विज्ञापन
Hindi News ›   Uttarakhand ›   Dehradun News ›   country top 26 poachers Panel canceled in Uttarakhand forest department read more Update in hindi

Uttarakhand: देश के शीर्ष 26 शिकारियों का पैनल रद्द, आदमखोर बाघ से निपटने के लिए पुलिस की मदद लेगा विभाग

विनोद मुसान, अमर उजाला ब्यूरो, देहरादून Published by: रेनू सकलानी Updated Sat, 10 Jun 2023 05:00 PM IST
सार

बीते दिनों एनटीसीए की ओर से इस संबंध में गाइडलाइन जारी करते हुए शिकारियों के पैनल ही नहीं इस व्यवस्था को ही खत्म करने के निर्देश जारी किए गए थे। इस पर वन विभाग ने कार्रवाई करते हुए फैसला भी ले लिया है। अब वन महकमा इस काम के लिए पुलिस की मदद से अपने कर्मचारियों को ट्रेंड करेगा और जरूरत पड़ने पर पुलिस के शूटरों की मदद लेगा।

country top 26 poachers Panel canceled in Uttarakhand forest department read more Update in hindi
बाघ (फाइल फोटो) - फोटो : Amar Ujala Digital

विस्तार
Follow Us

उत्तराखंड में अब लखपत सिंह, जॉय हुकिल और आशीष दास गुप्ता जैसे जाने-माने शिकारी आदमखोर बाघों और गुलदारों से मोर्चा लेते नजर नहीं आएंगे। वन विभाग ने वर्ष 2006 से चली आ रही व्यवस्था को समाप्त करते हुए शिकारियों के पैनल को रद्द कर दिया है। ऐसी स्थिति बनने पर वन विभाग अब उत्तराखंड पुलिस की मदद से खुद मोर्चे पर डटेगा।

प्रदेश में मानव वन्यजीव संघर्ष के बीच कई बार ऐसी स्थिति बन जाती है, जब संबंधित वन्यजीवों (बाघ, गुलदार, हाथी इत्यादि) को आदमखोर घोषित करते हुए उन्हें मारने के आदेश करने पड़ते हैं। इस काम के लिए अभी तक वन विभाग पैनल में शामिल लाइसेंसी शिकारियों की मदद लेता रहा।



वर्ष 2006 में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 में संशोधन करते हुए धारा 11 की उपधारा (1) के खंड (क) में शिकारियों का पैनल गठित करने की व्यवस्था की गई थी। इसके तहत पैनल में शामिल शिकारी आदमखोर वन्यजीवों का सफाया करने के साथ ही प्रशिक्षु वन अधिकारियों और कर्मचारियों को समय-समय पर ट्रेनिंग भी देते थे।

कर्मचारियों को ट्रेंड करेगा
बीते दिनों राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की ओर से इस संबंध में गाइडलाइन जारी करते हुए शिकारियों के पैनल ही नहीं इस व्यवस्था को ही खत्म करने के निर्देश जारी किए गए थे। इस पर वन विभाग ने कार्रवाई करते हुए फैसला भी ले लिया है। अब वन महकमा इस काम के लिए पुलिस की मदद से अपने कर्मचारियों को ट्रेंड करेगा और जरूरत पड़ने पर पुलिस के शूटरों की मदद लेगा। प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक ने इसकी पुष्टि की है।

ये शिकारी थे प्रमुख रूप से पैनल में

उत्तराखंड वन विभाग में शिकारियों के पैनल में लखपत सिंह (चमोली), आशीष दास गुप्ता (सोलन, हिमाचल), साद बिन आसिफ (बिजनौर, यूपी), अली अदनान (बिजनौर, यूपी), डॉ. प्रशांत सिंह (देहरादून), जॉय हुकिल (पौड़ी गढ़वाल), गंभीर सिंह भंडारी (टिहरी, गढ़वाल), अशोक मित्तल (रोहिणी, दिल्ली), बलवीर सिंह पंवार (वन दरोगा, नरेंद्रनगर वन प्रभाग, मुनि की रेती), जहीरुद्दीन बख्शी (देहरादून), हरीश सिंह धामी (नैनीताल), विपिन चंद्रा (भीमताल), शेख अजहर खान (पौड़ी गढ़वाल), कै. रक्षित शर्मा (देहरादून), सैय्यद अली बिन हादी (मेरठ, यूपी), राजीव सोलाेमन (मुरादाबाद, यूपी), उदयन सिंह (चंदौसी, यूपी), मंसूर मजहर (मुरादाबाद, यूपी) आदि शामिल थे।

ये भी पढ़ें...Haridwar Crime:  कट्टे में भरकर नदी किनारे फेंका युवती का शव, हत्या से सनसनी, बर्बरता देख कांप गए लोग

शिकारियों का पैनल एनटीसीए की नई गाइडलाइन के अनुसार रद्द कर दिया गया है। अब उनके लिए विभाग अपने कर्मचारियों को तैयार करेगा। उत्तराखंड पुलिस की मदद लेने के लिए डीजीपी से पहले दौर की बैठक भी हो चुकी है। - डॉ. समीर सिन्हा, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक, वन विभाग

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Independence day

अतिरिक्त ₹50 छूट सालाना सब्सक्रिप्शन पर

Next Article

फॉन्ट साइज चुनने की सुविधा केवल
एप पर उपलब्ध है

app Star

ऐड-लाइट अनुभव के लिए अमर उजाला
एप डाउनलोड करें

बेहतर अनुभव के लिए
4.3
ब्राउज़र में ही
X
Jobs

सभी नौकरियों के बारे में जानने के लिए अभी डाउनलोड करें अमर उजाला ऐप

Download App Now

अपना शहर चुनें और लगातार ताजा
खबरों से जुडे रहें

एप में पढ़ें

क्षमा करें यह सर्विस उपलब्ध नहीं है कृपया किसी और माध्यम से लॉगिन करने की कोशिश करें

Followed

Reactions (0)

अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं

अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें