ध्यानार्थ : भाई साहब एक बार आप भी इस खबर को देख लिजिए और कोई रोचक हेडिंग भी निकल सकता है- विनोद
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देहरादून। 70 विधायकों की निधि की पहली किश्त चार महीने से गलत पते पर फंसी है। इसे ग्राम्य विकास विभाग की ओर से तीन बार भेजा गया और तीनों बार यह सही जगह पर नहीं पहुंच पाई। शासन विधायक निधि की राशि भेजने में ही अंदाजा लगा रहा है। इस लापरवाही के चलते 35 करोड़ से अधिक की राशि का उपयोग नहीं हो पा रहा है। इतनी बड़ी लापरवाही पर न तो कोई विधायक आवाज उठा रहा हैं, न ही सरकार इस दिशा में कोई जांच करा रही है कि दोषी कौन है। पिछले वर्ष से विधायक निधि की राशि में 50 लाख की बढ़ोत्तरी की गई थी। तब यह कारण बताया गया था कि विकास कार्यों के लिए यह जरूरी है। इस तरह हर विधायक की निधि दो करोड़ से बढ़कर ढाई करोड़ हो गई।
क्या हुआ निधि जारी करने में
आयुक्त ग्राम्य विकास के माध्यम से पहली किश्त पुराने परिसीमन के आधार पर भेजी गई। जब यह गलती पता चली तो उसे दूसरी और तीसरी बार भेजा गया। दोनों बार जिस विभाग को यह राशि भेजी गई, उसके खाते का नंबर दो जगह लिखा गया, दोनों अलग-अलग थे। इससे धन जहां पहुंचना चाहिए था, वहां नहीं पहुंचा।
ऐसे तो पहली किश्त में ही लग जाएगा सालभर
विधायक निधि जारी करने में की जा रही देरी से पहली ही किश्त जारी होने और उस पर अमल होने में करीब एक वर्ष का समय लग जाएगा। पहली अप्रैल से जोड़ें तो अभी तक साढ़े चार माह का समय हो गया है। दूसरी किश्त जारी करने का समय भी आ गया, लेकिन कहीं भी कोई हलचल नहीं है।
सोमवार को सीएम से मिलेंगे
मसूरी विधायक गणेश जोशी ने बताया कि अभी तक विधायक निधि जारी नहीं होने से विकास कार्य शुरू नहीं हो पा रहे हैं। इसे लेकर सोमवार को मुख्यमंत्री से मिलकर शिकायत की जाएगी। कार्यदायी संस्था को कुछ कार्यों का स्टीमेट बनाकर दे दिया गया है, लेकिन पैसा नहीं मिलने से इन पर कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है।
ध्यानार्थ : भाई साहब एक बार आप भी इस खबर को देख लिजिए और कोई रोचक हेडिंग भी निकल सकता है- विनोद
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देहरादून। 70 विधायकों की निधि की पहली किश्त चार महीने से गलत पते पर फंसी है। इसे ग्राम्य विकास विभाग की ओर से तीन बार भेजा गया और तीनों बार यह सही जगह पर नहीं पहुंच पाई। शासन विधायक निधि की राशि भेजने में ही अंदाजा लगा रहा है। इस लापरवाही के चलते 35 करोड़ से अधिक की राशि का उपयोग नहीं हो पा रहा है। इतनी बड़ी लापरवाही पर न तो कोई विधायक आवाज उठा रहा हैं, न ही सरकार इस दिशा में कोई जांच करा रही है कि दोषी कौन है। पिछले वर्ष से विधायक निधि की राशि में 50 लाख की बढ़ोत्तरी की गई थी। तब यह कारण बताया गया था कि विकास कार्यों के लिए यह जरूरी है। इस तरह हर विधायक की निधि दो करोड़ से बढ़कर ढाई करोड़ हो गई।
क्या हुआ निधि जारी करने में
आयुक्त ग्राम्य विकास के माध्यम से पहली किश्त पुराने परिसीमन के आधार पर भेजी गई। जब यह गलती पता चली तो उसे दूसरी और तीसरी बार भेजा गया। दोनों बार जिस विभाग को यह राशि भेजी गई, उसके खाते का नंबर दो जगह लिखा गया, दोनों अलग-अलग थे। इससे धन जहां पहुंचना चाहिए था, वहां नहीं पहुंचा।
ऐसे तो पहली किश्त में ही लग जाएगा सालभर
विधायक निधि जारी करने में की जा रही देरी से पहली ही किश्त जारी होने और उस पर अमल होने में करीब एक वर्ष का समय लग जाएगा। पहली अप्रैल से जोड़ें तो अभी तक साढ़े चार माह का समय हो गया है। दूसरी किश्त जारी करने का समय भी आ गया, लेकिन कहीं भी कोई हलचल नहीं है।
सोमवार को सीएम से मिलेंगे
मसूरी विधायक गणेश जोशी ने बताया कि अभी तक विधायक निधि जारी नहीं होने से विकास कार्य शुरू नहीं हो पा रहे हैं। इसे लेकर सोमवार को मुख्यमंत्री से मिलकर शिकायत की जाएगी। कार्यदायी संस्था को कुछ कार्यों का स्टीमेट बनाकर दे दिया गया है, लेकिन पैसा नहीं मिलने से इन पर कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है।