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ऋषिकेश। संस्कृति विभाग तीर्थनगरी में हिमालयन म्यूजियम की स्थापना कर देश-दुनिया के लोगों को संग्रहालय के माध्यम से उत्तराखंड की झलक दिखाएगा। विभाग की इस परिकल्पना के वन भूमि हस्तांतरण प्रक्रिया के पूरे होने के बाद जल्द साकार होने की संभावना है। योजना को केंद्र सरकार से प्रथम चरण की वित्तीय मंजूरी मिल चुकी है।
तीर्थनगरी में निर्माणाधीन संयुक्त यात्रा बस टर्मिनल कंपाउंड के समीप हिमालयन संग्रहालय योजना प्रस्तावित है। इसके तहत दुनियाभर से तीर्थनगरी और चारधाम यात्रा पर आने वाले लोगों को एक ही स्थान पर समूचे राज्य की संस्कृति से रूबरू होने का अवसर मिल सकेगा। परियोजना को केंद्र सरकार की ओर से प्रारंभिक मंजूरी मिल चुकी है। 30 लाख की प्रारंभिक मंजूरी के तहत योजना की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट डीपीआर तैयार की जा रही है।
करीब छह करोड़ की लागत से तैयार होने वाली इस योजना के तहत पांच गैलरियां तैयार की जाएंगी। इनमें लोककला, बदरीनाथ, केदारनाथ जैसे धर्मस्थलों की अनुकृतियां/प्रतिकृतियां स्थापित की जाएंगी। राज्य संस्कृति विभाग की ओर से वनभूमि पर प्रस्तावित इस योजना के लिए भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया चल रही है। विभाग द्वारा शासन को एनपीबी का प्रस्ताव भेजा गया है, जिसे जल्द मंजूरी मिलने के आसार हैं। इसके बाद भूमि हस्तांतरित होते ही योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा।
इंसेट
तीर्थनगरी में आने वाले देश-दुनिया के सैलानियों/श्रद्धालुओं को राज्य की संस्कृति से साक्षात्कार कराने की यह योजना जल्द साकार रूप लेगी। इसके लिए शासन को एनपीबी के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। केंद्र से प्रारंभिक मंजूरी के बाद प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार की जा रही है।- बीना भट्ट, निदेशक संस्कृति विभाग
ऋषिकेश। संस्कृति विभाग तीर्थनगरी में हिमालयन म्यूजियम की स्थापना कर देश-दुनिया के लोगों को संग्रहालय के माध्यम से उत्तराखंड की झलक दिखाएगा। विभाग की इस परिकल्पना के वन भूमि हस्तांतरण प्रक्रिया के पूरे होने के बाद जल्द साकार होने की संभावना है। योजना को केंद्र सरकार से प्रथम चरण की वित्तीय मंजूरी मिल चुकी है।
तीर्थनगरी में निर्माणाधीन संयुक्त यात्रा बस टर्मिनल कंपाउंड के समीप हिमालयन संग्रहालय योजना प्रस्तावित है। इसके तहत दुनियाभर से तीर्थनगरी और चारधाम यात्रा पर आने वाले लोगों को एक ही स्थान पर समूचे राज्य की संस्कृति से रूबरू होने का अवसर मिल सकेगा। परियोजना को केंद्र सरकार की ओर से प्रारंभिक मंजूरी मिल चुकी है। 30 लाख की प्रारंभिक मंजूरी के तहत योजना की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट डीपीआर तैयार की जा रही है।
करीब छह करोड़ की लागत से तैयार होने वाली इस योजना के तहत पांच गैलरियां तैयार की जाएंगी। इनमें लोककला, बदरीनाथ, केदारनाथ जैसे धर्मस्थलों की अनुकृतियां/प्रतिकृतियां स्थापित की जाएंगी। राज्य संस्कृति विभाग की ओर से वनभूमि पर प्रस्तावित इस योजना के लिए भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया चल रही है। विभाग द्वारा शासन को एनपीबी का प्रस्ताव भेजा गया है, जिसे जल्द मंजूरी मिलने के आसार हैं। इसके बाद भूमि हस्तांतरित होते ही योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा।
इंसेट
तीर्थनगरी में आने वाले देश-दुनिया के सैलानियों/श्रद्धालुओं को राज्य की संस्कृति से साक्षात्कार कराने की यह योजना जल्द साकार रूप लेगी। इसके लिए शासन को एनपीबी के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। केंद्र से प्रारंभिक मंजूरी के बाद प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार की जा रही है।- बीना भट्ट, निदेशक संस्कृति विभाग