग रास्तों से पुलिस को दिया चकमा
मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुलशन रोड़ ने बताया कि पुलिस पर किसानों को रोकने का भारी दबाव है। इसके लिए हरिद्वार जनपद की पुलिस उनसे लगातार संपर्क कर रही थी और किसानों के एकत्र होने की जानकारी जुटा रही थी। इसके चलते अलग-अलग रास्तों से होकर सभी किसान मेरठ पहुंचे। यहां से काफिले के साथ दिल्ली रवाना हुए।
मेरठ टोल प्लाजा पर हुई नोकझोंक
मेरठ टोल प्लाजा पहुंचने पर किसानों और टोल प्लाजा के अधिकारियों-कर्मचारियों में काफी बहस हुई। इस दौरान किसानों की गाड़ियों को टोल प्लाजा देने के लिए रोका गया। किसान नेता वीडियो में कहते नजर आ रहे हैं कि वे धरना स्थल पर जा रहे हैं, जिस पर टोल प्लाजा कर्मचारी किसानों से बहस कर रहा है। काफी बहस के बाद किसान नेता गाड़ियों में बैठकर रवाना हो गए।
उत्तराखंड किसान मोर्चा के नेतृत्व में हरिद्वार जिले के सैकड़ों किसान बुधवार को दिल्ली पहुंच गए। मोर्चा ने यहां चल रहे किसानों के आंदोलन को समर्थन देने का निर्णय लिया है। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) से जुड़े जिले के 30-35 किसान पहले ही यूपी गेट पर जमे हुए हैं।
बुधवार को उत्तराखंड किसान मोर्चा के नेतृत्व में करीब 100 से अधिक किसान हरिद्वार जिले से मेरठ होते हुए यूपी गेट पहुंचे। मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुलशन रोड़ ने बताया कि केंद्र सरकार लगातार किसानों का शोषण कर रही है। इसके चलते हरियाणा, पंजाब समेत पूरे देश में किसानों की स्थिति दयनीय हो चुकी है। किसान सरकार से शांतिपूर्वक वार्ता करने के लिए दिल्ली जा रही थे, लेकिन हरियाणा और पंजाब के किसानों को बॉर्डर पर ही रोका जा रहा है।
इससे साफ है कि केंद्र सरकार किसानों से वार्ता तक नहीं करना चाहती है। उन्होंने कहा कि किसानों को कोरोना का हवाला देकर रोका जा रहा है, जबकि केंद्र सरकार के बड़े से लेकर छोटे नेता तक जनसभाएं कर रहे हैं। हरियाणा और पंजाब के किसानों को समर्थन देने के लिए उत्तराखंड किसान मोर्चा के किसान भी दिल्ली पहुंचे हैं। बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार और किसानों के बीच फिर वार्ता होनी है। इससे पहले किसानों की एक महापंचायत होगी, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी।
अलग-अलग रास्तों से पुलिस को दिया चकमा
मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुलशन रोड़ ने बताया कि पुलिस पर किसानों को रोकने का भारी दबाव है। इसके लिए हरिद्वार जनपद की पुलिस उनसे लगातार संपर्क कर रही थी और किसानों के एकत्र होने की जानकारी जुटा रही थी। इसके चलते अलग-अलग रास्तों से होकर सभी किसान मेरठ पहुंचे। यहां से काफिले के साथ दिल्ली रवाना हुए।
मेरठ टोल प्लाजा पर हुई नोकझोंक
मेरठ टोल प्लाजा पहुंचने पर किसानों और टोल प्लाजा के अधिकारियों-कर्मचारियों में काफी बहस हुई। इस दौरान किसानों की गाड़ियों को टोल प्लाजा देने के लिए रोका गया। किसान नेता वीडियो में कहते नजर आ रहे हैं कि वे धरना स्थल पर जा रहे हैं, जिस पर टोल प्लाजा कर्मचारी किसानों से बहस कर रहा है। काफी बहस के बाद किसान नेता गाड़ियों में बैठकर रवाना हो गए।