देहरादून। यूं तो मित्र पुलिस पर आरोपियों की मदद करने के आरोप पहले भी लगते रहे हैं। लेकिन, इस बार एक महिला दारोगा ने ही खाकी पर दाग लगा दिया। एटीएम ठगी से लोगाें को लाखों का चूना लगाने वाले एक शातिर ठग से इस महिला दारोगा ने पौने तीन लाख रुपये की रिश्वत ले डाली। आरोपी को संगीन धाराएं हटाने का भरोसा दिलाया गया था। मामला खुलने पर डीआईजी ने दारोगा और एक कांस्टेबल को सस्पेंड कर मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। इसके अलावा जानकारी के बावजूद एसएसपी के कार्रवाई न करने पर भी डीआईजी ने संज्ञान लिया है।
तीन माह पूर्व क्लेमनटाउन पुलिस ने 90 एटीएम कार्ड और साढ़े चार लाख रुपये नगद के साथ लुधियाना निवासी सतीश अग्रवाल और पंकज को पकड़ा था। दोनों वहां एक निजी बैंक में काम करते थे। पूछताछ में पता चला कि दोनों ग्राहकों के एटीएम किसी बहाने से लेकर उनके खातों से रकम निकाल लेते थे। दोनों मसूरी घूमने जा रहे थे। मामले की जांच महिला दारोगा संगीता नौटियाल को दी गई थी।
बताया जा रहा है कि दारोगा जांच के लिए एक कांस्टेबल के साथ लुधियाना पहुंचीं। वहां उन्होंने आरोपी सतीश के परिजनों से 420 और 413 धाराएं हटाने के नाम पर दो लाख सत्तर हजार रुपये और एक कंप्यूटर के बदले सौदा कर लिया। दारोगा ने बाद में सतीश पर ये धाराएं हटा दीं। हालांकि, चार्जशीट दाखिल करते वक्त अधिकारियों ने मामले का संज्ञान लिया और दोबारा धाराएं लगा दीं। सतीश को जब यह पता लगा तो उसने एसएसपी नीरू गर्ग से शिकायत कर दी। सूत्रों के मुताबिक एसएसपी की जांच के बाद दारोगा ने रुपये और कंप्यूटर आरोपी को लौटा दिए। लेकिन, मामले में एसएसपी स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
अब सोमवार को मामला संज्ञान में आने पर डीआईजी संजय गुंज्याल ने दारोगा संगीता नौटियाल और उनके साथ गए कांस्टेबल श्रवण को तत्काल निलंबित कर दिया। इसके अलावा प्रभारी एसएसपी अजय जोशी को मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।
देहरादून। यूं तो मित्र पुलिस पर आरोपियों की मदद करने के आरोप पहले भी लगते रहे हैं। लेकिन, इस बार एक महिला दारोगा ने ही खाकी पर दाग लगा दिया। एटीएम ठगी से लोगाें को लाखों का चूना लगाने वाले एक शातिर ठग से इस महिला दारोगा ने पौने तीन लाख रुपये की रिश्वत ले डाली। आरोपी को संगीन धाराएं हटाने का भरोसा दिलाया गया था। मामला खुलने पर डीआईजी ने दारोगा और एक कांस्टेबल को सस्पेंड कर मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। इसके अलावा जानकारी के बावजूद एसएसपी के कार्रवाई न करने पर भी डीआईजी ने संज्ञान लिया है।
तीन माह पूर्व क्लेमनटाउन पुलिस ने 90 एटीएम कार्ड और साढ़े चार लाख रुपये नगद के साथ लुधियाना निवासी सतीश अग्रवाल और पंकज को पकड़ा था। दोनों वहां एक निजी बैंक में काम करते थे। पूछताछ में पता चला कि दोनों ग्राहकों के एटीएम किसी बहाने से लेकर उनके खातों से रकम निकाल लेते थे। दोनों मसूरी घूमने जा रहे थे। मामले की जांच महिला दारोगा संगीता नौटियाल को दी गई थी।
बताया जा रहा है कि दारोगा जांच के लिए एक कांस्टेबल के साथ लुधियाना पहुंचीं। वहां उन्होंने आरोपी सतीश के परिजनों से 420 और 413 धाराएं हटाने के नाम पर दो लाख सत्तर हजार रुपये और एक कंप्यूटर के बदले सौदा कर लिया। दारोगा ने बाद में सतीश पर ये धाराएं हटा दीं। हालांकि, चार्जशीट दाखिल करते वक्त अधिकारियों ने मामले का संज्ञान लिया और दोबारा धाराएं लगा दीं। सतीश को जब यह पता लगा तो उसने एसएसपी नीरू गर्ग से शिकायत कर दी। सूत्रों के मुताबिक एसएसपी की जांच के बाद दारोगा ने रुपये और कंप्यूटर आरोपी को लौटा दिए। लेकिन, मामले में एसएसपी स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
अब सोमवार को मामला संज्ञान में आने पर डीआईजी संजय गुंज्याल ने दारोगा संगीता नौटियाल और उनके साथ गए कांस्टेबल श्रवण को तत्काल निलंबित कर दिया। इसके अलावा प्रभारी एसएसपी अजय जोशी को मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।