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हाईकोर्ट से दून संभाग के विक्रम चालकों को फिलहाल बेशक राहत मिल गई हो, लेकिन परिवहन विभाग ने स्पष्ट किया कि विक्रम संचालकों को कॉन्ट्रैक्ट कैरिज के परमिट की शर्तों का पालन करना होगा। परमिट शर्तों के उल्लंघन पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
आरटीओ सुनील शर्मा ने कहा कि विक्रम संचालक काउंटर बनाकर बुकिंग करें या परमिट में घोषित किए गए गैराज में विक्रम खड़ा कर बुकिंग के बाद सवारियां ले जाएं। उन्होंने कहा कि प्राइवेट पार्किंग बनाकर भी विक्रम संचालक बुकिंग कर सकते हैं। परिवहन विभाग आईएसबीटी के पास थोड़ा स्थान विक्रमों को देने पर विचार कर रहा है। कहा कि परमिट शर्तों के उल्लंघन पर पांच हजार रुपये का चालान, परमिट सस्पेंड और निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
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आरटीओ के इस आदेश के बाद विक्रम संचालकों की मुसीबत बढ़ गई है। विक्रम जनकल्याण सेवा समिति के सचिव संजय अरोड़ा का कहना है कि विक्रम में बुकिंग कर सवारी बिठाना संभव नहीं है। शहर में विक्रम के लिए कोई स्टैंड नहीं है। कहा कि वह टैक्स स्टेज कैरिज का देते हैं, इंश्योरेंस भी स्टेज कैरिज में जमा होता है। ऐसे में कॉन्ट्रैक्ट कैरिज की शर्तें उन पर क्यों थोपी जा रही हैं।
दरअसल, दून के सभी विक्रमों का परमिट कॉन्ट्रैक्ट कैरिज में है। इसके अनुसार टैंपो स्टैंड से बुकिंग करने के बाद ही विक्रम सवारी बिठा सकते हैं, लेकिन अब तक विक्रम संचालक स्टेज कैरिज में फुटकर सवारियां बिठाते आ रहे थे। फुटकर सवारी बिठाने की छूट न मिलने से विक्रम संचालकों के लिए मुसीबत हो सकती है। वहीं, दून ऑटो रिक्शा यूनियन ने हाईकोर्ट के निर्णय पर खुशी जताई है। बैठक में यूनियन के सदस्यों ने अध्यक्ष पंकज अरोड़ा का माला पहनाकर स्वागत किया।