- मरीजों को दूसरे दिन बुलाया जा रहा इलाज के लिए
-300 कर्मियों की सेवा समाप्त होने से चरमराई व्यवस्था
माई सिटी रिपोर्टर
देहरादून। दून अस्पताल के 300 संविदा कर्मचारियों की सेवा समाप्त होने का असर शनिवार को भी देखने को मिला। यहां स्टाफ की कमी के चलते मरीजों को घंटो इलाज के लिए भटकना पड़ा। हालत यह है कि जिस विभाग में पांच कर्मचारी काम करते थे, वहां अब एक से काम चलाना पड़ रहा है।
अस्पताल में व्यवस्था इस तरह चरमरा गई है कि कई मरीजों को इलाज के लिए दूसरे दिन बुलाया जा रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी वार्ड में भर्ती मरीजों को उठानी पड़ रही है। जो कर्मचारी निकाले गए हैं, इनमें सबसे अधिक वार्ड ब्वॉय, वार्ड आया और वार्ड अटेंडेंट शामिल हैं। यह वार्ड में मरीजों की देखभाल से लेकर उन्हें समय पर दवा उपलब्ध कराना आदि सभी काम संभालते थे। अब स्थिति यह है कि एक वार्ड ब्वॉय, वार्ड आया कई मरीजों को देख रहे हैं। वहीं, लैब टेक्नीशियन कम होने से मरीजों की जांच में भी परेशानी हो रही है।
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बारिश के बीच प्रदर्शन जारी
दून अस्पताल से निकाले गए कर्मचारियों का ओपीडी के बाहर धरना-प्रदर्शन जारी है। शनिवार को बारिश के बीच उन्होंने सेवा विस्तार को लेकर जमकर नारेबाजी की। स्टेट फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर यूनियन के अध्यक्ष संजय सिंह कोरंगा ने बताया कि जब तक उनका सेवा विस्तार नहीं होता, वह प्रदर्शन जारी रखेंगे।
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- चार वार्ड में एक वार्ड आया -
स्थिति यह हो गई है कि गाइनी के चार वार्ड में एक वार्ड आया काम कर रही हैं। वहीं, एएनसी और इमरजेंसी का भी यही हाल है। लैब में टेक्नीशियन की जगह इंटर्न काम करने आए हैं। एक वार्ड ब्वॉय और वार्ड आया को एक साथ करीब 120 मरीजों को देखना पड़ रहा है।
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- योग्यता की परीक्षा लेकर देख लें -
संजय सिंह कोरंगा ने कहा कि शासन को अगर हम कर्मचारियों के काम पर संदेह है तो हम सबकी परीक्षा लेकर देख सकते हैं। हम सबने कोरोना काल में भी काम किया है। जो कर्मचारी परीक्षा पास कर ले उसको नौकरी में सेवा विस्तार दे दिया जाए। हम लोग जल्द ही स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात भी करेंगे।
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- इनकी नौकरी चली गई -
186 वार्ड बॉय, वार्ड आया, लैब अटेंडेंट, वार्ड अटेंडेंट
33 लैब टेक्नीशियन
3 इलेक्ट्रीशियन
7 एंबुलेंस ड्राइवर
8 कंप्यूटर ऑपरेटर
2 महिला सिक्योरिटी गार्ड
8 ओटी टेक्नीशियन
5 फार्मासिस्ट
1 एक्स-रे टेक्नीशियन
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शासन की ओर से कर्मचारियों की सेवा विस्तार के संबंध में कोई निर्देश नहीं मिले हैं। स्टाफ की कमी के चलते परेशानी की बात गलत है। दून अस्पताल से कम स्टाफ कोरोनेशन अस्पताल में है। वहां तो कोई परेशानी नहीं है। गाइनी विभाग में मरीज हमेशा ही अधिक रहते हैं। जहां ज्यादा मरीज होते हैं, वहां स्टाफ को तैनात कर दिया जाता है।
- डॉ. यूसुफ रिजवी, सीएमएस, दून अस्पताल