स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, अहमदाबाद
Published by: अंशुल तलमले
Updated Thu, 25 Feb 2021 09:49 PM IST
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर रखे गए पुनर्निमित मोटेरा स्टेडियम में खेला गया डे-नाइट टेस्ट मैच महज दो दिन में ही खत्म हो गया। दूधिया रोशनी के नीचे पिंक बॉल से हुए इस मुकाबले में मेजबान भारतीय टीम ने अंग्रेजों को 10 विकेट से मात दी। इस जीत के साथ ही चार मैच की टेस्ट सीरीज में कोहली सेना को 2-1 की अहम बढ़त भी मिल गई। अब विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में इंग्लैंड की दावेदारी लगभग खत्म हो चुकी है। यह ऑस्ट्रेलिया के लिए ऑक्सीजन से कम नहीं।
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टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए इंग्लिश टीम सिर्फ 112 रन पर सिमट गई। जवाब में भारतीय बल्लेबाज भी कुछ खास नहीं कर पाए 145 रन के साथ उन्हें 33 रन की मामूली बढ़त मिली। अपनी दूसरी पारी में तो इंग्लैंड की हालत और खराब थी। 81 रन पर आउट होने के बाद भारत के सामने मेहमानों ने 49 रन का आसान लक्ष्य रखा, जिसे रोहित शर्मा और शुभमन गिल ने मिलकर 7.4 ओवर में ही पा लिया और 10 विकेट से भारत की जीत सुनिश्चित की।
नरेंद्र मोदी स्टेडियम की पिच पिच पूरी तरह से बल्लेबाजों के लिए कब्रगाह बनी हुई थी। दो दिन में 30 विकेट गिरे, जिसमें 28 विकेट स्पिनर्स ने चटकाए। इंग्लैंड की तरफ से पहली पारी में कामचलाऊ ऑफ स्पिनर जो रूट ने आठ रन देकर पांच और बाएं हाथ के स्पिनर जैक लीच ने 54 रन देकर चार विकेट लिए।
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इसके बाद भारत की तरफ से अक्षर (32 रन देकर पांच) और अश्विन (48 रन देकर चार) ही इंग्लैंड को थर्राने के लिए काफी थे। वाशिंगटन सुंदर ने केवल चार गेंदे की और इनमें वह विकेट लेने में सफल रहे।
इससे पहले का रिकॉर्ड 101 रन था जो उसने 1971 में ओवल में बनाया था। पहली पारी में छह विकेट लेने वाले अक्षर ने नई गेंद संभाली और पहली गेंद पर जॉक क्राउली को बोल्ड करके उन्हें गलत लाइन पर खेलने सजा दी। वह पारी की पहली गेंद पर विकेट लेने वाले दुनिया के चौथे और अश्विन के बाद भारत के दूसरे स्पिनर बने।
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अक्षर डीआरएस के कारण अपनी हैट्रिक पूरी नहीं कर पाए, लेकिन तीसरी गेंद पर जॉनी बेयरस्टो को बोल्ड करने में सफल रहे, उन्होंने पहली पारी की आखिरी गेंद पर विकेट लिया था। अक्षर ने इसके बाद दूसरे सलामी बल्लेबाज डॉम सिबली को पवेलियन भेजा।
बेन स्टोक्स (25) ने आक्रमण की रणनीति अपनाई और 34 गेंद की अपनी पारी में तीन चौके भी लगाए, लेकिन अश्विन ने 11वीं बार स्टोक्स को आउट किया। अक्षर ने अपने घरेलू दर्शकों के सामने जो रूट (19) को पगबाधा आउट करके मैच में दस विकेट लेने का कारनामा किया। ओली पोप (12) को लगातार दूसरी पारी में समझ में नहीं आया कि अश्विन को कैसे खेलना है।
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अश्विन ने इसके बाद जोफ्रा आर्चर को आउट करके टेस्ट मैचों में अपना 400वां विकेट लिया। वह इस मुकाम पर पहुंचने वाले दुनिया के 16वें और भारत के चौथे गेंदबाज हैं। अश्विन यह उपलब्धि हासिल करने वाले छठे स्पिनर बने हैं। इसके बाद इंग्लैंड की पारी सिमटने में देर नहीं लगी।
इससे पहले भारत ने भी अंतिम सात विकेट 31 रन के अंदर गंवाए। भारत के पांच बल्लेबाज दोहरे अंक में पहुंचे जिनमें रोहित शर्मा ने सर्वाधिक 66 रन बनाये। रूट ने टेस्ट ही नहीं अपने प्रथम श्रेणी करियर में भी पहली बार पारी में पांच विकेट लिए। रोहित ने अपनी अच्छी फार्म दिखाई, लेकिन उप कप्तान अजिंक्य रहाणे (एक) फिर से नहीं चल पाए। बाएं हाथ के स्पिनरों के सामने अक्सर नाकाम रहने वाले रहाणे को लीच ने पगबाधा आउट किया।
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अचानक ही पिच भारतीयों के लिए चुनौतीपूर्ण बन गई और टीम दबाव में बिखर गई। रोहित लीच पर स्वीप करने से चूक गए। इसके बाद रूट ने कहर बरपाया और मुंबई में 2004 में जो काम माइकल क्लार्क (नौ रन देकर छह विकेट) ने किया था वही किया। उन्होंने ऋषभ पंत (एक), वाशिंगटन सुंदर (शून्य) और अक्षर पटेल (शून्य) को आते ही पवेलियन भेज दिया। अश्विन (17) और अपना 100वां टेस्ट मैच खेल रहे इशांत शर्मा (नाबाद 10) ने आखिर में उपयोगी रन जोड़े।
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर रखे गए पुनर्निमित मोटेरा स्टेडियम में खेला गया डे-नाइट टेस्ट मैच महज दो दिन में ही खत्म हो गया। दूधिया रोशनी के नीचे पिंक बॉल से हुए इस मुकाबले में मेजबान भारतीय टीम ने अंग्रेजों को 10 विकेट से मात दी। इस जीत के साथ ही चार मैच की टेस्ट सीरीज में कोहली सेना को 2-1 की अहम बढ़त भी मिल गई। अब विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में इंग्लैंड की दावेदारी लगभग खत्म हो चुकी है। यह ऑस्ट्रेलिया के लिए ऑक्सीजन से कम नहीं।
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टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए इंग्लिश टीम सिर्फ 112 रन पर सिमट गई। जवाब में भारतीय बल्लेबाज भी कुछ खास नहीं कर पाए 145 रन के साथ उन्हें 33 रन की मामूली बढ़त मिली। अपनी दूसरी पारी में तो इंग्लैंड की हालत और खराब थी। 81 रन पर आउट होने के बाद भारत के सामने मेहमानों ने 49 रन का आसान लक्ष्य रखा, जिसे रोहित शर्मा और शुभमन गिल ने मिलकर 7.4 ओवर में ही पा लिया और 10 विकेट से भारत की जीत सुनिश्चित की।
मैच की चार पारियों में कुल 387 रन ही बने
अक्षर पटेल
- फोटो : ट्विटर
नरेंद्र मोदी स्टेडियम की पिच पिच पूरी तरह से बल्लेबाजों के लिए कब्रगाह बनी हुई थी। दो दिन में 30 विकेट गिरे, जिसमें 28 विकेट स्पिनर्स ने चटकाए। इंग्लैंड की तरफ से पहली पारी में कामचलाऊ ऑफ स्पिनर जो रूट ने आठ रन देकर पांच और बाएं हाथ के स्पिनर जैक लीच ने 54 रन देकर चार विकेट लिए।
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इसके बाद भारत की तरफ से अक्षर (32 रन देकर पांच) और अश्विन (48 रन देकर चार) ही इंग्लैंड को थर्राने के लिए काफी थे। वाशिंगटन सुंदर ने केवल चार गेंदे की और इनमें वह विकेट लेने में सफल रहे।
इंग्लैंड ने भारत के खिलाफ अपना न्यूनतम स्कोर बनाया
रवि अश्विन
- फोटो : पीटीआई
इससे पहले का रिकॉर्ड 101 रन था जो उसने 1971 में ओवल में बनाया था। पहली पारी में छह विकेट लेने वाले अक्षर ने नई गेंद संभाली और पहली गेंद पर जॉक क्राउली को बोल्ड करके उन्हें गलत लाइन पर खेलने सजा दी। वह पारी की पहली गेंद पर विकेट लेने वाले दुनिया के चौथे और अश्विन के बाद भारत के दूसरे स्पिनर बने।
यह भी पढ़ें: 144 साल के टेस्ट इतिहास में 22वीं बार दो दिन में खत्म हुआ टेस्ट मैच, भारत में दूसरा मौका
अक्षर डीआरएस के कारण अपनी हैट्रिक पूरी नहीं कर पाए, लेकिन तीसरी गेंद पर जॉनी बेयरस्टो को बोल्ड करने में सफल रहे, उन्होंने पहली पारी की आखिरी गेंद पर विकेट लिया था। अक्षर ने इसके बाद दूसरे सलामी बल्लेबाज डॉम सिबली को पवेलियन भेजा।
अश्विन सबसे तेज 400 विकेट लेने वाले भारतीय
रवि अश्विन
- फोटो : ट्विटर @ICC
बेन स्टोक्स (25) ने आक्रमण की रणनीति अपनाई और 34 गेंद की अपनी पारी में तीन चौके भी लगाए, लेकिन अश्विन ने 11वीं बार स्टोक्स को आउट किया। अक्षर ने अपने घरेलू दर्शकों के सामने जो रूट (19) को पगबाधा आउट करके मैच में दस विकेट लेने का कारनामा किया। ओली पोप (12) को लगातार दूसरी पारी में समझ में नहीं आया कि अश्विन को कैसे खेलना है।
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अश्विन ने इसके बाद जोफ्रा आर्चर को आउट करके टेस्ट मैचों में अपना 400वां विकेट लिया। वह इस मुकाम पर पहुंचने वाले दुनिया के 16वें और भारत के चौथे गेंदबाज हैं। अश्विन यह उपलब्धि हासिल करने वाले छठे स्पिनर बने हैं। इसके बाद इंग्लैंड की पारी सिमटने में देर नहीं लगी।
भारतीय बल्लेबाजों ने भी टेके थे घुटने
जैक लीच और जो रूट
- फोटो : ट्विटर @englandcricket
इससे पहले भारत ने भी अंतिम सात विकेट 31 रन के अंदर गंवाए। भारत के पांच बल्लेबाज दोहरे अंक में पहुंचे जिनमें रोहित शर्मा ने सर्वाधिक 66 रन बनाये। रूट ने टेस्ट ही नहीं अपने प्रथम श्रेणी करियर में भी पहली बार पारी में पांच विकेट लिए। रोहित ने अपनी अच्छी फार्म दिखाई, लेकिन उप कप्तान अजिंक्य रहाणे (एक) फिर से नहीं चल पाए। बाएं हाथ के स्पिनरों के सामने अक्सर नाकाम रहने वाले रहाणे को लीच ने पगबाधा आउट किया।
यह भी पढ़ें: धोनी से भी बड़े कप्तान बने कोहली, दो दिन तक चले टेस्ट में तोड़ा 'विराट' रिकॉर्ड
अचानक ही पिच भारतीयों के लिए चुनौतीपूर्ण बन गई और टीम दबाव में बिखर गई। रोहित लीच पर स्वीप करने से चूक गए। इसके बाद रूट ने कहर बरपाया और मुंबई में 2004 में जो काम माइकल क्लार्क (नौ रन देकर छह विकेट) ने किया था वही किया। उन्होंने ऋषभ पंत (एक), वाशिंगटन सुंदर (शून्य) और अक्षर पटेल (शून्य) को आते ही पवेलियन भेज दिया। अश्विन (17) और अपना 100वां टेस्ट मैच खेल रहे इशांत शर्मा (नाबाद 10) ने आखिर में उपयोगी रन जोड़े।