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Joshimath: घर बनाने के लिए भूमि के साथ धन भी देगी सरकार, पुनर्वास और विस्थापन के लिए बनाई ये रणनीति

अमर उजाला ब्यूरो, देहरादून Published by: अलका त्यागी Updated Tue, 31 Jan 2023 02:27 AM IST
सार

अपर मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन की अध्यक्षता में हुई एचपीसी की बैठक में जिलाधिकारी चमोली के प्रस्तावों पर चर्चा के बाद तीन विकल्पों पर मुहर लगाई गई।

Joshimath Is Sinking Government kept three options for rehabilitation and displacement
आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

जोशीमठ आपदा प्रभावितों के पुनर्वास और विस्थापन के लिए सरकार ने तीन विकल्पों का प्रस्ताव रखा है। जिलाधिकारी स्तर पर बनी कमेटी के सुझावों पर अपर मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन की अध्यक्षता में बनी उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) ने तीनों विकल्पों पर अपनी सैद्धांतिक सहमति दे दी है। अब इन्हें राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में रखा जाएगा। आपदा प्रभावितों को भूमि और भवनों के क्षति की एवज में एकमुश्त समाधान (वन टाइम सेटलमेंट) के साथ ही घर के बदले घर और भूमि के बदले भूमि का विकल्प भी दिया गया है।



सोमवार को राज्य सचिवालय में अपर मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन की अध्यक्षता में हुई एचपीसी की बैठक में जिलाधिकारी चमोली के प्रस्तावों पर चर्चा के बाद तीन विकल्पों पर मुहर लगाई गई। बैठक की जानकारी देते हुए सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने जोशीमठ आपदा प्रभावित अपनी मर्जी से तीनों में से किसी एक विकल्प का चुनाव कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि जमीन का मुआवजा सर्किल रेट के आधार पर तय किया जाएगा। सर्किल रेट कितना निर्धारित किया जाएगा, इस पर कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया जाएगा।


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डॉ. सिन्हा ने बताया कि भवनों का मुआवजा केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के निर्धारित मानकों के अनुसार दिया जाएगा। इसके अलावा बड़े होटलों को पूरा मुआवजा दिया जाएगा। जबकि छोटी-छोटी दुकानों और होटलों (ढाबों) को भी दो विकल्प दिए जाएंगे। पहले विकल्प के तौर पर छोटे दुकानदार और ढाबा संचालक एक साथ पूरा मुआवजा ले सकेंगे। जबकि दूसरे विकल्प के तौर पर विस्थापित की जाने वाले जगह पर 15 वर्गमीटर में दुकान बनाकर आवंटित की जाएगी।

उन्होंने बताया कि कितने भवन हटाए जाएंगे, कितनों की रेट्रोफिटिंग की जाएगी, इस पर केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) की अंतिम रिपोर्ट मिलने के बाद निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि उच्चाधिकारी प्राप्त समिति ने जिलाधिकारी चमोली की ओर से पुनर्वास व विस्थापन के संबंध में प्रस्तावित तीन विकल्पों को उपयुक्त पाते हुए शासन स्तर पर मंत्रिमंडल के समक्ष रखने का निणर्य लिया है।

ये रखे हैं सरकार ने विकल्प


विकल्प एकः भूमि, भवन के बदले एकमुश्त समाधान
पहले विकल्प के तौर पर आपदा प्रभावितों को एकमुश्त समाधान (वन टाइम सेटलमेंट) का विकल्प दिया गया है। इसके तहत प्रभावित भू-भवन स्वामियों को वित्तीय सहायता क्षति के मुआवजे के रूप में निर्धारित मानकों के तहत एक बार में ही क्षतिग्रस्त भवन एवं भूमि का पूरा भुगतान कर दिया जाएगा। भुगतान से पूर्व संबंधित प्रभावित की भूमि, भवन की रजिस्ट्री राज्य सरकार के पक्ष में की जाएगी।

विकल्प दोः घर बनाने के लिए 100 वर्ग मीटर भूमि, जमीन का मुआवजा
दूसरे विकल्प के तहत प्रभावित भू-भवन स्वामियों को प्रभावित भूमि के सापेक्ष घर बनाने के लिए अधिकतम 100 वर्ग मीटर जमीन दी जाएगी। इसके अलावा प्रभावित भवन का मुआवजा दिया जाएगा। प्रभावित भू-भवन स्वामियों को 100 वर्ग मीटर से अधिक भूमि होने पर अतिरिक्त भूमि का मानकों के अनुसार भुगतान किया जाएगा। वहीं, यदि किसी के पास 50 वर्गमीटर ही भूमि है तो संबंधित को उतनी ही भूमि आवंटित की जाएगी। यदि किसी के पास 200 या 300 वर्गमीटर या इससे अधिक भूमि है तो उसे भूमि का अतिरिक्त मुआवजा दिया जाएगा। भुगतान से पूर्व संबंधित प्रभावित की भूमि, भवन की रजिस्ट्री राज्य सरकार के पक्ष में की जाएगी।

विकल्प तीनः 75 वर्ग मीटर भूमि पर डुप्लेक्स बनाकर देगी सरकार
तीसरे विकल्प के तहत प्रभावितों के पुनर्वास के लिए चिह्नित स्थान पर अधिकतम 75 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में डुप्लेक्स भवन निर्माण कर सरकार की ओर से दिया जाएगा। यदि आपदा प्रभावितों का आवासीय भवन या भूमि इससे अधिक है तो उसके बदले उन्हें शेष धनराशि का भुगतान किया जाएगा। डुप्लेक्स भवन कहां बनाए जाएंगे, इसके लिए अभी भूमि का चयन किया जाना शेष है। तीसरे विकल्प में भी प्रभावितों को पहले अपनी आवास, जमीन की सरकार के पक्ष में रजिस्ट्री करानी होगी।

राहत पैकेज को करना होगा इंतजार

जोशीमठ आपदा प्रभावितों के लिए केंद्र सरकार को भेजे जाने वाले राहत पैकेज को तैयार करने में अभी समय लग सकता है। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने बताया कि अभी भूमि का सर्किल रेट तय किया जाना है। इसके अलावा जब तक यह तय नहीं हो जाता है कि कितने प्रभावित परिवार हैं, कितने लोगों को विस्थापित किया जाना है, कितने भवन तीक्ष्ण और कितने आंशिक क्षतिग्रस्त हैं, कितनों भवनों की रेट्रोफिटिंग की जानी है, प्रभावितों को किस दर पर कितना पैसा दिया जाना है, तब तक राहत पैकेज तैयार नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि यह सभ तकनीकी संस्थाओं की फाइनल रिपोर्ट आने के बाद संभव हो पाएगा। इसके बाद राहत पैकेज तैयार कर कैबिनेट की मंजूरी के बाद केंद्र को भेजा जाएगा।

तीन स्कूल प्रभावित, दूसरे विद्यालयों में शिफ्ट किए जाएंगे बच्चे

जोशीमठ आपदा प्रभावित क्षेत्र में तीन विद्यालय भवन भी प्रभावित हुए हैं। इन विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को दूसरे स्कूलों में स्थानांतरित किया जाएगा। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने बताया कि मारवाड़ी क्षेत्र के तीन स्कूलों में दरारें आई हैं। इन्हें बच्चों के पढ़ने के लिहाज से असुरक्षित घोषित किया है। उन्होंने बताया कि इन स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिए करीब 12 किमी दूर दूसरे स्कूलों में की जा रही है। इसके साथ इन बच्चों को लाने-ले जाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से निशुल्क बस सेवा उपलब्ध कराई जाएगी।
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