देहरादून। शिक्षिका के फेसबुक पर आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में रुद्रप्रयाग के शिक्षक पर दर्ज हुए मुकदमे की जांच विकासनगर कोतवाली में स्थानांतरित कर दी गई है।
कालसी ब्लाक में शिक्षण कार्य करने वाली शिक्षिका ने बसंत विहार थाने में बृहस्पतिवार को रुद्रप्रयाग के शिक्षक के खिलाफ अश्लील एसएमएस और फेसबुक पर आपत्तिजनक टिप्पणी किए जाने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। आईटी एक्ट में रिपोर्ट दर्ज होने के कारण इसकी विवेचना पुलिस इंसपेक्टर ही कर सकते हैं, लिहाजा अब मामले की विवेचना विकासनगर कोतवाली निरीक्षक को करना है।
आखिर क्यों चुप रहा शिक्षा विभाग
अश्लील प्रकरण में शिकायत के बाद भी नहीं की कार्रवाई
पुलिस और महिला आयोग की ओर से भी हीलाहवाली
अमर उजाला ब्यूरो
देहरादून। शिक्षा विभाग में कई शिक्षिकाओं का नाम विभाग के एक बडे़ अधिकारी के साथ जोड़कर फेसबुक पर अश्लील टिप्पणी के मामले में शिक्षा विभाग की कार्रवाई हैरान कर देने वाली है। पुलिस और महिला आयोग ने भी शुरुआत में इस मामले में हीलाहवाली बरती। जबकि शिक्षा विभाग आरोपी शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई के बजाए शिक्षिका से ही साक्ष्य मांगने लगा। विभाग की ओर से कहा गया कि शिक्षिका शपथ पत्र और साक्ष्य दे, लेकिन शपथ पत्र और साक्ष्य देने के बावजूद विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की।
शिक्षा विभाग में अगस्त 2012 में राज्यपाल को भेजा गया एक शिकायती पत्र खूब चर्चाओं में रहा। राज्यपाल को भेजे गए इस शिकायती पत्र में शिक्षा विभाग के एक बड़े अधिकारी पर भ्रष्टाचार के आरोपों के साथ ही कई शिक्षिकाओं के बारे में अश्लील टिप्पणी की गई थी। हड़कंप मचा देने वाले इस पत्र में विभागीय अधिकारी पर कुछ शिक्षिकाओं को लाभ दिया जाना बताया गया था। शिकायती पत्र के कुछ समय बाद ही फेसबुक पर भी इन शिक्षिकाओं के बारे में अश्लील टिप्पणी की गई। लेकिन मामले में अन्य शिक्षिकाएं जहां सब कुछ जानकार भी अंजान बनी रहीं। वहीं एक शिक्षिका ने हिम्मत दिखाई। उसने अश्लील टिप्पणी पर न सिर्फ विभागीय अधिकारियों से शिकायत की, बल्कि पुलिस और राज्य महिला आयोग का भी दरवाजा खटखटाया।
महिला सेल के गठन के बाद हुई कार्रवाई : शिक्षिका
मुझे मानसिक आघात पहुंचा है। मेरी और मेरे परिवार की छवि खराब हुई है। पूरे परिवार में तनाव की स्थिति है। अश्लील टिप्पणी करने वाले शिक्षक के खिलाफ शिकायत लेकर पुलिस के कई चक्कर लगाए। शिक्षा और महिला आयोग का भी दरवाया खटखटाया, लेकिन पिछले छह महीने से कोई कार्रवाई नहीं हुई। हर तरफ से निराश हो चुकी थी। अब महिला सेल के गठन के बाद मेरी सुनवाई हुई है। तब जाकर आरोपी शिक्षक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई है। आरोपी शिक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो ताकि भविष्य में कोई महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी न करे। शिकायत करने वाली शिक्षिका