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Kedarnath Heli Service: फर्जी वेबसाइटों को लेकर STF ने जारी की एडवाइजरी, ठगी से बचने को ऐसे करें पहचान

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, देहरादून Published by: अलका त्यागी Updated Wed, 31 May 2023 10:14 PM IST
सार

Kedarnath Heli Service Ticket Booking Fake Website News:  केदारनाथ हेली सेवा बुक करने के नाम पर ठगी रोकने के लिए एसटीएफ ने नई एडवाइजरी जारी की है। इसमें एसटीएफ ने उन सभी टिप्स को सोशल मीडिया पर साझा किया है, जिनके माध्यम से असली-नकली वेबसाइट की पहचान की जा सके।

Kedarnath Heli Service ticket Booking STF issued advisory for identify fake website
हेलीकॉप्टर की बुकिंग - फोटो : अमर उजाला

विस्तार
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हेली सेवा बुकिंग वेबसाइट पर अगर आपसे केवाईसी की जानकारी मांगी जाए तो वेबसाइट फर्जी हो सकती है। असली वेबसाइट पर इस तरह की जानकारी नहीं मांगी जाती। यह जानकारी एसटीएफ की ओर से जारी एडवाइजरी में दी गई है।



केदारनाथ हेली सेवा बुक करने के नाम पर ठगी रोकने के लिए एसटीएफ ने नई एडवाइजरी जारी की है। इसमें एसटीएफ ने उन सभी टिप्स को सोशल मीडिया पर साझा किया है, जिनके माध्यम से असली-नकली वेबसाइट की पहचान की जा सके। इसके लिए वेबसाइट के यूआरएल एड्रेस, टोल फ्री नंबर, पेज पर मौजूद लिंक की पहचान के बारे में भी बताया गया है। एसटीएफ और साइबर थाना पुलिस ठगी और फर्जी वेबसाइट के कई मामलों की जांच कर रही है।


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बता दें कि पिछले साल देशभर के दर्जनों लोगों से हेली बुकिंग के नाम पर ठगी की गई थी। इसमें 30 से ज्यादा मुकदमे विभिन्न थानों में दर्ज किए गए थे। ऐसे में इस साल शुरुआत से ही एसटीएफ और साइबर थाना पुलिस अभियान चला रही है। अब तक आई शिकायतों और सर्विलांस के आधार पर एसटीएफ 28 फर्जी वेबसाइट को बंद करा चुकी है। इसके संबंध में साइबर थाने में एक मुकदमा भी दर्ज किया गया है।

फर्जी वेबसाइट की ऐसे करें पहचान

  •  फर्जी वेबसाइट ज्यादातर एक पेज की होती हैं। इनमें ऑप्शन चुनने पर दूसरा पेज नहीं खुलता। जबकि, असली आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर विभिन्न पेज होते हैं।
  • फर्जी वेबसाइट पर कई सरकारी विभागों के लिंक दिए होते हैं, लेकिन यह लिंक इन विभागों की वेबसाइट पर नहीं ले जाते। इस तरह के लिंक क्लिक करने पर इरर आता है।
  • वेबसाइट पर टोल फ्री नंबर की जगह एक या ज्यादा मोबाइल नंबर लिखे होते हैं। ये नंबर ठगों के होते हैं। जबकि, टोल फ्री नंबर अलग होते हैं। असली वेबसाइट पर मोबाइल नंबर नहीं होते हैं।
  • फर्जी वेबसाइट का यूआरएल एड्रेस जरूर चेक कर लें। इसमें कोई न कोई व्याकरण की गलती जरूर होती है या तो विभाग की स्पेलिंग गलत लिखी होगी या फिर कुछ शब्द आगे पीछे कर लिखे गए होंगे।
  • वेबसाइट पर यह जरूर देखें कि यह कब बनी है। यह सबसे नीचे लिखा होता है। ज्यादातर वेबसाइट पर रिसेंटली क्रिएटेड यानी हाल ही में बनाई गई है लिखा होता है। 

एसटीएफ अब तक 28 फर्जी वेबसाइट बंद कराई जा चुकी हैं। लोगों को जागरूक करने के लिए समय-समय पर एडवाइजरी जारी की जा रही हैं। इसी क्रम में नई एडवाइजरी असली-नकली वेबसाइट की पहचान के लिए जारी की गई है।
- आयुष अग्रवाल, एसएसपी एसटीएफ
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