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Gopeshwar : जोशीमठ में अब भी ठहर सकते हैं रोज 3000 यात्री, 62 लॉज, होटल और 101 होम स्टे पूरी तरह सुरक्षित

प्रमोद सेमवाल, गोपेश्वर Published by: दुष्यंत शर्मा Updated Tue, 31 Jan 2023 03:33 AM IST
सार

यात्राकाल में यहां प्रतिदिन लगभग 3000 तीर्थयात्रियों व पर्यटकों के ठहरने के पूरे इंतजाम हैं। मुख्य बाजार, पेट्रोल पंप से लेकर सुनील वार्ड तक करीब 62 लॉज, होटल तथा 101 होम स्टे हैं जो सुरक्षित हैं जहां तीर्थयात्रा के दौरान यात्री ठहर सकते हैं।
 

जोशीमठ
जोशीमठ - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

जोशीमठ में भले ही भू-धंसाव से 30 फीसदी हिस्से में होटल और आवासीय भवनों को नुकसान पहुंचा हो लेकिन चारधाम यात्रा संचालन के लिहाज से नगर का 70 प्रतिशत हिस्सा सुरक्षित है। यात्राकाल में यहां प्रतिदिन लगभग 3000 तीर्थयात्रियों व पर्यटकों के ठहरने के पूरे इंतजाम हैं। मुख्य बाजार, पेट्रोल पंप से लेकर सुनील वार्ड तक करीब 62 लॉज, होटल तथा 101 होम स्टे हैं जो सुरक्षित हैं जहां तीर्थयात्रा के दौरान यात्री ठहर सकते हैं।


वर्ष 2022 में जोशीमठ में करीब 5000 तीर्थयात्री एक दिन में रात्रि प्रवास के लिए पहुंचते थे। जोशीमठ नगर बदरीनाथ धाम का प्रवेश द्वार है। तीर्थयात्री जोशीमठ में रात्रि प्रवास के लिए पहुंचते हैं और सुबह नृसिंह मंदिर के दर्शन कर बदरीनाथ धाम की यात्रा शुरू करते हैं। 


इस बार वर्ष के शुरुआत में ही जोशीमठ नगर का करीब 30 फीसदी हिस्सा भू-धंसाव की चपेट में आ गया जिससे लोगों में दहशत पैदा हो गई है। अब प्रभावित क्षेत्रों में भू-धंसाव कम हो गया है। इसको देखते हुए जोशीमठ में कई जगह यात्रा के लिए सुरक्षित हैं। इस वर्ष बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर तीर्थयात्रियों के लिए खोल दिए जाएंगे जिसे लेकर अब तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। जोशीमठ के प्रवेश द्वार सिंहधार वार्ड व इसके समीप मनोहर बाग, मारवाड़ी व सुनील वार्ड का कुछ हिस्सा भू-धंसाव की चपेट में आया है लेकिन इससे आगे करीब 70 प्रतिशत नगर क्षेत्र सुरक्षित है।

यात्राकाल में तीर्थयात्रियों की रहती है चहल-पहल
गोपेश्वर। यात्राकाल में ऋषिकेश से बदरीनाथ धाम तक तीर्थयात्रियों की खासी चहल-पहल रहती है। तीर्थयात्री सुबह ऋषिकेश से वाहन से सफर कर रात्रि प्रवास के लिए श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, कर्णप्रयाग, चमोली, पीपलकोटी, हेलंग और जोशीमठ पहुंचते हैं। बदरीनाथ से दूरी कम होने के कारण अधिकांश तीर्थयात्री जोशीमठ और पीपलकोटी में रात्रि प्रवास के लिए पहुंचते हैं। पीपलकोटी (गडोरा व मायापुर तक) में मौजूदा समय में 45 होटल हैं, जिनमें 750 कमरे हैं। यहां 2500 से 3000 तक तीर्थयात्रियों के ठहरने की व्यवस्था है। 
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