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देहरादून। खेलों से अनजान लोगों को पायका में कोच और मैनेजर बनाए जाने का असर नजर आने लगा है। अनुभव की कमी का ही नतीजा है कि राष्ट्रीय बैडमिंटन प्रतियोगिता में स्टेट चैंपियन खिलाड़ी को पांचवें क्रम पर खिलाया गया। वहीं, खिलाड़ी की मां ने टीम के साथ गए कर्मचारियों पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
पायका, महिला खेल जैसी प्रतियोगिताएं युवा कल्याण विभाग के पास हैं। जबकि यह जगजाहिर है कि विभाग में खेलों की जानकारी रखने वाले कम ही लोग हैं। नियमानुसार राष्ट्रीय प्रतियोगिता में वरीयता के अनुसार खिलाड़ियों की सूची तैयार होती है। इसी के हिसाब से ही खिलाड़ी को मैच खेलने होते हैं। औरंगाबाद में हुई राष्ट्रीय प्रतियोगिता में राज्य की टीम के साथ गए कोच और मैनेजर ने स्टेट चैंपियन विज्ञा कौशल को पांचवें नंबर पर दिखाया। जबकि अन्य खिलाड़ियों को शीर्ष स्थान दिया गया।
बिना रिजर्वेशन गए खिलाड़ी!
विज्ञा के साथ गई उनकी माताजी सीमा कौशल ने बताया कि बच्चों को बिना रिजर्वेशन के ही औरंगाबाद ले जाया गया। केवल एक खिलाड़ी को सीट दी गई, जबकि बाकी बच्चे बाथरूम के पास बैठकर गए। उन्होंने कहा कि जब उनसे गलत लिस्ट के बारे में पूछा गया तो उनके साथ अभ्रदता की गई। उन्होंने टीम के साथ गए कर्मचारियों पर शराब पीने का भी आरोप लगाया। उन्होंने युवा कल्याण सचिव से इसकी जांच की मांग की। इस पर पायका प्रभारी अजय अग्रवाल का कहना है कि उनको शिकायती पत्र मिल गया है। बुधवार को इसकी जांच की जाएगी। अगर कोच और मैनेजर ने गलती की तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
देहरादून। खेलों से अनजान लोगों को पायका में कोच और मैनेजर बनाए जाने का असर नजर आने लगा है। अनुभव की कमी का ही नतीजा है कि राष्ट्रीय बैडमिंटन प्रतियोगिता में स्टेट चैंपियन खिलाड़ी को पांचवें क्रम पर खिलाया गया। वहीं, खिलाड़ी की मां ने टीम के साथ गए कर्मचारियों पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
पायका, महिला खेल जैसी प्रतियोगिताएं युवा कल्याण विभाग के पास हैं। जबकि यह जगजाहिर है कि विभाग में खेलों की जानकारी रखने वाले कम ही लोग हैं। नियमानुसार राष्ट्रीय प्रतियोगिता में वरीयता के अनुसार खिलाड़ियों की सूची तैयार होती है। इसी के हिसाब से ही खिलाड़ी को मैच खेलने होते हैं। औरंगाबाद में हुई राष्ट्रीय प्रतियोगिता में राज्य की टीम के साथ गए कोच और मैनेजर ने स्टेट चैंपियन विज्ञा कौशल को पांचवें नंबर पर दिखाया। जबकि अन्य खिलाड़ियों को शीर्ष स्थान दिया गया।
बिना रिजर्वेशन गए खिलाड़ी!
विज्ञा के साथ गई उनकी माताजी सीमा कौशल ने बताया कि बच्चों को बिना रिजर्वेशन के ही औरंगाबाद ले जाया गया। केवल एक खिलाड़ी को सीट दी गई, जबकि बाकी बच्चे बाथरूम के पास बैठकर गए। उन्होंने कहा कि जब उनसे गलत लिस्ट के बारे में पूछा गया तो उनके साथ अभ्रदता की गई। उन्होंने टीम के साथ गए कर्मचारियों पर शराब पीने का भी आरोप लगाया। उन्होंने युवा कल्याण सचिव से इसकी जांच की मांग की। इस पर पायका प्रभारी अजय अग्रवाल का कहना है कि उनको शिकायती पत्र मिल गया है। बुधवार को इसकी जांच की जाएगी। अगर कोच और मैनेजर ने गलती की तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।