देहरादून जिला उपभोक्ता फोरम ने कहा कि एटीएम की सुरक्षा व्यवस्था न होना भी सेवा में कमी के दायरे में आती है। ऐसे में बैंक ग्राहक को एटीएम क्लोनिंग से निकली रकम साढ़े चार लाख रुपये और मानसिक क्षतिपूर्ति भी अदा करे।
लक्कड़घाट श्यामपुर निवासी ऋषिपाल ने जिला उपभोक्ता फोरम में शिकायत की थी। इस मामले में ऋषिपाल ने पंजाब एंड सिंध बैंक श्यामपुर शाखा को विपक्षी बनाया गया था। ऋषिपाल के अनुसार 19 सितंबर 2016 को उनके बचत खाते लगभग साढ़े चार लाख रुपये निकाल लिए गए थे। पता चला कि एटीएम क्लोनिंग के माध्यम से रकम निकाली गई है।
उन्होंने बैंक में शिकायत की, लेकिन बैंकिंग लोकपाल ने भी सुनवाई का मौका दिए बगैर अन्य मंच पर शिकायत करने की सलाह दी। फोरम ने जब बैंक को नोटिस दिया तो उसने अपनी जिम्मेदारी से इनकार कर दिया।
सोमवार को भूपेंद्र सिंह दुग्तल की अध्यक्षता वाली फोरम ने माना कि यदि एटीएम में सुरक्षा होती तो कोई क्लोनिंग न करता। यह जिम्मेदारी बैंक की है। ऐसे में यह एक प्रकार की सेवा में कमी है। लिहाजा, उपभोक्ता को पूरी रकम भुगतान की जाए। इसके अलावा वादी को मानसिक क्षतिपूर्ति 20 हजार और पांच हजार रुपये वाद खर्च भी दिया जाए।
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देहरादून जिला उपभोक्ता फोरम ने कहा कि एटीएम की सुरक्षा व्यवस्था न होना भी सेवा में कमी के दायरे में आती है। ऐसे में बैंक ग्राहक को एटीएम क्लोनिंग से निकली रकम साढ़े चार लाख रुपये और मानसिक क्षतिपूर्ति भी अदा करे।
लक्कड़घाट श्यामपुर निवासी ऋषिपाल ने जिला उपभोक्ता फोरम में शिकायत की थी। इस मामले में ऋषिपाल ने पंजाब एंड सिंध बैंक श्यामपुर शाखा को विपक्षी बनाया गया था। ऋषिपाल के अनुसार 19 सितंबर 2016 को उनके बचत खाते लगभग साढ़े चार लाख रुपये निकाल लिए गए थे। पता चला कि एटीएम क्लोनिंग के माध्यम से रकम निकाली गई है।
उन्होंने बैंक में शिकायत की, लेकिन बैंकिंग लोकपाल ने भी सुनवाई का मौका दिए बगैर अन्य मंच पर शिकायत करने की सलाह दी। फोरम ने जब बैंक को नोटिस दिया तो उसने अपनी जिम्मेदारी से इनकार कर दिया।
सोमवार को भूपेंद्र सिंह दुग्तल की अध्यक्षता वाली फोरम ने माना कि यदि एटीएम में सुरक्षा होती तो कोई क्लोनिंग न करता। यह जिम्मेदारी बैंक की है। ऐसे में यह एक प्रकार की सेवा में कमी है। लिहाजा, उपभोक्ता को पूरी रकम भुगतान की जाए। इसके अलावा वादी को मानसिक क्षतिपूर्ति 20 हजार और पांच हजार रुपये वाद खर्च भी दिया जाए।