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Mussoorie Arrangements are incomplete at peak of tourist season mall road could not be ready for tourists
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Mussoorie: पर्यटन सीजन चरम पर व्यवस्थाएं अधूरी, कैसे घूमेंगे पहाड़ों की रानी...शहर की धड़कन का है ऐसा हाल
सुनील रमेश सिलवाल, संवाद न्यूज एजेंसी, मसूरी
Published by: देहरादून ब्यूरो
Updated Mon, 29 May 2023 01:22 PM IST
हर साल मसूरी लाखों पर्यटक पहुंचते हैं। इसके बावजूद मसूरी को पर्यटकों के स्वागत के लिए समय से तैयार नहीं किया जा सका। वर्तमान में मसूरी में 80 प्रतिशत से ज्यादा होटल पैक चल रहे हैं, लेकिन मसूरी में व्यवस्थाएं अधूरी हैं।
मसूरी में पर्यटन सीजन चरम पर है लेकिन इसे लेकर न तो सरकार गंभीर है और न ही स्थानीय प्रशासन। यही कारण है कि सुकून की तलाश में पर्यटक यहां आ तो रहे हैं पर यहां की बदहाली देख पछता भी रहे हैं। आलम यह है कि न तो यहां यातायात व्यवस्था को लेकर कोई तैयारी की गई है और न ही शहर की धड़कन मालरोड को अभी तक पर्यटकों के लिए तैयार किया जा सका है।
वर्तमान में मसूरी में 80 प्रतिशत से ज्यादा होटल पैक चल रहे हैं। हर साल ही यहां लाखों पर्यटक उमड़ते हैं। इसके बावजूद मसूरी को पर्यटकों के स्वागत के लिए समय से तैयार नहीं किया जा सका। जिसका खामियाजा कोरोनाकाल की मार झेलने के बाद बड़ी मुश्किल से संभल रहे व्यापारी भुगत रहे हैं। जो भी पर्यटक मसूरी आता है, वो एक बार मालरोड पर जरूर घूमता है। लेकिन, इस बार यह मालरोड कुछ इस तरह बदहाल है कि यहां पर्यटक जाने से पहले 10 बार सोच रहे हैं। मालरोड पर जगह-जगह मलबा, निर्माण सामग्री और तारों का जाल बिखरा पड़ा है।
कैबिनेट मंत्री से लेकर शासन स्तर के अधिकारी यहां का दौरा कर चुके हैं और लोनिवि समेत संबंधित विभागों को जल्द से जल्द निर्माण कार्य पूरा करने के निर्देश दे चुके हैं। इसके बावजूद पिछले करीब चार माह से अभी तक काम पूरे नहीं हो सके हैं। यही कारण है कि अब स्थानीय लोगों के सब्र का बांध टूटने लगा है। जानते हैं लोगों की परेशानी उन्हीं की जुबानी।
मालरोड की बदहाली के लिए नगर पालिका से लेकर शासन-प्रशासन सभी जिम्मेदार हैं। बताया जा रहा है कि मुख्य सचिव मालरोड के कार्यों की लगातार माॅनीटरिंग कर रहे हैं। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी हर तीसरे दिन मसूरी आ रहे हैं और अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं। इसके बावजूद काम समय से पूरे न होना कई सवाल खड़े करता है। -जोत सिंह गुनसोला, पूर्व विधायक
मालरोड का निर्माण कार्य चार माह बाद भी अधूरा है। लोनिवि समेत तमाम विभागों की लापरवाही के कारण स्थानीय लोगों समेत पर्यटकों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। लापरवाही का आलम यह है कि मालरोड पर एक माह पहले टूटे हिस्से को अभी तक ठीक नहीं किया गया है। वहीं, शहर की व्यवस्था भी पटरी से उतरी हुई है, जिम्मेदार हैं कि आंखें मूंदे बैठे हैं। - मनमोहन सिंह मल्ल, पूर्व पालिकाध्यक्ष
-पूरी मालरोड पार्किंग में तब्दील हो गई है। पुलिस के पास जवानों की कमी बनी हुई है। सड़क टूटी पड़ी है और विभागीय अधिकारी एक-दूसरे पर जिम्मेदारी थोप रहे हैं। पर्यटन सीजन को लेकर भी प्रशासन की ओर से कोई तैयारी नहीं की गई है। यही कारण है कि जगह-जगह अव्यवस्थाओं का आलम है। जिसका खामियाजा व्यापारी भुगत रहे हैं। -रजत अग्रवाल, अध्यक्ष मसूरी ट्रेडर्स एसोसिएशन
मालरोड को खूबसूरत बनाने के लिए सरकार ने करोड़ों रुपये स्वीकृत किए। लेकिन, लोनिवि की लापरवाही के चलते समय पर कार्य पूरा नहीं हुआ। नगर पालिका भी पर्यटन सीजन को लेकर गंभीर नहीं है। इससे पर्यटकों को परेशानी तो हो ही रही है, साथ ही व्यापारियों को नुकसान झेलना पड़ रहा है। -ओपी उनियाल, पूर्व पालिकाध्यक्ष एवं भाजपा नेता
-मालरोड पर पर्यटन सीजन के लिए 12 पीआरडी के जवान की डिमांड की थी लेकिन पांच ही जवान मिल पाए। मालरोड पर वाहन पार्क होने के मामले को देखा जाएगा और व्यवस्था बनाई जाएगी। यहां वाहन पार्क न हो, इसके लिए पालिका की टीम भी गश्त करेगी। जल्द ही यहां व्यवस्था सुधारी जाएगी। - राजेश नैथानी, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद मसूरी
मालरोड के क्षतिग्रस्त हिस्से को ठीक करने के लिए काम शुरू कर दिया है। यहां अधिकांश काम अब रात में किए जा रहे हैं। मलबा, निर्माण सामग्री और तारों के जाल को जल्द व्यवस्थित किया जाएगा। एक माह के अंदर मालरोड पर सभी काम पूरे हो जाएंगे। बस एक परत डामर की बिछनी है, उसे बरसात के बाद किया जाएगा। - जितेंद्र त्रिपाठी, ईई, लोनिवि
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