बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के खोल दिए गए हैं। दो साल बाद कपाट खुलने के मौके पर श्रद्धालुओं ने बदरीनाथ भगवान के दर्शन किए। यात्रा पड़ावों पर जगह-जगह तीर्थयात्रियों की चहल-पहल दिखने लगी है। बदरीनाथ में तीर्थयात्रियों के करीब साढ़े पांच सौ वाहन पहुंचे हैं। बदरीनाथ में अखंड ज्योति के दर्शनों के लिए पहले दिन करीब 25 हजार तीर्थयात्री पहुंचे।
बदरीनाथ के साथ ही धाम में स्थित प्राचीन मठ-मंदिरों को आर्किड और गेंदे के फूलों से सजाया गया। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की ओर से यात्रा व्यवस्थाओं को चाक-चौबंध कर गया। वर्ष 2013 की आपदा में बह चुके लामबगड़ बाजार में भी अस्थाई दुकानें खुल चुकी हैं। यहां तीर्थयात्रियों की अच्छी भीड़ जुट रही है।
माणा में देश की अंतिम चाय की दुकान भी तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए खुल गई है। माणा के चौराहे पर स्थानीय भोटिया जनजाति के ग्रामीणों ने ऊनी वस्त्रों की दुकानें खोली हैं। बदरीनाथ में अलकनंदा पर निर्मित पैदल पुल पर रंग-रोगन और आर्मी हेलीपैड से मंदिर परिसर तक साफ-सफाई का काम पूरा हो गया है।
यातायात व्यवस्था के लिए पुलिस तैनात
धाम में मास्टर प्लान के कार्य भी जोरों पर चल रहे हैं। इधर, आस्था पथ पर ऑलवेदर रोड परियोजना कार्य चल रहा है। चटवापीपल, कर्णप्रयाग, बाजपुर, चमोली चाड़ा, बिरही, कौड़िया, हेलंग, मारवाड़ी, टैय्या पुल, खचड़ा नाला, लामबगड़ नाला और रड़ांग बैंड में ऑलवेदर रोड परियोजना कार्य गतिमान है। यहां यातायात व्यवस्था के लिए पुलिस तैनात रहेगी। बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि तीर्थयात्रियों को कोई असुविधा नहीं होने दी जाएगी।
रडांग बैंड में होंगे हिमखंड के दर्शन
बदरीनाथ आस्था पथ पर रडांग बैंड पर अलकनंदा किनारे हिमखंड के दर्शन हो रहे हैं। जबकि कंचन गंगा में हिमखंड पूरी तरह से पिघल गए हैं। बदरीनाथ धाम में ऊंची चोटियों में भी हल्की बर्फ जमी है। नीलकंठ पर्वत की तलहटी तक बर्फ जमी है।
बदरीनाथ धाम में मौसम सामान्य
बदरीनाथ धाम में मौसम सामान्य बना हुआ है। धाम में चारों ओर बर्फ की सफेद चादर बिछी हुई है, जिससे सुबह और शाम को यहां ठंडी हवाएं चल रही हैं। दोपहर में धूप खिलने से थोड़ा ठंड से राहत मिल रही है। बदरीनाथ में स्थित तप्तकुंड में पवित्र स्नान के लिए तड़के से ही तीर्थयात्रियों का हुजूम उमड़ रहा है।
विस्तार
बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के खोल दिए गए हैं। दो साल बाद कपाट खुलने के मौके पर श्रद्धालुओं ने बदरीनाथ भगवान के दर्शन किए। यात्रा पड़ावों पर जगह-जगह तीर्थयात्रियों की चहल-पहल दिखने लगी है। बदरीनाथ में तीर्थयात्रियों के करीब साढ़े पांच सौ वाहन पहुंचे हैं। बदरीनाथ में अखंड ज्योति के दर्शनों के लिए पहले दिन करीब 25 हजार तीर्थयात्री पहुंचे।
बदरीनाथ के साथ ही धाम में स्थित प्राचीन मठ-मंदिरों को आर्किड और गेंदे के फूलों से सजाया गया। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की ओर से यात्रा व्यवस्थाओं को चाक-चौबंध कर गया। वर्ष 2013 की आपदा में बह चुके लामबगड़ बाजार में भी अस्थाई दुकानें खुल चुकी हैं। यहां तीर्थयात्रियों की अच्छी भीड़ जुट रही है।
माणा में देश की अंतिम चाय की दुकान भी तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए खुल गई है। माणा के चौराहे पर स्थानीय भोटिया जनजाति के ग्रामीणों ने ऊनी वस्त्रों की दुकानें खोली हैं। बदरीनाथ में अलकनंदा पर निर्मित पैदल पुल पर रंग-रोगन और आर्मी हेलीपैड से मंदिर परिसर तक साफ-सफाई का काम पूरा हो गया है।