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Chardham yatra 2023 yatris will face trouble if roads are not improved Uttarakhand news in hindi
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Chardham yatra: सड़कें न सुधरीं तो फिर परेशानी झेलेंगे यात्री, बदरीनाथ, गौरीकुंड सहित इन हाईवे की हालत खराब
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, देहरादून
Published by: रेनू सकलानी
Updated Sun, 05 Feb 2023 03:52 PM IST
सार
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रेलवे परियोजना से नारकोटा में भी सड़क की हालत खराब हो चुकी है। गौरीकुंड, यमुनोत्री और गंगोत्री हाईवे भी फिलहाल अच्छी स्थिति में नहीं है। केदारनाथ और केदारघाटी को जोड़ने वाले रुद्रप्रयाग गौरीकुंड हाईवे पर बने बेलणी पुल की हालत दयनीय है।
सरकार ने समय रहते कदम नहीं उठाए तो इस साल भी बदहाल सड़कें चारधाम यात्रियों के लिए परेशानी का कारण बनेंगी। सरकार हर बार मानसून के बाद और यात्रा शुरू होने से पहले सड़कों की मरम्मत का दावा तो करती है लेकिन यह दावे पूरे नहीं होते।
ऋषिकेश बदरीनाथ राजमार्ग श्रीनगर से रुद्रप्रयाग के बीच जगहों पर हाईवे बेहद खराब स्थिति में है। चमधार और सिरोहबगड़ में भूस्खलन जोन मुसीबत का कारण बने हुए हैं। यहां कब पहाड़ी से पत्थर बरसने लगें, कहा नहीं जा सकता। सिरोहबगड़ से नौगांव तक सात किमी हाईवे पर गड्ढों की भरमार है।
इससे निजात पाने के लिए पपडासू बाईपास का निर्माण किया जा रहा है। हालांकि, पांच वर्ष बाद भी ढाई किमी सड़क और पुल नहीं बन पाए हैं। दूसरी ओर, रेलवे परियोजना से नारकोटा में भी सड़क की हालत खराब हो चुकी है। गौरीकुंड, यमुनोत्री और गंगोत्री हाईवे भी फिलहाल अच्छी स्थिति में नहीं है।
जर्जर हो चुके बेलणी पुल से ही गुजरेंगे वाहन
केदारनाथ और केदारघाटी को जोड़ने वाले रुद्रप्रयाग गौरीकुंड हाईवे पर बने बेलणी पुल की हालत दयनीय है। इस पुल से बड़े वाहनों की आवाजाही बंद है। तीन माह बाद इसी जर्जर पुल से प्रतिदिन सैंकड़ों छोटे वाहन गुजरेंगे।
हेलंग से जोशीमठ तक हाईवे हुआ चौड़ा
सीमा सड़क संगठन ने हेलंग से जोशीमठ तक दस किलोमीटर हाईवे का चौड़ीकरण कार्य पूरा कर लिया है। यात्राकाल में यहां जगह-जगह जाम लगता था। बीआरओ ने हिल कटिंग कर हाईवे को चौड़ा कर दिया है। अब डामरीकरण की तैयारी है। बीआरओ के अधिकारियों का कहना है कि यात्रा शुरू होने से पहले इस हिस्से में हाईवे को पूरी तरह से दुरुस्त कर लिया जाएगा।
जोशीमठ से मारवाड़ी तक हाईवे पर जगह-जगह दरारें
जोशीमठ से मारवाड़ी तक हाईवे बेहद तंग है। भू-धंसाव के कारण जोशीमठ पेट्रोल पंप से मारवाड़ी तक हाईवे पर जगह-जगह दरारें हैं। बीआरओ कार्यालय के समीप हाईवे करीब आधा फीट तक धंस गया है। इससे वाहनों की आवाजाही मुश्किल से हो पा रही है। बीआरओ ने यहां हाईवे पर मिट्टी और सीमेंट का भरान कर दिया है। जेपी कॉलोनी के पास भी हाईवे की स्थिति अच्छी नहीं है।
बदरीनाथ हाईवे : इन स्थानों पर खतरनाक है सड़ककर्णप्रयाग से जोशीमठ के बीच लंगासू, नंदप्रयाग, पार्थाडीप, बाजपुर, चमोली चाड़ा, क्षेत्रपाल, छिनका, बिरही चाड़ा, कौडिया, पाखी, गडोरा में भूस्खलन जोन सक्रिय हैं। इन स्थानों पर हल्की बारिश में भी पहाड़ी का दरकना आम बात है। हाईवे पर लामबगड़ और खचड़ा नाला सबसे ज्यादा संवेदनशील है। यहां हाईवे के दोनों तरफ बह रहे गदेरे बरसाती सीजन में उफान पर होते हैं और सड़क का कई मीटर हिस्सा बहाव की भेंट चढ़ जाता है। यहां पिछले एक वर्ष में कोई ट्रीटमेंट न होने से इस बार भी यहां बरसात में हाईवे के बाधित होने के आसार हैं।
यात्रा शुरू होने से पहले हाईवे कर लिया जाएगा चाक-चौबंद कर
बदरीनाथ हाईवे पर हेलंग से जोशीमठ तक चौड़ीकरण कार्य पूर्ण हो गया है। अब डामरीकरण कार्य होना है। जोशीमठ से मारवाड़ी तक जहां भी हाईवे पर दरारें आई थीं, उन्हें ठीक किया जा रहा है। हाईवे को यात्रा शुरू होने से पहले चाक-चौबंद कर लिया जाएगा। - कर्नल मनीष कपिल, कमांडर, बीआरओ, जोशीमठ।
गंगोत्री-यमुनोत्री हाईवे पर कदम-कदम पर खतरा
गंगोत्री व यमुनोत्री हाईवे पर भूस्खलन प्रभावित 13 स्थान अत्यधिक संवेदनशील हैं। इनमें सर्वाधिक गंगोत्री हाईवे पर आठ जगह सड़क बेहद खराब है। दोनों हाईवे पर संवेदनशील स्थानों की संख्या 52 हैं। गंगोत्री हाईवे पर चिन्हित दुर्घटना संभावित क्षेत्रों की संख्या 11 है।
मानसून के दौरान बारिश के कारण सड़कों पर बनने वाले गड्ढों से निजात दिलाने के लिए लोक निर्माण विभाग से 15 सितंबर से 30 अक्टूबर तक विशेष अभियान चलाया था। वैसे लोनिवि का यह रस्मी अभियान हर साल चलाया जाता है लेकिन इसके बाद चारधाम यात्रा आते-आते सड़कों की स्थिति फिर से खराब हो जाती है।
चारधाम यात्रा से पहले सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए शासन स्तर पर अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं। विभिन्न स्थानों पर भूस्खलन जोन का ट्रीटमेंट और सड़कों के डामरीकरण का काम शुरू कर दिया गया है। - सतपाल महाराज, लोनिवि मंत्री
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