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गर्मियों में बिजली कटौती के कारण अक्सर ट्यूबवेल नहीं चल पाते, जिसके कारण लोगों को पेयजल की किल्लत से जूझना पड़ता है। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए लोगों ने तीन माह के लिए ट्यूबवेेलों पर जनरेटर की व्यवस्था करने की मांग की है। इस संबंध में पेयजल निगम के जीएम केके रस्तोगी को ज्ञापन भी भेजा गया है।
ज्ञापन में सामाजिक कार्यकर्ता बीरू बिष्ट ने कहा कि अप्रैल से जून तक आरकेडिया क्षेत्र में पानी की किल्लत रहती है। इसकी एक वजह बिजली कटौती और पेयजल निगम के पास जनरेटरों की व्यवस्था न होना है। कहा कि बिजली न होने के कारण ट्यूबवेल नहीं चल पाते।
इससे पानी की आपूर्ति ठप हो जाती है और लोगों को पेयजल की किल्लत से जूझना पड़ता है। कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए अभी से मुख्य ट्यूबवेलों पर जनरेटर की व्यवस्था की जाए। वहीं, जीएम पेयजल निगम केके रस्तोगी ने आश्वासन दिया कि इस संबंध में तत्काल आदेश जारी कर जनरेटरों की व्यवस्था की जाएगी।
गर्मियों में बिजली कटौती के कारण अक्सर ट्यूबवेल नहीं चल पाते, जिसके कारण लोगों को पेयजल की किल्लत से जूझना पड़ता है। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए लोगों ने तीन माह के लिए ट्यूबवेेलों पर जनरेटर की व्यवस्था करने की मांग की है। इस संबंध में पेयजल निगम के जीएम केके रस्तोगी को ज्ञापन भी भेजा गया है।
ज्ञापन में सामाजिक कार्यकर्ता बीरू बिष्ट ने कहा कि अप्रैल से जून तक आरकेडिया क्षेत्र में पानी की किल्लत रहती है। इसकी एक वजह बिजली कटौती और पेयजल निगम के पास जनरेटरों की व्यवस्था न होना है। कहा कि बिजली न होने के कारण ट्यूबवेल नहीं चल पाते।
इससे पानी की आपूर्ति ठप हो जाती है और लोगों को पेयजल की किल्लत से जूझना पड़ता है। कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए अभी से मुख्य ट्यूबवेलों पर जनरेटर की व्यवस्था की जाए। वहीं, जीएम पेयजल निगम केके रस्तोगी ने आश्वासन दिया कि इस संबंध में तत्काल आदेश जारी कर जनरेटरों की व्यवस्था की जाएगी।