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Dehradun News: सीएम की सुरक्षा में तैनात कमांडो की संदिग्ध हालात में गोली लगने से मौत

Dehradun Bureau देहरादून ब्यूरो
Updated Fri, 02 Jun 2023 01:42 AM IST
Commando posted in CM's security died due to bullet under suspicious circumstances
मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात कमांडो प्रमोद रावत की संदिग्ध हालात में गोली लगने से मौत हो गई। शव मुख्यमंत्री आवास के पास बने बैरक में पड़ा मिला। सरकारी एके-47 राइफल की गोली कमांडो के गले में लगी और गर्दन छेदती हुई दीवार में घुस गई। बताया जा रहा है कि कमांडो ने आत्महत्या की है। मगर, पुलिस फिलहाल इसे दुर्घटना मान रही है। उसके साथियों से पूछताछ और मोबाइल की जांच कर रही है। राइफल को भी फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जा रहा है।

प्रमोद कुमार मूल रूप से पौड़ी के कफोलस्यू पट्टी के अगरोड़ा गांव के रहने वाले थे। वह 2007 में पीएसी में बतौर सिपाही भर्ती हुए थे। वर्ष 2016 में उनका चयन मुख्यमंत्री सुरक्षा में कमांडो के तौर पर हुआ था। प्रमोद अपनी पत्नी के साथ विजय पार्क में किराये पर रहते थे। बृहस्पतिवार सुबह ही ड्यूटी से लौटे थे। इसके बाद फिर उन्हें सीएम की सुरक्षा में कुमाऊं जाना था। वह तैयार होकर अपनी बैरक में आ गए। दो बजे अन्य साथियों के साथ ड्यूटी के लिए निकलना था। पुलिस के अनुसार, प्रमोद के साथी उन्हें फोन कर रहे थे। लेकिन, जवाब नहीं आ रहा था। इसके बाद एक साथी ने बैरक में जाकर देखा तो वह बेड पर पड़े थे।

उनके गले में गोली लगी थी। नीचे फर्श पर उनकी सरकारी एके-47 पड़ी थी। साथी ने शोर मचाया तो अन्य लोग भी आ गए। थोड़ी देर बाद कैंट थाना पुलिस और आला अधिकारी भी पहुंच गए। चर्चा थी कि प्रमोद काफी दिनों से अपने पौड़ी स्थित घर में भागवत में शामिल होने के लिए छुट्टी मांग रहे थे। लेकिन, छुट्टी मंजूर नहीं हो रही थी। ऐसे में उन्होंने परेशान होकर सरकारी राइफल से खुद को गोली मार ली। मगर, पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह हादसा भी हो सकता है। उनकी छुट्टी 16 जून से मंजूर हो चुकी थी। एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि मामले में दोनों पहलुओं को ध्यान में रखकर जांच की जा रही है। शुक्रवार को शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा।
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बुधवार को ही लौटे थे परिवार के लोग
प्रमोद रावत के परिवार वाले कुछ दिन पहले उनके पास देहरादून आए थे। सभी लोग बुधवार को पौड़ी चले गए। उनकी पत्नी भी परिवार वालों के साथ चली गई थीं। एडीजी प्रशासन अभिनव कुमार का कहना है कि प्रमोद के घर की आर्थिक स्थिति भी ठीक थी। उनकी छुट्टी भी मंजूर हो चुकी थी। ऐसे में आत्महत्या की है तो इनमें से कोई कारण नजर नहीं आता है। कारणों का पता लगाने के लिए उनके साथियों से पूछताछ की जा रही है। उनके मोबाइल की कॉल डिटेल से भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है।
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चार बहनों के अकेले भाई थे प्रमोद
प्रमोद के पिता सेना से सेवानिवृत्त हैं। उनका एक चार साल का बेटा भी है। वह हंसी-खुशी परिवार के साथ रहे थे। पुलिस के अनुसार, वह चार बहनों के इकलौते भाई थे। उनकी मौत के बाद प्रमोद के अन्य रिश्तेदार भी मौके पर पहुंचे थे। लेकिन, वहां किसी ने भी मीडियाकर्मियों से बातचीत नहीं की। सभी का रो-रोकर बुरा हाल है।
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