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Virat Kohli 100th Test: पिता के निधन की खबर सुन विराट कोहली ने क्या किया था? साथी खिलाड़ी ने सुनाया किस्सा

स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: रोहित राज Updated Tue, 01 Mar 2022 06:27 PM IST
सार

विराट को टीम इंडिया में आने से पहले ही कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। 2006 में रणजी ट्रॉफी मैच के दौरान उनके पिता का निधन हो गया था। इसके बावजूद उन्होंने खेलने का फैसला किया था। पिता के निधन के बाद कोहली ने खुद को कैसे संभाला था?

विराट कोहली और उनके पिता प्रेम कोहली
विराट कोहली और उनके पिता प्रेम कोहली - फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली 100वें टेस्ट खेलने के करीब हैं। श्रीलंका के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मुकाबला मोहाली में चार मार्च से खेला जाएगा। कोहली के टेस्ट में 7962 रन हैं। उन्होंने एक से लेकर 99 टेस्ट तक का सफर 11 सालों में पूरा किया। विराट को टीम इंडिया में आने से पहले ही कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। 2006 में रणजी ट्रॉफी मैच के दौरान उनके पिता का निधन हो गया था। इसके बावजूद उन्होंने खेलने का फैसला किया था। पिता के निधन के बाद कोहली ने खुद को कैसे संभाला था? कैसे उन्होंने मैच में खेलने के लिए खुद को तैयार किया? इस बारे में उनके साथ मुकाबले में खेलने वाले दिल्ली के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज पुनीत बिष्ट ने बताया।


कोहली दिल्ली के लिए रणजी ट्रॉफी में कर्नाटक के खिलाफ मैच खेल रहे थे। मुकाबले के तीसरे दिन उन्हें पिता प्रेम कोहली के निधन की खबर मिली थी। दूसरे दिन खेल समाप्त होने तक वे पुनीत बिष्ट के साथ नाबाद थे। पुनीत जब ड्रेसिंग रूम में पहुंचे थे तब उन्होंने कोहली को देखा। कमरे में सन्नाटा पसारा हुआ था। रोने के कारण विराट की आंखें लाल हो चुकी थीं। ब्रेन स्ट्रोक के कारण उनके पिता का निधन हुआ था।


पुनीत अब रणजी ट्रॉफी में मेघालय के लिए खेलते हैं। उस दिन को याद करते हुए पुनीत ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, ‘‘मैं आज तक उस दिन को याद कर सोचता हूं कि कोहली में इतनी हिम्मत कहां से आई थी। वे बल्लेबाजी के लिए तैयार हो रहे थे। पिता का अंतिम संस्कार भी नहीं हुआ था। दरअसल, वे चाह रहे थे कि टीम को एक बल्लेबाज की कमी नहीं खले। इसलिए उन्होंने आगे भी खेलने का फैसला किया।’’

तत्कालीन कप्तान मिथुन मन्हास और कोच चेतन चौहान ने कोहली को वापस घर लौटने के लिए कहा था। पुनीत ने बताया, ‘‘चेतन सर हमारे कोच थे। उन्होंने मिथुन भाई से बात की। फिर कोहली को घर लौटने के लिए कहा। सबको ऐसा लग रहा था कि विराट कम उम्र में इस सदमे को झेल नहीं पाएगा। उसके लिए यह आसान नहीं होगा। कोच और कप्तान के अलावा सभी खिलाड़ियों की यही राय थी कि विराट को घर लौटना चाहिए। लेकिन वे अलग ही मिट्टी के बने थे। डटे और मैच खेला।’’

पुनीत ने 96 प्रथम श्रेणी मैचों में 4378 रन बनाए हैं। उन्होंने विराट के साथ उस पारी में 152 रनों की साझेदारी की थी। पुनीत बिष्ट ने 156 रनों की पारी खेली थी। वहीं, विराट ने 90 रन बनाए थे। पुनीत ने उस पारी को याद करते हुए कहा, ‘‘कोहली के सीने में दुख था और दिमाग में रन। वे लगातार बेहतरीन शॉट खेल रहे थे। कोहली हमेशा कहते थे कि हमें लंबी पारियां खेलनी हैं। आउट नहीं होना है। विराट में अभी भी बदलाव नहीं आया है। उनकी ऊर्जा और आक्रामकता जबरदस्त है।’’
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