आखिरी ओवर में जडेजा का कमाल
मोहित शर्मा ने शानदार गेंदबाजी कर चेन्नई की टीम को दबाव में ला दिया था। आखिरी ओवर में 13 रन का बचाव करते हुए उन्होंने शुरुआती चार गेंद में सिर्फ तीन रन दिए। इसके बाद रवींद्र जडेजा ने छक्का और चौका लगाकर चेन्नई को पांचवां खिताब जिता दिया। धोनी इस मैच में पहली गेंद में आउट हो गए थे। ऐसे में किसी दूसरे खिलाड़ी को मैच खत्म करने की जिम्मेदारी लेनी थी और जडेजा ने दिखाया कि एक दशक तक धोनी के साथ खेलने के बाद वह उनसे क्या सीखे हैं।
बारिश से चेन्नई को फायदा
बारिश की वजह से चेन्नई की टीम को फायदा मिला। ओवरों में कटौती हुई और 15 ओवर में चेन्नई के सामने 171 रन का लक्ष्य था। ओवर पांच कम हुए थे, लेकिन रन रेट ज्यादा नहीं बढ़ा था। चेन्नई के पास पूरे 10 विकेट थे। ऐसे में कॉन्वे और ऋतुराज ने तूफानी शुरुआत की। दोनों ने मिलकर चार ओवर के पावरप्ले में 52 रन जोड़ दिए। यहीं से चेन्नई की टीम अच्छी स्थिति में पहुंच गई।
नूर अहमद ने कराई गुजरात की वापसी
171 रन का पीछा करते हुए चेन्नई की टीम ने छह ओवर में बिना कोई विकेट खोए 72 रन बना लिए थे और अच्छी स्थिति में थी। इसके बाद स्ट्रेटजिक टाइम आउट हुआ और अगले ओवर में मैच पलट गया। नूर ने एक ही ओवर में दोनों सेट बल्लेबाजों को आउट किया। उन्होंने अपने शुरुआती दो ओवर में सिर्फ 12 रन देकर मैच में गुजरात की वापसी कराई। ऋतुराज और कॉन्वे के आउट होने के बाद चेन्नई का स्कोर 78/2 हो गया और दो नए बल्लेबाज क्रीज में थे। ऐसे में चेन्नई की टीम मुश्किल में आ गई।
चेन्नई को मैच में वापस लाए रहाणे-रायुडू
अजिंक्य रहाणे इस मैच में चौथे ओवर में बल्लेबाजी के लिए आए, लेकिन इससे उनकी बल्लेबाजी पर कोई फर्क नहीं पड़ा। उन्होंने अपनी शुरुआती चार गेंद में दो छक्के लगाकर जरूरी रन रेट बहुत ज्यादा नहीं होने दिया। अगला ओवर नूर का था और वह संभलकर खेले। इसके बाद राशिद के ओवर में दो चौके लगाकर उन्होंने चेन्नई का स्कोर 100 रन के पार पहुंचा दिया। अपनी शुरुआती 11 गेंद में 26 रन बनाकर वह चेन्नई की टीम को फिर से मैच में खींच लाए। मोहित शर्मा ने उन्हें आउट किया, लेकिन इसके बाद दुबे ने लय पकड़ी और राशिद के स्पेल की आखिरी दो गेंदों में दो छक्के लगाकर चेन्नई को मैच में बनाए रखा। वहीं, रायुडू ने आठ गेंद में 19 रन की तूफानी पारी खेल, चेन्नई को और बेहतर स्थिति में पहुंचा दिया। रायुडू की पारी का असर यह हुआ कि लगातार दो गेंद में दो विकेट गंवाने के बाद भी चेन्नई की टीम मैच में बनी रही।
चेन्नई की खराब फील्डिंग से गुजरात का फायदा
चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाड़ियों ने इस मैच में बेहद खराब फील्डिंग की। मैच की शुरुआती 38 गेंदों में चेन्नई के खिलाड़ियों ने विकेट लेने के तीन आसान मौके गंवाए। सबसे पहले दीपक चाहर ने दूसरे ओवर की चौथी गेंद पर शुभमन गिल का कैच छोड़ा। इस समय गिल तीन रन बनाकर खेल रहे थे। इसके बाद पांचवें ओवर की पहली गेंद पर दीपक चाहर ने अपनी ही गेंद पर ऋद्धिमान साहा का कैच छोड़ दिया। इस समय साहा 21 रन पर थे। सातवें ओवर की दूसरी गेंद पर जडेजा ने साहा को रन आउट करने का मौका छोड़ा। इस समय साहा 37 रन पर थे। गिल ने इस मैच में 39 और साहा ने 54 रन बनाए। चेन्नई की खराब फील्डिंग के चलते इन दोनों खिलाड़ियों ने मिलकर 69 अतिरिक्त रन बनाए और गुजरात को शानदार शुरुआत दिलाई।
धोनी की स्टंपिंग ने कराई चेन्नई की वापसी
चेन्नई के गेंदबाज जमकर महंगे साबित हो रहे थे। पावरप्ले के बाद सभी गेंदबाजों का इकोनॉमी रेट 10 के करीब था। ऐसे में जडेजा पारी का सातवां ओवर लेकर आए और ओवर की आखिरी गेंद पर गिल का पैर क्रीज से बाहर निकल गया। धोनी ने पलक झपकते ही स्टंपिंग की और गिल को पवेलियन भेज दिया। इसी के साथ चेन्नई की टीम ने मैच में वापसी की।
बड़े मैच में फिर चला साहा का बल्ला
ऋद्धिमान साहा आईपीएल के बड़े मुकाबलों में अक्सर कमाल करते आए हैं। आईपीएल 2014 के फाइनल में शतकीय पारी खेलने वाले साहा ने इस सीजन सिर्फ दो बार ही 30 रन से ज्यादा का स्कोर बनाया था, लेकिन इस मैच में उन्होंने 39 गेंद में 54 रन की शानदार पारी खेल गुजरात के बड़े स्कोर की नींव रखी।
गुजरात के लिए फिर नया सितारा
गुजरात टाइटंस के लिए हर मैच में नया खिलाड़ी कमाल करता है और फाइनल में बारी साई सुदर्शन की थी। उन्होंने 47 गेंद में 96 रन बनाए। उन्होंने बीच के ओवरों में तेजी से रन बनाए और अपनी टीम को बड़े स्कोर की तरफ अग्रसर रखा। उनकी पारी के चलते ही गुजरात की टीम चार विकेट पर 214 रन बनाने में सफल रही।
चेन्नई के युवा गेंदबाज फेल
चेन्नई सुपर किंग्स का गेंदबाजी अटैक युवा जरूरी है, लेकिन धोनी की अगुआई में इन्हीं युवा गेंदबाजों ने पूरे सीजन अच्छा प्रदर्शन किया था। टूर्नामेंट की शुरुआत में धोनी ने कहा था कि टीम गेंदबाज नहीं सुधरे तो चेन्नई को नए कप्तान के साथ खेलना होगा। इसके बाद चेन्नई के गेंदबाजों ने कमाल किया था। हालांकि, ये युवा गेंदबाज फाइनल मैच का दबाव नहीं झेल पाए। चेन्नई के लिए इस सीजन सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले तुषार देशपांडे पूरे मैच में विकेट के लिए तरसते रहे। उन्होंने अपने चार ओवरों में 56 रन लुटाए।
चेन्नई के हर गेंदबाज का इकोनॉमी रेट नौ रन प्रति ओवर से ज्यादा का रहा। पाथिराना और देशपांडे ने तो 10 से भी ज्यादा के इकोनॉमी रेट से रन दिए। पाथिराना से डेथ ओवर में कसी हुई गेंदबाजी की उम्मीद की जाती है, लेकिन वह इस मैच में ऐसा नहीं कर पाए और जमकर रन लुटाए। इसी वजह से गुजरात का स्कोर 200 रन के पार चला गया।