{"_id":"614082e35667e102397b8b85","slug":"hindi-diwas-2021-hindi-hain-hum-news-switzerland-family-learn-hindi-and-stayed-in-rishikesh","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"हिंदी दिवस 2021: एक ऐसा विदेशी परिवार जिसके तन मन में बसती है हिंदी, बच्चों को भी सरकारी स्कूल में पढ़ाया ","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
हिंदी दिवस 2021: एक ऐसा विदेशी परिवार जिसके तन मन में बसती है हिंदी, बच्चों को भी सरकारी स्कूल में पढ़ाया
मनोज राणा, अमर उजाला, ऋषिकेश
Published by: अलका त्यागी
Updated Tue, 14 Sep 2021 04:45 PM IST
सार
लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें
Hindi Diwas 2021 News: मूल रूप से मध्य यूरोपीय देश स्विट्जरलैंड के रहने वाली लॉडर दंपती चार दशक पूर्व ऋषिकेश घूमने आया था। लेकिन योगनगरी की आबोहवा पीटर और टेरिसा को ऐसी भायी की बस यही के होकर रह गए।
परिवार के साथ पीटर लॉडर और टेरिसा लॉडर
- फोटो : अमर उजाला
योगनगरी ऋषिकेश में एक विदेशी परिवार ऐसा भी है जिनके जीवन में हिंदी रस बस गई है। पीटर लॉडर और टेरिसा लॉडर को हिंदी से इतना प्रेम था कि उन्होंनेे बच्चों को भी पढ़ने के लिए सरकारी स्कूल में भेजा। पीटर और टेरिसा के दोनों बच्चे फर्राटेदार हिंदी बोलते हैं। आज अपने ही देश में उपेक्षित मातृभाषा इस विदेशी परिवार की पहली भाषा बन गई है।
मूल रूप से मध्य यूरोपीय देश स्विट्जरलैंड के रहने वाली लॉडर दंपती चार दशक पूर्व ऋषिकेश घूमने आया था। लेकिन योगनगरी की आबोहवा पीटर और टेरिसा को ऐसी भायी की बस यहीं के होकर रह गए। लॉडर दंपती ने लक्ष्मणझूला-सिलोगी मोटर मार्ग के पास घट्टूगाड़ में अपना आशियाना बनाया। स्थानीय लोगों को बातचीत करते-करते लॉडर दंपती हिंदी सीख गए। हालांकि शुरूआत में इनको हिंदी के शब्दों को समझने में परेशानी भी हुई।
पीटर और टेरिसा के एक बेटी और एक बेटा है। बेटी का नाम गंगा और बेटे का नाम गणेश है। जब गंगा और गणेश की शिक्षा की बात आई तो विदेशी माता-पिता ने इसके लिए सरकारी स्कूल का चुनाव किया। लॉडर दंपती चाहते तो बच्चों को स्विट्जरलैंड या किसी निजी अंग्रेजी स्कूल में पढ़ा सकते थे, लेकिन दंपती ने उन्हें हिंदी माध्यम से पढ़ाई करानी की ठानी और सरकारी स्कूल में दाखिला करवा दिया।
दोनों बच्चों ने राजकीय इंटर कॉलेज मोहनचट्टी से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की। इसके बाद गंगा ने डीएवी स्कूल देहरादून से स्नातक के बाद एमआईटी ढालवाला से बीएड किया। यहीं नहीं गंगा ने जयराम आश्रम से योग का प्रशिक्षण भी प्राप्त किया। गंगा का विवाह स्वर्गाश्रम क्षेत्र हुआ है।
वहीं गणेश अब एमबीए की पढ़ाई कर रहे हैं। दोनों ही बच्चों इतनी शुद्ध हिंदी बोलते हैं कि फोन पर करते समय अंदाजा लगाना मुश्किल है कि ये विदेशी हैं। पीटर और टेरिसा का कहना है कि हिंदी सबसे सरल भाषा। हिंदी संवाद और अपनी भावनाओं को प्रकट करने का सशक्त माध्यम है। पीटर और टेरिसा ने बताया कि अब हिंदी ही उनके लिए मातृभाषा है।
हिंदी के साथ गढ़वाली भी बोलती हैं गंगा
पीटर और टेरिसा ने बताया कि उन्हें यहां रहते हुए बहुत समय बीत गया है। उनकी बेटी का जन्म यहीं हुआ है। उनकी बेटी की हिंदी, अंग्रेजी और गढ़वाली भाषा में अच्छी पकड़ है। इसलिए उनकी बेटी को कोई हिंदी भाषा में कोई परेशानी नहीं हुई।
पीटर और टेरिसा ने नाम बदला
पीटर लॉडर ने अपना नाम भोले और टेरिसा ने अपना नाम शिवानी रखा हुआ है। आसपास के लोग इन्हें इसी नाम से जानते हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।