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Ind vs SA Analysis Cheteshwar Pujara and Ajinkya Rahane became weak links of team India these 5 reasons for the series loss to South Africa
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Ind vs SA Analysis: अनुभवियों ने डुबोई भारत की लुटिया, कमजोर दक्षिण अफ्रीका से सीरीज में मिली हार के ये पांच कारण
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: रोहित राज
Updated Fri, 14 Jan 2022 06:18 PM IST
सार
भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका में टेस्ट सीरीज हार गई है। कहा जा रहा था कि टीम इंडिया के लिए वहां पहली बार सीरीज जीतने का गोल्डन चांस है। अफ्रीकी टीम कमजोर है और टीम इंडिया उसे बुरी तरह रौंद देगी, लेकिन हुआ इसके उलट।
चेतेश्वर पुजारा
- फोटो : अमर उजाला
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फुटबॉल में जब किसी टीम के खिलाड़ी को रेड कार्ड दिया जाता है तो विपक्षी टीम को बड़ा फायदा होता है। वह ज्यादा हमलावर हो जाती है और मैच करीब-करीब जीत लेती है, लेकिन रेड कार्ड मिलने के बाद भी कोई टीम जीत जाए तो उसकी काफी तारीफ होती है। ठीक वैसी ही तारीफ दक्षिम अफ्रीकी टीम को मिलनी चाहिए। युवा टीम के साथ उतरे डीन एल्गर ने कई गुना मजबूत भारतीय टीम को धूल चटा दी और ऐतिहासिक जीत हासिल की।
भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका में टेस्ट सीरीज 1-2 के अंतर से हार गई है। सीरीज शुरू होने से पहले कहा जा रहा था कि यह टीम इंडिया के लिए वहां पहली बार सीरीज जीतने का गोल्डन चांस है। अफ्रीकी टीम कमजोर है और टीम इंडिया उसे बुरी तरह रौंद देगी, लेकिन हुआ इसके उलट। कमजोर दक्षिण अफ्रीका ने भारतीय टीम को टेस्ट में हाल के समय में सबसे दर्दनाक हार दी है। पहले टेस्ट में शानदार जीत के बाद टीम इंडिया की गाड़ी पटरी से उतर गई। न तो बल्लेबाज चले और न ही गेंदबाज। जोहानिसबर्ग और केपटाउन में अफ्रीकी बल्लेबाजों ने हिम्मत से रन चेज करके यह दिखा दिया कि अनुभवहीन होने के बावजूद वो किसी से कम नहीं हैं।
आइए जानते हैं भारतीय टीम के हार के बड़े कारण:अनुभवी खिलाड़ी पूरी तरह फेल: भारत ने खराब फॉर्म में चल रहे दो बल्लेबाजों (अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा) पर भरोसा करके सही काम किया, जिनके अनुभव की जरूरत थी। लेकिन यह अनुभव काम नहीं आया। मध्यक्रम में कमजोरी के कारण टीम को एक ऐसी सीरीज गंवानी पड़ी जो उसे नहीं गंवानी चाहिए थी। गेंदबाजों से हर समय बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद नहीं की जा सकती, खासकर कम आराम मिलने पर। बल्लेबाजों के तुरंत पवेलियन लौटने पर गेंदबाजों को दोनों पारियों में लगातार लंबे-लंबे स्पैल करने पड़े। अगर रन नहीं रहेंगे तो गेंदबाज बचाएंगे क्या?
ओपनर्स लगातार दूसरे टेस्ट में नहीं चले: जोहानिसबर्ग में खेले गए दूसरे टेस्ट की पहली पारी में 36 रन और दूसरी पारी में 24 रन की साझेदारी ही कर पाए थे। राहुल ने पहली पारी में 50 और दूसरी पारी में आठ रन बनाए। मयंक ने पहली पारी में 26 और दूसरी पारी में 23 रन बनाए। अब केपटाउन टेस्ट की बात करें तो यहां भी दोनों फेल रहे। पहली पारी में 31 और दूसरी पारी में 20 रन की साझेदारी की। राहुल ने यहां 12 और 10 रन बनाए। मयंक ने 15 और सात रन बनाए।
कैच छोड़ना पड़ा भारी: भारतीय टीम के लिए पिछले दो टेस्ट में फील्डिंग सबसे खराब रही है। कई कैच टपकाए और फील्ड में रन लुटाए। चेतेश्वर पुजारा ने पहली पारी में तेंबा बावुमा का कैच छोड़ दिया था। बावुमा ने 52 गेंद पर महत्वपूर्ण 28 रन बनाए थे। दूसरी पारी में चेतेश्वर पुजारा ने कीगन पीटरसन का कैच छोड़ दिया। पीटरसन ने 113 गेंद पर 83 रन की शानदार पारी खेली और टीम को जीत के करीब पहुंचा दिया।
विपक्षी को कमजोर समझना: भारतीय टीम अफ्रीकी दौरे पर दोगुने अनुभव के साथ पहुंची थी। टेस्ट में मौजूदा अफ्रीकी टीम सबसे कमजोर मानी जाती है। भारतीय खिलाड़ियों के हाव-भाव को देखकर सोशल मीडिया पर इस बात की चर्चा हुई कि क्या टीम इंडिया ने विपक्षी को कमजोर मान लिया। उन्होंने दो-तीन टेस्ट खेल चुके अफ्रीकी बल्लेबाजों को लेकर बेहतर योजना नहीं बनाई। कीगन पीटरसन, रसी वान डर डुसेन और तेंबा बावुमा जैसे युवाओं ने टीम इंडिया को पूरी सीरीज में परेशान किया है।
छह में से तीन बल्लेबाजों का औसत 25 से भी कम रहा: बल्लेबाजों के प्रदर्शन की बात करें तो सिर्फ तीन बल्लेबाज ही 30 से ज्यादा की औसत से रन बनाए। विराट कोहली ने 40.25, केएल राहुल 37.6 और ऋषभ पंत 37.2 की औसत से रन बनाए। इन तीनों के अलावा सभी फेल हो गए। अनुभवी रहाणे ने 22.67, मयंक अग्रवाल 22.50 और चेतेश्वर पुजारा 20.67 की औसत से ही रन बना सके। राहुल 226, पंत 188, कोहली 161, रहाणे 136, मयंक 135 और पुजारा 124 रन ही बना सके।
विस्तार
फुटबॉल में जब किसी टीम के खिलाड़ी को रेड कार्ड दिया जाता है तो विपक्षी टीम को बड़ा फायदा होता है। वह ज्यादा हमलावर हो जाती है और मैच करीब-करीब जीत लेती है, लेकिन रेड कार्ड मिलने के बाद भी कोई टीम जीत जाए तो उसकी काफी तारीफ होती है। ठीक वैसी ही तारीफ दक्षिम अफ्रीकी टीम को मिलनी चाहिए। युवा टीम के साथ उतरे डीन एल्गर ने कई गुना मजबूत भारतीय टीम को धूल चटा दी और ऐतिहासिक जीत हासिल की।
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भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका में टेस्ट सीरीज 1-2 के अंतर से हार गई है। सीरीज शुरू होने से पहले कहा जा रहा था कि यह टीम इंडिया के लिए वहां पहली बार सीरीज जीतने का गोल्डन चांस है। अफ्रीकी टीम कमजोर है और टीम इंडिया उसे बुरी तरह रौंद देगी, लेकिन हुआ इसके उलट। कमजोर दक्षिण अफ्रीका ने भारतीय टीम को टेस्ट में हाल के समय में सबसे दर्दनाक हार दी है। पहले टेस्ट में शानदार जीत के बाद टीम इंडिया की गाड़ी पटरी से उतर गई। न तो बल्लेबाज चले और न ही गेंदबाज। जोहानिसबर्ग और केपटाउन में अफ्रीकी बल्लेबाजों ने हिम्मत से रन चेज करके यह दिखा दिया कि अनुभवहीन होने के बावजूद वो किसी से कम नहीं हैं।
आइए जानते हैं भारतीय टीम के हार के बड़े कारण:
अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा
- फोटो : सोशल मीडिया
केएल राहुल और मयंक अग्रवाल
- फोटो : सोशल मीडिया
ओपनर्स लगातार दूसरे टेस्ट में नहीं चले: जोहानिसबर्ग में खेले गए दूसरे टेस्ट की पहली पारी में 36 रन और दूसरी पारी में 24 रन की साझेदारी ही कर पाए थे। राहुल ने पहली पारी में 50 और दूसरी पारी में आठ रन बनाए। मयंक ने पहली पारी में 26 और दूसरी पारी में 23 रन बनाए। अब केपटाउन टेस्ट की बात करें तो यहां भी दोनों फेल रहे। पहली पारी में 31 और दूसरी पारी में 20 रन की साझेदारी की। राहुल ने यहां 12 और 10 रन बनाए। मयंक ने 15 और सात रन बनाए।
कैच छोड़ना पड़ा भारी: भारतीय टीम के लिए पिछले दो टेस्ट में फील्डिंग सबसे खराब रही है। कई कैच टपकाए और फील्ड में रन लुटाए। चेतेश्वर पुजारा ने पहली पारी में तेंबा बावुमा का कैच छोड़ दिया था। बावुमा ने 52 गेंद पर महत्वपूर्ण 28 रन बनाए थे। दूसरी पारी में चेतेश्वर पुजारा ने कीगन पीटरसन का कैच छोड़ दिया। पीटरसन ने 113 गेंद पर 83 रन की शानदार पारी खेली और टीम को जीत के करीब पहुंचा दिया।
विपक्षी को कमजोर समझना: भारतीय टीम अफ्रीकी दौरे पर दोगुने अनुभव के साथ पहुंची थी। टेस्ट में मौजूदा अफ्रीकी टीम सबसे कमजोर मानी जाती है। भारतीय खिलाड़ियों के हाव-भाव को देखकर सोशल मीडिया पर इस बात की चर्चा हुई कि क्या टीम इंडिया ने विपक्षी को कमजोर मान लिया। उन्होंने दो-तीन टेस्ट खेल चुके अफ्रीकी बल्लेबाजों को लेकर बेहतर योजना नहीं बनाई। कीगन पीटरसन, रसी वान डर डुसेन और तेंबा बावुमा जैसे युवाओं ने टीम इंडिया को पूरी सीरीज में परेशान किया है।
भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका
- फोटो : सोशल मीडिया
छह में से तीन बल्लेबाजों का औसत 25 से भी कम रहा: बल्लेबाजों के प्रदर्शन की बात करें तो सिर्फ तीन बल्लेबाज ही 30 से ज्यादा की औसत से रन बनाए। विराट कोहली ने 40.25, केएल राहुल 37.6 और ऋषभ पंत 37.2 की औसत से रन बनाए। इन तीनों के अलावा सभी फेल हो गए। अनुभवी रहाणे ने 22.67, मयंक अग्रवाल 22.50 और चेतेश्वर पुजारा 20.67 की औसत से ही रन बना सके। राहुल 226, पंत 188, कोहली 161, रहाणे 136, मयंक 135 और पुजारा 124 रन ही बना सके।
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