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Joshimath: रिपोर्ट आने के बाद शुरू होंगे पुनर्निर्माण कार्य, फिलहाल ठंडे बस्ते में NTPC की बनाई पेयजल योजना

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, देहरादून Published by: रेनू सकलानी Updated Sat, 28 Jan 2023 03:11 PM IST
सार

जोशीमठ में पांच नालों की लाइनिंग और सीवरेज के काम के लिए सिंचाई विभाग की ओर से करीब 200 करोड़ रुपये की संभावित डीपीआर सौंपी गई थी। लेकिन फिलहाल इसे रोक दिया गया है। कौन सा घर टूटेगा, कौन सा रहेगा, ट्रीटमेंट का काम किस दिशा में आगे बढ़ेगा। यह सभी बातें रिपोर्ट मिलने के बाद ही आगे बढ़ पाएंगी।

हाईवे
हाईवे - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

जोशीमठ में सरकार ने ड्रेनेज, नालों की लाइनिंग और सीवरेज के काम को फिलहाल आगे बढ़ा दिया है। सरकार का कहना है कि यह सब काम अब तकनीकी संस्थाओं की रिपोर्ट आने के बाद जोशीमठ पुनर्निर्माण के साथ ही किए जाएंगे।



शुक्रवार को इस संबंध में जानकारी देते हुए सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ में पांच नालों की लाइनिंग और सीवरेज के काम के लिए सिंचाई विभाग की ओर से करीब 200 करोड़ रुपये की संभावित डीपीआर सौंपी गई थी। लेकिन फिलहाल इसे रोक दिया गया है।


सीवरेज के काम को भी तभी आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने बताया कि अभी बहुत सी चीजें देखनी हैं। कौन सा घर टूटेगा, कौन सा रहेगा, ट्रीटमेंट का काम किस दिशा में आगे बढ़ेगा। यह सभी बातें रिपोर्ट मिलने के बाद ही आगे बढ़ पाएंगी। इसलिए तय किया गया है कि यह सभी काम तभी शुरू कराए जाएंगे, जब जोशीमठ के पुनर्निर्माण का काम शुरू होगा। उन्होंने कहा कि जोशीमठ में बिजली, पानी, ड्रेनेज, सीवरेज इत्यादि सभी बातों को ध्यान में रखते हुए पुनर्निर्माण के कामों में शामिल किया जाएगा।

एनटीपीसी ने बनाई थी पेयजल की योजना, फिलहाल ठंडे बस्ते में

डॉ. सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ में करार के तहत एनटीपीसी को पेयजल लाइनें बिछानी थी। इसकी योजना बहुत पहले बना ली गई थीं, लेकिन बाद में कुछ बाधाएं आ जाने के बाद यह आगे नहीं बढ़ पाई।

जेपी कॉलोनी में सब स्टेशन में कोई दिक्कत नहीं
एक सवाल के जवाब में डॉ. सिन्हा ने कहा कि जेपी कॉलोनी स्थित पिटकुल के 66 केवी सब स्टेशन को लेकर कोई खतरा नहीं है। इस संबंध में पिटकुल की ओर से उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई है।

सेना की तरफ से भी कोई डिमांड नहीं

डॉ. सिन्हा ने कहा कि जोशीमठ में डांडो वार्ड के ऊपर सैन्य क्षेत्र में भवनों में दरारें नहीं है। सैन्य की तरफ से भी नए क्षेत्र में विस्थापित किए जाने या किसी अन्य प्रकार की डिमांड नहीं की गई है। यदि किसी प्रकार की मांग की जाएगी तो उस पर विचार किया जाएगा।

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बदरीनाथ हाईवे का कोई विकल्प नहीं
एक सवाल के जवाब में डॉ. सिन्हा ने कहा कि बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग का फिलहाल कोई विकल्प नहीं है। मार्ग में दरारें हैं और बीआरओ की ओर से उसे सुधारा जा रहा है। आगे की कार्रवाई के लिए तकनीकी संस्थाओं की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। बीआरओ रे हेलंग बाईपास को शीघ्र पूरा कराने की संभावनाओं को तलाशने के लिए कहा गया है।
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