राजकीय दून मेडिकल अस्पताल समेत चार सरकारी अस्पतालों में उन्नत डायलिसिस यूनिट लग गईं हैं। नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के माध्यम से जारी बजट से अस्पतालों में उन्नत डायलिसिस यूनिट लगाई गईं हैं।
अब तक दून अस्पताल की डायलिसिस यूनिट में महज दो मशीनें ही लगी हुई थीं, जो बहुत पुरानी होने पर बेहतर रिजल्ट नहीं दे पा रही थीं। इसे देखते हुए कई मरीज दून अस्पताल में डायलिसिस कराने से कतराते थे। मशीनों की संख्या कम होने और मरीज ज्यादा होने की वजह से कई मरीजों को निजी अस्पतालों के लिए भी रेफर करना पड़ता था।
अब एनएचएम के माध्यम से दून अस्पताल में अलग से 10 उन्नत मशीनों वाली डायलिसिस यूनिट की स्थापना की गई है। इनमें मरीजों की डायलिसिस शुरू भी हो गई है। आयुष्मान कार्ड और गोल्डन कार्ड के जरिए यहां पर पूरी तरह से निशुल्क डायलिसिस किया जा रहा है। इसमें मरीज को लगने वाले महंगे इंजेक्शन भी शामिल हैं।
तीन अन्य अस्पतालों में भी लगी डायलिसिस मशीनें
दून अस्पताल के साथ ही श्रीनगर गढ़वाल, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ सरकारी अस्पताल में भी उन्नत डायलिसिस मशीनें लगाई गई हैं। इन मशीनों को चलाने के लिए चारों अस्पतालों के डॉक्टरों और अन्य स्टाफ को दून अस्पताल में ही ट्रेनिंग दी जा रही है। कुछ डॉक्टर और स्टाफ इसकी ट्रेनिंग ले चुके हैं।
दून अस्पताल पर घटेगा मरीजों का दबाव
दून अस्पताल के वरिष्ठ नेफ्रोलॉजिस्ट एवं डायलिसिस यूनिट के इंचार्ज डॉ. हरीश बसेरा ने बताया कि अन्य जिलों में भी डायलिसिस मशीन लगने से दून अस्पताल पर मरीजों का दबाव घटेगा। साथ ही दूरस्थ जिलों के मरीजों को देहरादून के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। उन्होंने बताया कि उन्नत मशीनें मरीजों के लिए बहुत ही फायदेमंद हैं।
कोरोना मरीजों के लिए अलग से हैं दो मशीनें
डॉ. हरीश बसेरा ने बताया कि दून अस्पताल में स्थापित डायलिसिस यूनिट कोरोना वार्ड से पूरी तरह से अलग है। कोरोना मरीजों के लिए दूसरे वार्ड में दो मशीनें अलग से लगाई गई हैं। डायलिसिस देने से पहले मरीज का कोरोना टेस्ट भी किया जाता है।
राजकीय दून मेडिकल अस्पताल समेत चार सरकारी अस्पतालों में उन्नत डायलिसिस यूनिट लग गईं हैं। नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के माध्यम से जारी बजट से अस्पतालों में उन्नत डायलिसिस यूनिट लगाई गईं हैं।
अब तक दून अस्पताल की डायलिसिस यूनिट में महज दो मशीनें ही लगी हुई थीं, जो बहुत पुरानी होने पर बेहतर रिजल्ट नहीं दे पा रही थीं। इसे देखते हुए कई मरीज दून अस्पताल में डायलिसिस कराने से कतराते थे। मशीनों की संख्या कम होने और मरीज ज्यादा होने की वजह से कई मरीजों को निजी अस्पतालों के लिए भी रेफर करना पड़ता था।
अब एनएचएम के माध्यम से दून अस्पताल में अलग से 10 उन्नत मशीनों वाली डायलिसिस यूनिट की स्थापना की गई है। इनमें मरीजों की डायलिसिस शुरू भी हो गई है। आयुष्मान कार्ड और गोल्डन कार्ड के जरिए यहां पर पूरी तरह से निशुल्क डायलिसिस किया जा रहा है। इसमें मरीज को लगने वाले महंगे इंजेक्शन भी शामिल हैं।
तीन अन्य अस्पतालों में भी लगी डायलिसिस मशीनें
दून अस्पताल के साथ ही श्रीनगर गढ़वाल, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ सरकारी अस्पताल में भी उन्नत डायलिसिस मशीनें लगाई गई हैं। इन मशीनों को चलाने के लिए चारों अस्पतालों के डॉक्टरों और अन्य स्टाफ को दून अस्पताल में ही ट्रेनिंग दी जा रही है। कुछ डॉक्टर और स्टाफ इसकी ट्रेनिंग ले चुके हैं।
दून अस्पताल पर घटेगा मरीजों का दबाव
दून अस्पताल के वरिष्ठ नेफ्रोलॉजिस्ट एवं डायलिसिस यूनिट के इंचार्ज डॉ. हरीश बसेरा ने बताया कि अन्य जिलों में भी डायलिसिस मशीन लगने से दून अस्पताल पर मरीजों का दबाव घटेगा। साथ ही दूरस्थ जिलों के मरीजों को देहरादून के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। उन्होंने बताया कि उन्नत मशीनें मरीजों के लिए बहुत ही फायदेमंद हैं।
कोरोना मरीजों के लिए अलग से हैं दो मशीनें
डॉ. हरीश बसेरा ने बताया कि दून अस्पताल में स्थापित डायलिसिस यूनिट कोरोना वार्ड से पूरी तरह से अलग है। कोरोना मरीजों के लिए दूसरे वार्ड में दो मशीनें अलग से लगाई गई हैं। डायलिसिस देने से पहले मरीज का कोरोना टेस्ट भी किया जाता है।