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देहरादून। एक शिपिंग कंपनी में तैनात दूनवासी चीफ आफिसर की जहाज पर मौत हो गई। कंपनी की ओर से परिजनों को गैस रिसाव के कारण दम घुटने से मौत की सूचना दी गई है। इसके बाद आफिसर के पिता पोर्ट ब्लेयर पहुंच गए, लेकिन कंपनी के अधिकारी न तो उन्हें शव सौंप रहे हैं न ही कोई जानकारी दी जा रही है। इस पर आफिसर के पिता ने पोर्ट ब्लेयर में ही कंपनी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी है। परिजनों ने चीफ आफिसर की मौत की वजह पर संदेह जताया है।
मूलत: टिहरी के धार मंडल स्थित पाचरी गांव और दून में अजबपुर के सरस्वती विहार निवासी रजनीश पेटवाल ने बताया कि उनके बड़े भाई अवनीश पेटवाल (32) ओरम कंपनी के जहाज पर चीफ आफिसर थे। जहाज कुछ दिन पूर्व कोलकाता से पाम आयल लेकर सिंगापुर के लिए निकला था। 23 जनवरी को कंपनी अधिकारियों का फोन आया, जिसमें अवनीश की मौत की सूचना दी गई। रजनीश के मुताबिक इसके बाद उन्होंने दोबारा कंपनी में फोन किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। किसी तरह यह जानकारी मिली की जहाज इस वक्त पोर्ट ब्लेयर के पास रुका हुआ है। यह पता चला तो अवनीश के पिता चंद्रभूषण पेटवाल 24 जनवरी को सीधे पोर्ट ब्लेयर पहुंच गए। रजनीश के मुताबिक उनके पिता ने कंपनी अधिकारियों से संपर्क की कोशिश की, लेकिन कोई बात करने को तैयार नहीं है न ही शव उन्हें सौंपा जा रहा है। इस पर चंद्रभूषण पेटवाल ने पोर्ट ब्लेयर में रिपोर्ट दर्ज करा दी। रजनीश का कहना है कि पोर्ट ब्लेयर का प्रशासन भी उनके पिता को मदद नहीं कर रहा। उन्हें शिप में भी नहीं जाने दिया जा रहा। रजनीश ने राज्य सरकार से मामले में हस्तक्षेप की मांग की है।
नॉन टेक्निकल स्टाफ था अवनीश
रजनीश ने बताया कि उनके भाई अवनीश नॉन टेक्निकल स्टाफ थे। बतौर चीफ आफिसर उनका काम जहाज पर माल चढ़ाने और उसे सही सलामत गंतव्य तक पहुंचाने की ही थी। कंपनी ने बताया कि चेंबर में गैस रिसाव होने पर अवनीश इसे चेक करने गए थे, जहां दम घुटने से उनकी मौत हो गई। जबकि यह काम शिप पर तैनात टेक्निकल स्टाफ ही कर सकता है।
भाई की शादी में आना था
रजनीश ने बताया कि उसकी शादी अप्रैल में होने वाली है। 17 जनवरी को उसकी भाई से बात हुई थी, तब अवनीश ने बताया था कि सिंगापुर के बाद जहाज की एक और ट्रिप होगी। इसके बाद वह मार्च तक घर लौट आएंगे। रजनीश ने बताया कि अवनीश 14 साल से मर्चेंट नेवी में कार्यरत थे, लेकिन वह ट्रिप के दौरान लगातार घर पर अपनी स्थिति के बारे में जानकारी देते रहते थे।
मौत का सामान है पाम ऑयल
पाम ऑयल बहुत तेजी से ऑक्सीजन सोखता है। इसे शिप पर ले जाते वक्त काफी सावधानियां बरती जाती हैं। पाम ऑयल के टैंक के पास जाने से पहले वहां ऑक्सीजन का स्तर जांचा जाता है। इसके लिए कड़े कानून बने हैं। अवनीश का शिप भारतीय सीमा में है, उस पर भारतीय कानून लागू हैं। भारत सरकार को परिजनों की मदद करनी चाहिए।
-कैप्टन प्रभात गोयल, मर्चेंट नेवी में कार्यरत
देहरादून। एक शिपिंग कंपनी में तैनात दूनवासी चीफ आफिसर की जहाज पर मौत हो गई। कंपनी की ओर से परिजनों को गैस रिसाव के कारण दम घुटने से मौत की सूचना दी गई है। इसके बाद आफिसर के पिता पोर्ट ब्लेयर पहुंच गए, लेकिन कंपनी के अधिकारी न तो उन्हें शव सौंप रहे हैं न ही कोई जानकारी दी जा रही है। इस पर आफिसर के पिता ने पोर्ट ब्लेयर में ही कंपनी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी है। परिजनों ने चीफ आफिसर की मौत की वजह पर संदेह जताया है।
मूलत: टिहरी के धार मंडल स्थित पाचरी गांव और दून में अजबपुर के सरस्वती विहार निवासी रजनीश पेटवाल ने बताया कि उनके बड़े भाई अवनीश पेटवाल (32) ओरम कंपनी के जहाज पर चीफ आफिसर थे। जहाज कुछ दिन पूर्व कोलकाता से पाम आयल लेकर सिंगापुर के लिए निकला था। 23 जनवरी को कंपनी अधिकारियों का फोन आया, जिसमें अवनीश की मौत की सूचना दी गई। रजनीश के मुताबिक इसके बाद उन्होंने दोबारा कंपनी में फोन किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। किसी तरह यह जानकारी मिली की जहाज इस वक्त पोर्ट ब्लेयर के पास रुका हुआ है। यह पता चला तो अवनीश के पिता चंद्रभूषण पेटवाल 24 जनवरी को सीधे पोर्ट ब्लेयर पहुंच गए। रजनीश के मुताबिक उनके पिता ने कंपनी अधिकारियों से संपर्क की कोशिश की, लेकिन कोई बात करने को तैयार नहीं है न ही शव उन्हें सौंपा जा रहा है। इस पर चंद्रभूषण पेटवाल ने पोर्ट ब्लेयर में रिपोर्ट दर्ज करा दी। रजनीश का कहना है कि पोर्ट ब्लेयर का प्रशासन भी उनके पिता को मदद नहीं कर रहा। उन्हें शिप में भी नहीं जाने दिया जा रहा। रजनीश ने राज्य सरकार से मामले में हस्तक्षेप की मांग की है।
नॉन टेक्निकल स्टाफ था अवनीश
रजनीश ने बताया कि उनके भाई अवनीश नॉन टेक्निकल स्टाफ थे। बतौर चीफ आफिसर उनका काम जहाज पर माल चढ़ाने और उसे सही सलामत गंतव्य तक पहुंचाने की ही थी। कंपनी ने बताया कि चेंबर में गैस रिसाव होने पर अवनीश इसे चेक करने गए थे, जहां दम घुटने से उनकी मौत हो गई। जबकि यह काम शिप पर तैनात टेक्निकल स्टाफ ही कर सकता है।
भाई की शादी में आना था
रजनीश ने बताया कि उसकी शादी अप्रैल में होने वाली है। 17 जनवरी को उसकी भाई से बात हुई थी, तब अवनीश ने बताया था कि सिंगापुर के बाद जहाज की एक और ट्रिप होगी। इसके बाद वह मार्च तक घर लौट आएंगे। रजनीश ने बताया कि अवनीश 14 साल से मर्चेंट नेवी में कार्यरत थे, लेकिन वह ट्रिप के दौरान लगातार घर पर अपनी स्थिति के बारे में जानकारी देते रहते थे।
मौत का सामान है पाम ऑयल
पाम ऑयल बहुत तेजी से ऑक्सीजन सोखता है। इसे शिप पर ले जाते वक्त काफी सावधानियां बरती जाती हैं। पाम ऑयल के टैंक के पास जाने से पहले वहां ऑक्सीजन का स्तर जांचा जाता है। इसके लिए कड़े कानून बने हैं। अवनीश का शिप भारतीय सीमा में है, उस पर भारतीय कानून लागू हैं। भारत सरकार को परिजनों की मदद करनी चाहिए।
-कैप्टन प्रभात गोयल, मर्चेंट नेवी में कार्यरत