भारतीय टीम ने 328 रन का रिकार्ड लक्ष्य हासिल करके बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी अपने पास रखी। टीम इंडिया ने आखिरी टेस्ट तीन विकेट से जीतकर चार मैचों की सीरीज 2-1 से अपने नाम की। भारतीय टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने फिटनेस समस्याओं से जूझ रही अपनी टीम की ऑस्ट्रेलिया पर टेस्ट श्रृंखला में जीत पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि एडिलेड में टेस्ट क्रिकेट में अपने न्यूनतम स्कोर 36 रन पर सिमटने के बाद यह अवास्तविक लगता है।
शास्त्री ने ऑस्ट्रेलिया के इस दौरे को अपना अब तक का सबसे कठिन दौरा बताया। उन्होंने कहा, 'यह सबसे कठिन दौरा था, इससे बढकर कुछ नहीं। 36 रन पर आउट होने के बाद यह अवास्तविक लगता है। पराजित होना अलग बात है, लेकिन हार मानना हमारे शब्दकोष में नहीं है।' शास्त्री ने कहा कि क्रिकेट जगह इस प्रदर्शन को लंबे समय तक याद रखेगा। ऋषभ पंत की 89 रन की नाबाद पारी के दम पर भारत ने 32 बरस बाद ऑस्ट्रेलिया को 'गाबा के किले' पर धूल चटाई।
कोच ने एडिलेड में शर्मनाक हार के बाद शानदार जज्बा दिखा कर वापसी करने वाली पूरी टीम की तारीफ की जिसने विराट कोहली, जसप्रीत बुमराह, रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा जैसे दिग्गज खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में जबरदस्त जुझारूपन दिखाया। शास्त्री ने कहा कि पहले टेस्ट के बाद टीम के साथ नहीं होने के बावजूद कोहली की बातों ने पूरी टीम को प्रभावित किया। कोहली पहले टेस्ट के बाद पितृत्व अवकाश पर भारत लौट गए थे। उन्होंने कहा, 'यह टीम रातोंरात नहीं बनी है। विराट यहां नहीं होने के बावजूद हमारे साथ थे। उसकी बातें सब को प्रभावित कर रही थी।
शास्त्री ने ऐतिहासिक श्रृंखला जीत में वाशिंगटन सुंदर, शार्दुल ठाकुर और टी नटराजन जैसे नए खिलाडियों के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि रहाणे भले ही शांत दिखें, लेकिन वह अंदर से एक मजबूत इंसान हैं। वाशिंगटन सुंदर नेट गेंदबाज के तौर पर आए थे, नटराजन नेट गेंदबाज थे, लेकिन उन्होंने बेहतरीन खेल दिखाया। सुंदर ने ऐसी बल्लेबाजी की जैसे कि उन्होंने पहले ही 20 टेस्ट खेल लिए हो। शार्दुल के साथ भी ऐसा ही है।'
शास्त्री ने कहा, 'हम विदेश में पंत को टीम में रखते हैं क्योंकि वह एक मैच विजेता है। जब वह विकेट के पीछा अच्छा नहीं खेलता तो लोग उसकी आलोचना करते हैं, लेकिन वह आपको इस तरह मैच जीतने में मदद कर सकता है। अगर वह सिडनी में कुछ समय के लिए रुक जाता (तीसरा टेस्ट, मैच ड्रॉ), तो वह हमें वहां भी जीत दिला सकता था। वह शानदार है और इसलिए हम उसका समर्थन करते है।' पंत (138 गेंद में 89 रन नाबाद) ने अपनी भावनाओं पर काबू रखते हुए बल्लेबाजी की।
शास्त्री ने कहा कि सिडनी टेस्ट में 97 रन बनाने वाला पंत अगर टिक जाता तो भारत वह मैच भी जीत सकता था। उन्होंने कहा, 'वह सिडनी में भी जीत दिला देता अगर क्रीज पर कुछ देर और टिक गया होता, इस बार उसने सुनिश्चित किया कि अंत तक डटे रहना है। जब अच्छी विकेटकीपिंग नहीं करता तो उसकी आलोचना होती है लेकिन वह इस तरह से मैच जिता सकता है।'
भारतीय टीम ने 328 रन का रिकार्ड लक्ष्य हासिल करके बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी अपने पास रखी। टीम इंडिया ने आखिरी टेस्ट तीन विकेट से जीतकर चार मैचों की सीरीज 2-1 से अपने नाम की। भारतीय टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने फिटनेस समस्याओं से जूझ रही अपनी टीम की ऑस्ट्रेलिया पर टेस्ट श्रृंखला में जीत पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि एडिलेड में टेस्ट क्रिकेट में अपने न्यूनतम स्कोर 36 रन पर सिमटने के बाद यह अवास्तविक लगता है।
अब तक का सबसे कठिन दौरा
भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया
- फोटो : ट्विटर @mayankcricket
शास्त्री ने ऑस्ट्रेलिया के इस दौरे को अपना अब तक का सबसे कठिन दौरा बताया। उन्होंने कहा, 'यह सबसे कठिन दौरा था, इससे बढकर कुछ नहीं। 36 रन पर आउट होने के बाद यह अवास्तविक लगता है। पराजित होना अलग बात है, लेकिन हार मानना हमारे शब्दकोष में नहीं है।' शास्त्री ने कहा कि क्रिकेट जगह इस प्रदर्शन को लंबे समय तक याद रखेगा। ऋषभ पंत की 89 रन की नाबाद पारी के दम पर भारत ने 32 बरस बाद ऑस्ट्रेलिया को 'गाबा के किले' पर धूल चटाई।
यह जीत रातों-रात नहीं मिली
ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीत के बाद भारत
- फोटो : ट्विटर @BCCI
कोच ने एडिलेड में शर्मनाक हार के बाद शानदार जज्बा दिखा कर वापसी करने वाली पूरी टीम की तारीफ की जिसने विराट कोहली, जसप्रीत बुमराह, रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा जैसे दिग्गज खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में जबरदस्त जुझारूपन दिखाया। शास्त्री ने कहा कि पहले टेस्ट के बाद टीम के साथ नहीं होने के बावजूद कोहली की बातों ने पूरी टीम को प्रभावित किया। कोहली पहले टेस्ट के बाद पितृत्व अवकाश पर भारत लौट गए थे। उन्होंने कहा, 'यह टीम रातोंरात नहीं बनी है। विराट यहां नहीं होने के बावजूद हमारे साथ थे। उसकी बातें सब को प्रभावित कर रही थी।
रहाणे अंदर से मजबूत इंसान हैं
अजिंक्य रहाणे
- फोटो : social media
शास्त्री ने ऐतिहासिक श्रृंखला जीत में वाशिंगटन सुंदर, शार्दुल ठाकुर और टी नटराजन जैसे नए खिलाडियों के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि रहाणे भले ही शांत दिखें, लेकिन वह अंदर से एक मजबूत इंसान हैं। वाशिंगटन सुंदर नेट गेंदबाज के तौर पर आए थे, नटराजन नेट गेंदबाज थे, लेकिन उन्होंने बेहतरीन खेल दिखाया। सुंदर ने ऐसी बल्लेबाजी की जैसे कि उन्होंने पहले ही 20 टेस्ट खेल लिए हो। शार्दुल के साथ भी ऐसा ही है।'
ऋषभ पंत मैच विनर हैं
ऋषभ पंत
- फोटो : ट्विटर @ICC
शास्त्री ने कहा, 'हम विदेश में पंत को टीम में रखते हैं क्योंकि वह एक मैच विजेता है। जब वह विकेट के पीछा अच्छा नहीं खेलता तो लोग उसकी आलोचना करते हैं, लेकिन वह आपको इस तरह मैच जीतने में मदद कर सकता है। अगर वह सिडनी में कुछ समय के लिए रुक जाता (तीसरा टेस्ट, मैच ड्रॉ), तो वह हमें वहां भी जीत दिला सकता था। वह शानदार है और इसलिए हम उसका समर्थन करते है।' पंत (138 गेंद में 89 रन नाबाद) ने अपनी भावनाओं पर काबू रखते हुए बल्लेबाजी की।
सिडनी में भी जीत दिला देता पंत
शास्त्री ने कहा कि सिडनी टेस्ट में 97 रन बनाने वाला पंत अगर टिक जाता तो भारत वह मैच भी जीत सकता था। उन्होंने कहा, 'वह सिडनी में भी जीत दिला देता अगर क्रीज पर कुछ देर और टिक गया होता, इस बार उसने सुनिश्चित किया कि अंत तक डटे रहना है। जब अच्छी विकेटकीपिंग नहीं करता तो उसकी आलोचना होती है लेकिन वह इस तरह से मैच जिता सकता है।'