अपने जमाने के दिग्गज बल्लेबाज और भारतीय क्रिकेट टीम की 'दीवार' कहलाए जाने वाले राहुल द्रविड़ को यह स्वीकार करने में कोई दिक्कत नहीं कि वह जिस तरह से धीमी बल्लेबाजी करते थे उसे देखते उनके लिए आज की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बने रहना मुश्किल होता, लेकिन इसके साथ ही उनका मानना है कि रक्षात्मक तकनीकी का अस्तित्व बना रहेगा भले ही इसका महत्व कम होता जा रहा है।